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अब मंदिर में पूजा-पाठ करें या मस्जिद में पढ़ें नमाज, इन 3 खिलाड़ियों को कोच गंभीर अब कभी नहीं देंगे मौका

Now worship in the temple or offer namaz in the mosque, coach Gambhir will never give a chance to these 3 players.

Coach Gambhir – ये बात सौ प्रतिशत सच है कि इंडियन क्रिकेट में मौके बार-बार नहीं मिलते। लिहाज़ा अगर आप एक या दो मौकों को गंवा दें, तो वापसी बेहद मुश्किल हो जाती है। दरअसल, मौजूदा समय में टीम के कोच गंभीर (Coach Gambhir) अपनी सख्त नीति और प्रदर्शन-आधारित चयन के लिए जाने जाते हैं। ऐसे में हालिया इंग्लैंड दौरे के बाद तीन ऐसे खिलाड़ी सामने आए हैं, जिनका प्रदर्शन इतना निराशाजनक रहा कि अब लग रहा है, कोच गंभीर (Coach Gambhir) की नजर में उनका पत्ता कट चुका है। कौन है ये तीन नाम हैं आइये जानते है। 

करुण नायर ने वापसी का सुनहरा मौका भी गंवाया

अब मंदिर में पूजा-पाठ करें या मस्जिद में पढ़ें नमाज, इन 3 खिलाड़ियों को कोच गंभीर अब कभी नहीं देंगे मौका 1दरअसल, कभी तिहरे शतक के लिए सुर्खियां बटोरने वाले करुण नायर ने इंग्लैंड दौरे पर घरेलू क्रिकेट की दमदार फॉर्म के दम पर वापसी की थी। लिहाज़ा, चयन के समय उनसे बड़ी उम्मीद थी कि वह अपनी फॉर्म को इंटरनेशनल स्तर पर दोहराएंगे। लेकिन हकीकत में करुण नायर पूरी तरह फ्लॉप रहे। बता दे द ओवल टेस्ट की पहली पारी में उन्होंने अर्धशतक जरूर जड़ा, लेकिन बाकी पारियों में न तो कोई बड़ी पारी खेल सके और न ही कभी स्थिरता दिखा पाए।

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रिकॉर्ड के हिसाब से सीरीज में खेले गए 4 टेस्ट में उनके बल्ले से कुल 205 रन आए, जिसमें सिर्फ एक पचासा शामिल रहा। वहीं दूसरी पारी में तो उन्होंने 17 रन बनाकर गस एटकिंसन की गेंद पर विकेटकीपर को कैच थमा दिया। ऐसे में कोच गंभीर (Coach Gambhir), जो मौके को भुनाने पर जोर देते हैं, शायद अब नायर को फिर से मौका देने से पहले कई बार सोचेंगे।

नितीश रेड्डी के डेब्यू के बाद तेज गिरावट

इसके बाद ऑस्ट्रेलिया दौरे पर शतक जड़कर चर्चा में आए नितीश रेड्डी से इंग्लैंड में भी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद थी। बता दे पर्थ, एडिलेड और मेलबर्न में उन्होंने शुरुआती पारियों में रन बनाए, लेकिन शतक के बाद उनका बल्ला खामोश हो गया। बल्कि इंग्लैंड में तो स्थिति और भी खराब रही, क्यूंकि कई पारियों में वह 1 रन या शून्य पर आउट होते रहे।

और तो और लॉर्ड्स टेस्ट की पहली पारी में खाता खोलने के लिए उन्हें 21 गेंदें लगीं और वह दो बार रन आउट होने से भी बचे। वहीं आखिरी मैच में भी उन्होंने 30 और 13 रन की छोटी पारियां खेलीं। हालांकि गेंदबाजी में 3 विकेट जरूर मिले, लेकिन कोच गंभीर (Coach Gambhir) की सोच में, एक बैटिंग ऑलराउंडर का मुख्य काम बल्ले से मैच जिताना है, और नितीश इस कसौटी पर बुरी तरह फ्लॉप हुए।

शार्दुल ठाकुर अपनी ‘गोल्डन आर्म’ भी नहीं बचा पाई जगह

वहीं इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट में चोटिल नितीश रेड्डी की जगह शार्दुल ठाकुर को मौका मिला। ऐसे में यह एक तरह से उनका खुद को साबित करने का आखिरी मौका था। रिकॉर्ड के हिसाब से शार्दुल ने 41 रन की पारी खेली, लेकिन वह भी 88 गेंदों में, बिना अर्धशतक पूरे किए। और तो और गेंदबाजी में भी उनका असर खास नहीं दिखा।

कोच गंभीर (Coach Gambhir) की रणनीति के अनुसार, इंडिया टीम में जगह पाने के लिए या तो आपको बल्ले से मैच जिताना होगा या गेंद से, लेकिन शार्दुल इस मैच में दोनों ही भूमिकाओं में औसत रहे है।

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Nitish Kumar

मैं नितीश कुमार, एक समर्पित क्रिकेट कंटेंट राइटर हूँ। मेरा लक्ष्य है मैदान पर...

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