Gautam Gambhir: भारतीय क्रिकेट में कई ऐसे खिलाड़ी हैं, जो अपनी प्रतिभा के बल पर राष्ट्रीय टीम में जगह बनाते हैं और फिर अपने प्रदर्शन से टीम को महत्वपूर्ण जीत दिलाते हैं। ऐसा ही एक नाम है जिसकी तुलना अक्सर हार्दिक पांड्या और बेन स्टोक्स से की जाती है।
इस प्लेयर ने भारतीय टीम के लिए अपने खेल से शानदार योगदान दिया है, लेकिन हाल के दिनों में उसे टीम में मौका नहीं मिल रहा है। इसके पीछे जो सबसे बड़ा कारण बताया जा रहा है, वह है मौजूदा हेड कोच गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) को बताया जाता है। कहा जाता है कि अब गंभीर (Gautam Gambhir) युवाओं को मौका देना चाहते हैं।
Gautam Gambhir के चलते हो रही अनदेखी
लेकिन जब से गौतम गंभीर को टीम इंडिया का हेड कोच बनाया गया है, शार्दुल ठाकुर को टीम में उतने मौके नहीं मिल रहे हैं, जितने पहले मिलते थे। गंभीर की कोचिंग में शायद शार्दुल ठाकुर को उतना भरोसा नहीं दिया जा रहा है, जितना उन्हें पहले दिया जाता था। क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि गौतम गंभीर की रणनीतियों के चलते शार्दुल का करियर प्रभावित हुआ है।
हार्दिक पांड्या को टीम के प्रमुख ऑलराउंडर के रूप में देखा जाता है, और शायद इस वजह से शार्दुल ठाकुर की भूमिका को सीमित कर दिया गया है। इसके अलावा, टीम में कई नए खिलाड़ियों के आने से भी शार्दुल के लिए स्पेस कम हो गया है। हालांकि, इसमें कोई शक नहीं है कि शार्दुल ठाकुर की ऑलराउंड क्षमता को नकारा नहीं जा सकता है, लेकिन गंभीर की कोचिंग के चलते उनका टीम में स्थान सुरक्षित नहीं है।
उतार-चढ़ाव भरा रहा है Shardul Thakur का करियर
शार्दुल ठाकुर ने भारतीय क्रिकेट टीम के लिए कुछ यादगार प्रदर्शन किए हैं। चाहे वह उनकी गेंदबाजी हो या बल्लेबाजी, वह दोनों ही क्षेत्रों में टीम के लिए एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी रहे हैं। खासकर टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने कई अहम मौकों पर शानदार प्रदर्शन किया।
उनका ऑलराउंड खेल भारतीय टीम को कई मुश्किल परिस्थितियों से निकालने में मददगार साबित हुआ है। उनके प्रशंसक और क्रिकेट विशेषज्ञ उन्हें बेन स्टोक्स और हार्दिक पांड्या जैसे महान ऑलराउंडरों के बराबर मानते हैं। लेकिन हालिया समय में उनकी टीम में गैरमौजूदगी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां पहले उन्हें नियमित रूप से मौके मिलते थे, अब उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है।
Ravi Shastri और Rahul Dravid के कोचिंग कार्यकालें मिलते थे मौके
शार्दुल ठाकुर को पहले के हेड कोच रवि शास्त्री और फिर राहुल द्रविड़ के कार्यकाल में लगातार मौके दिए जाते थे। यह दोनों कोच शार्दुल की ऑलराउंड क्षमता पर विश्वास करते थे और उन्हें टीम का महत्वपूर्ण हिस्सा मानते थे। उनके कार्यकाल में शार्दुल को टेस्ट टीम में एक स्थायी स्थान दिया गया था, और उन्होंने कई अहम मुकाबलों में अपने प्रदर्शन से साबित भी किया कि वह इस भूमिका के काबिल हैं।
चाहे वह गेंदबाजी हो या निचले क्रम में बल्लेबाजी, शार्दुल का योगदान टीम के लिए बेहद महत्वपूर्ण रहा। शार्दुल ठाकुर की शानदार गेंदबाजी और दमदार बल्लेबाजी ने उन्हें टीम इंडिया का अहम खिलाड़ी बना दिया था। खासकर गाबा टेस्ट में उनकी 67 रन की महत्वपूर्ण पारी और चार विकेट ने भारत को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी।