Cheteshwar Pujara: भारतीय क्रिकेट में किसी भी दिग्गज खिलाड़ी का रिप्लेसमेंट खोजना आसान काम नहीं होता है। हालांकि, बल्लेबाजी में सचिन तेंदुलकर के जाने के बाद विराट कोहली ने मोर्चा संभाला, वहीं राहुल द्रविड़ के बाद चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) नई दीवार बनकर सामने आया। द्रविड़ की तरह पुजारा भी अपने धैर्य और डटकर बल्लेबाजी करने के अंदाज से गेंदबाजों के हौसले पस्त कर देते थे।
हालांकि, अब चेतेश्वर पुजारा ने भी इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया है और घरेलू क्रिकेट भी नहीं खेलेंगे। सरल शब्दों में कहें तो उन्होंने सभी फॉर्मेट से संन्यास ले लिया है। पुजारा पिछले कुछ साल में कम ही टीम इंडिया के लिए खेलते नजर आए लेकिन एक समय था, जब उन्होंने नंबर 3 पर टेस्ट में भारत के लिए बखूबी जिम्मेदारी निभाई। ऐसे में अब उनके रिप्लेसमेंट की तलाश होगी। भारत के पास एक ऐसा खिलाड़ी है, जो पुजारा (Pujara) का सही उत्तराधिकारी साबित हो सकता था लेकिन उसे मौके ही नहीं मिल रहे हैं।
हनुमा विहारी हो सकते थे Pujara के असली रिप्लेसमेंट
जी हां, घरेलू क्रिकेट में हैदराबाद और आंध्रा की तरफ से खेल चुके हनुमा विहारी (Hanuma Vihari) को एक समय चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) का सबसे सटीक रिप्लेसमेंट माना जा रहा था। जब पुजारा (Pujara) को ड्रॉप किया गया था तब उम्मीद थी कि विहारी को नंबर 3 पर मौका मिलेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ और शुभमन गिल इस पोजीशन पर खेलने लगे। हालांकि, गिल ने अब यह पोजीशन छोड़ दी है और उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ हालिया टेस्ट सीरीज में नंबर 4 पर बल्लेबाजी की।
विहारी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी टेस्ट चोटिल होने के बावजूद घंटों डटकर बल्लेबाजी की थी और 161 गेंदों का सामना करते हुए रविचंद्रन अश्विन के साथ मैच को ड्रॉ कराया था। तभी से चर्चा शुरू हो गई थी कि यह खिलाड़ी पुजारा (Pujara) के बाद उनकी जगह ले सकता है लेकिन इसके बाद धीरे-धीरे विहारी पूरी तरह से टीम से बाहर हो गए।
द्रविड़ के बाद गंभीर ने भी नहीं दिखाया विहारी पर भरोसा
हनुमा विहारी ने अपने टेस्ट करियर का आगाज रवि शास्त्री की कोचिंग में किया था। इसके बाद, उन्हें कुछ सीरीज में लगातार मौका मिला। राहुल द्रविड़ भी जब कोच बने तो उन्होंने शुरुआत में हनुमा को मौके दिए लेकिन फिर उंनका भरोसा भी डगमगा गया और अन्य खिलाड़ियों को आजमाया। वहीं हाल ही में जब इंग्लैंड टूर से पहले रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे अनुभवी बल्लेबाजों ने संन्यास ले लिया तो भी विहारी को मौका नहीं मिला। उनको नजरअंदाज करते हुए गौतम गंभीर एंड कंपनी ने करुण नायर पर भरोसा दिखाया।
हालांकि, करुण भी लगभग 8 साल बाद वापसी करते हुए कुछ खास कमाल नहीं कर पाए। ऐसे में सवाल फिर उठने शुरू हो गए हैं कि क्या गंभीर हनुमा विहारी को मौका देंगे। भारत को आने वाले समय में कुछ अहम टेस्ट सीरीज खेलनी हैं। ऐसे में देखने वाली बात होगी कि नंबर 3 पर विहारी को मौका मिलेगा या नहीं।
हनुमा विहारी के टेस्ट करियर के आंकड़ों पर एक नजर
दाएं हाथ के बल्लेबाज ने इंग्लैंड के खिलाफ ओवल में सात साल पहले टेस्ट डेब्यू किया था। इसके बाद से विहारी को अब तक 16 टेस्ट मैच ही खेलने का मौका मिला है। इस दौरान विहारी ने 28 पारियों में 33.56 की औसत से 839 रन बनाए हैं। उनके बल्ले से 1 शतक और 5 अर्धशतक भी आए हैं। विहारी ने अपना आखिरी टेस्ट 2022 में खेला था।
FAQs
हनुमा विहारी का टेस्ट डेब्यू कब हुआ था?
हनुमा विहारी ने अपना आखिरी टेस्ट कब खेला था?
यह भी पढ़ें: KKR से खेले क्रिकेटर Harshit का ऐतिहासिक फैसला, अचानक ज्वाइन कर ली UAE की टीम