Gambhir-Gill: मैनचेस्टर टेस्ट के तीसरे दिन इंडियन टीम की गेंदबाजी की पोल खुलने के बाद ड्रेसिंग रूम के भीतर एक ऐसा वाकया हुआ, जिसने सबको चौंका दिया। खबर यह है कि इंडियन टेस्ट टीम के हेड कोच गौतम गंभीर और कप्तान शुभमन गिल के बीच टीम चयन को लेकर तीखी बहस हो गई।
बता दे मामला इतना बिगड़ गया कि दोनों एक-दूसरे पर चिल्ला पड़े। और यह सनसनीखेज दावा किसी और ने नहीं, बल्कि स्पोर्टयारी के वरिष्ठ एंकर सुशांत मेहता ने किया है। सुशांत मेहता के मुताबिक यह बहस भारत के स्पिनर कुलदीप यादव को लेकर हुई।
क्या हुआ था ड्रेसिंग रूम में?
मैनचेस्टर टेस्ट की बात करे तो इस दौरान इंग्लैंड की टीम ने भारतीय गेंदबाजों की जमकर धुनाई की। इंग्लैंड ने तीसरे दिन तक 544 रन बना डाले और इंडिया का गेंदबाजी आक्रमण पूरी तरह बेदम नजर आया। इस प्रदर्शन के बाद सवाल उठने लगे कि आखिर क्यों फॉर्म में चल रहे कुलदीप यादव को बाहर बैठाया गया। कई पूर्व क्रिकेटरों ने भी इस फैसले पर नाराजगी जताई, लेकिन ड्रेसिंग रूम में जो हुआ वो चौंकाने वाला था।
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सुशांत मेहता के मुताबिक, गंभीर और गिल के बीच टीम संयोजन को लेकर बहस शुरू हुई। शुभमन गिल ने कुलदीप यादव को अंतिम एकादश में शामिल न करने के फैसले पर सवाल उठाया। गिल का मानना था कि मैनचेस्टर की पिच स्पिनर्स के लिए मददगार है और ऐसे में कुलदीप को नजरअंदाज करना एक भारी गलती हो सकती है।
video link : सुशांत मेहता के मुताबिक, गंभीर और गिल के बीच टीम संयोजन को लेकर बहस शुरू हुई।
गंभीर बल्लेबाजी में गहराई बनाए रखने के पक्ष में
वहीं इसके उलट, गौतम गंभीर बल्लेबाजी में गहराई बनाए रखने के पक्ष में थे। उन्होंने कहा कि टीम को ऐसे खिलाड़ी चाहिए जो गेंद के साथ-साथ बल्ले से भी योगदान दे सकें, इसलिए शार्दुल ठाकुर को प्राथमिकता दी गई। फिर इस बात पर गिल भड़क उठे और उन्होंने सीधा कहा कि “अगर गेंदबाज विकेट नहीं लेंगे तो रन कौन बचाएगा?
कुलदीप जैसे फॉर्म में चल रहे स्पिनर को बाहर रखना टीम के साथ अन्याय है।” इस पर गंभीर भी शांत नहीं रहे, उन्होंने गिल की रणनीति को अपरिपक्व करार देते हुए दो टूक कहा कि, “बल्लेबाजी लगातार फेल हो रही है, हमें बैटिंग को मजबूत करना होगा।” फिर इसके बाद बहस इतनी तेज हो गई कि ड्रेसिंग रूम का माहौल तनावपूर्ण हो गया और दोनों की आवाजें बाहर तक सुनाई देने लगीं।
टीम मैनेजमेंट का पक्ष
बता दे तीसरे दिन खेल के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्कल ने खुद इस बात को स्वीकार किया कि टीम ने बल्लेबाजी संतुलन को प्राथमिकता दी है, और इसी कारण कुलदीप यादव को जगह नहीं दी गई। उन्होंने कहा, “हम कोशिश कर रहे हैं कि कुलदीप को प्लेइंग XI में शामिल करें, लेकिन बल्लेबाजी गहराई के चलते यह मुश्किल हो रहा है।”
लेकिन ये बयान सवालों के घेरे में आ गया है, क्योंकि जब शार्दुल ठाकुर को 135 ओवर में सिर्फ 11 ओवर ही दिए गए, और अंशुल कंबोज जैसे नए खिलाड़ी को डेब्यू मिल गया, तब कुलदीप को नजरअंदाज करना कहीं से भी क्रिकेटिंग लॉजिक में फिट नहीं बैठता।
ऐसे में अब सवाल उठ रहा है — क्या कोच और कप्तान के बीच ये मतभेद भारत के टेस्ट अभियान पर भारी पड़ेंगे? कुलदीप जैसे प्रभावशाली गेंदबाज को लगातार नजरअंदाज करना और ड्रेसिंग रूम में मतभेद टीम के लिए आने वाले WTC चक्र में बड़ी चुनौती साबित हो सकते हैं।
नोट : बता दे ये सारा विश्लेषण स्पोर्टयारी के वरिष्ठ एंकर सुशांत मेहता ने स्पोर्टयारी के यूट्यूब चैनल के वीडियो में कवर किया है। और ये लेख भी इसी वीडियो पर आधारित है।