विराट कोहली (Virat Kohli): विराट कोहली (Virat Kohli) भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान रहे है. उनकी कप्तानी में टीम इंडिया ने टेस्ट क्रिकेट में लम्बे समय तक नंबर 1 पर बनी रही थी. उन्होंने अपनी कप्तानी में कई ऐसे फैसले लिए थे जिसकी वजह से टीम नंबर 1 पर बनी हुई रही थी.
बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में टीम इंडिया को मिली करारी हार के बाद अब बीसीसीआई विराट कोहली के नियम को वापस ला सकती है ताकि टीम इंडिया एक बार फिर से जीत की राह पर जा सकें. हालंकि अगर ये नियम फिर से भारतीय क्रिकेट में आता है तो इसकी वजह से टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा का सबसे पहले टीम इंडिया से पत्ता कट सकता है.
यो यो टेस्ट की हो सकती हैं वापसी
आपको बता दें, कि बीसीसीआई ने ऑस्ट्रेलिया में मिली हार के बाद रिव्यु मीटिंग की थी जिसके बाद ये खबर बाहर निकल कर आ रही है कि एक बार फिर से इंडियन क्रिकेट में यो यो टेस्ट की वापसी हो सकती है. ताकि खिलाड़ी और ज्यादा फिट हो सकें। खिलाड़ियों की फिटनेस को परखने का सबसे अच्छा टेस्ट माना जाता है.
Virat Kohli की कप्तानी में आया था यो यो टेस्ट
🚨 BCCI PLANNING TO BRING BACK VIRAT KOHLI’S FITNESS FORMULA 🚨
– The BCCI could look to bring back the Yo-Yo Test to once again improve the fitness standards in Team India. Virat Kohli had started this formula in his Captaincy tenure. (TOI). pic.twitter.com/1gqqPReq8v
— Tanuj Singh (@ImTanujSingh) January 16, 2025
ये तरीका विराट कोहली अपने के कप्तान रहते हुए टीम इंडिया के खिलाड़ियों के लिए लेकर आये थे. जिसके तहत ही किसी खिलाड़ी का सेलेक्शन टीम में तय होता था जब वो यो यो टेस्ट में पास होता था. इस टेस्ट में कई बड़े भारतीय खिलाड़ी फेल हो गए थे जिसकी वजह से उनका टीम इंडिया में सेलेक्शन नहीं हो सका था.
उस समय इस टेस्ट की वजह से भारतीय खिलाड़ियों का फिटनेस में सुधार देखने को मिला था. अगर यो यो टेस्ट की फिर से वापसी होती है तो भारतीय कप्तान का टीम में सेलेक्ट होना काफी मुश्किल हो सकता है. रोहित शर्मा टीम के सबसे कम फिट खिलाड़ियों में से एक है.
कोहली की कप्तानी के बाद बंद हो गया था यो यो टेस्ट
हालाँकि कोहली के कप्तानी छोड़ने के बाद यो यो टेस्ट बंद कर दिया गया था. इस टेस्ट को इसलिए बंद किया गया था ताकि खिलाड़ी चोटिल होने से बच सकें लेकिन अब बीसीसीआई की मेडिकल टीम को सलाह दी गई है कि वो एक बार फिर से इस टेस्ट को सेलेक्शन क्राइटेरिया में शामिल करें, जिससे खिलाड़ियों की फिटनेस में सुधार देखने को मिल सकें.