Gambhir: भारतीय क्रिकेट टीम में वापसी किसी सपने के सच होने जैसा होता है। एक बार टीम से ड्राप होने के बाद हर खिलाड़ी के दिल में एक आस रहती है कि जल्दी उसे वापस टीम में चुन लिया जाए। और जब एक खिलाड़ी को लम्बे इंतज़ार के बाद टीम में जगह मिलती है तब भी वो कुछ ख़ास कमाल दिखाने में असमर्थ रहता है तो ऐसे में किसकी गलती होगी।
ऐसे ही एक खिलाड़ी है जिन्हें इंग्लैंड टेस्ट सीरीज मे सिर्फ कोच गंभीर (Gambhir) की वजह से मौका मिल लेकिन उसमें फ्लॉप होने के बाद भी वो बचे हुए टेस्ट मैच खेलते हुए दिख सकते है।
एक समय तिहरा शतक, आज संघर्ष की चौखट पर
याद दिला दें करुण नायर ने जब 2016 में टेस्ट क्रिकेट में इंग्लैंड के खिलाफ तिहरा शतक जड़ा था, तब उन्होंने दुनिया को बता दिया था कि वह खास हैं। अपने तीसरे टेस्ट में 303 रन बनाकर वे भारतीय क्रिकेट इतिहास के गिने-चुने बल्लेबाजों में शामिल हो गए थे। लेकिन अफसोस, उस शतक के बाद उनकी बल्लेबाजी में वो निरंतरता नहीं दिखी, जिसकी अपेक्षा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में की जाती है।
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हालांकि इसके चलते 2017 में उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया। इसके बाद एक लंबा अंतराल आया जिसमें नायर सिर्फ घरेलू क्रिकेट में ही अपनी छाप छोड़ते रहे। कई बार उनकी पारियों ने सोशल मीडिया और न्यूज हेडलाइंस में हलचल मचाई, लेकिन टीम इंडिया के दरवाज़े बंद ही रहे।
इंग्लैंड टेस्ट सीरीज मे फ्लॉप रहे हैं करुण नायर
याद दिला दे अब तक मिली चार पारियों में करुण नायर कुल मिलाकर सिर्फ 77 रन बना सके हैं। इन पारियों में उनका सर्वोच्च स्कोर 31 रन रहा है, जो यह दर्शाता है कि वह टिक नहीं पा रहे हैं। और तो और एक पारी में वे खाता तक नहीं खोल सके, जबकि दो अन्य पारियों में शुरुआत को बड़ी पारी में बदलने में असफल रहे।
यह आंकड़ा और भी चौंकाने वाला तब हो जाता है, जब टीम के अन्य बल्लेबाज़ उन्हीं परिस्थितियों में दोहरे शतक और बड़ी पारियां खेलने में सफल हो रहे हैं। इंग्लैंड की पिचों पर जहां रन बह रहे हैं, वहीं नायर की बल्लेबाज़ी फीकी सी लगने लगी है।
मौका अभी है, लेकिन अब नहीं चला बल्ला तो दरवाज़े बंद
भारतीय टेस्ट टीम में अब कॉम्पिटिशन बहुत तीव्र है। हर मैच में कई खिलाड़ी बाहर बैठकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। ऐसे में अगर करुण नायर को एक और मौका मिलता है, तो वह उनके करियर के लिए निर्णायक साबित हो सकता है। चयनकर्ता और टीम मैनेजमेंट उन्हें लगातार समर्थन दे रहे हैं, लेकिन समर्थन भी एक हद तक ही टिकता है।
टीम की जीत भले ही उनकी असफलता पर फिलहाल पर्दा डाल रही हो, लेकिन अगर आने वाली पारियों में भी उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा, तो अगले मैचों में उनकी जगह खतरे में पड़ सकती है।
Gambhir के चलते मिल रहा है टीम में मौका
आखिरकार, सवाल यही उठता है, क्या करुण नायर दोबारा उस आत्मविश्वास को हासिल कर पाएंगे, जो उन्होंने तिहरा शतक लगाते समय दिखाया था? क्या वो घरेलू क्रिकेट की फॉर्म को इंटरनेशनल स्टेज पर भी दोहरा पाएंगे?
फिलहाल, उनके पास एक और मौका हो सकता है, दरअसल ऐसे कयास लगाए जा रहे है कि गंभीर उन्हें 5 मैचों की टेस्ट सीरीज़ में बाकी बचे तीन मैचों में भी चांस दे सकते है। लेकिन अगर इस बार भी बल्ला खामोश रहा, तो यह करुण नायर की वापसी का अंत भी हो सकता है।