Triple Century in ODI Cricket : वनडे क्रिकेट (ODI Cricket) की दुनिया में जब भी बात सबसे बड़ी व्यक्तिगत पारी की होती है, तो हर किसी की जुबान पर पहला नाम रोहित शर्मा (Rohit Sharma) का आता है। 2014 में श्रीलंका के खिलाफ 264 रनों की ऐतिहासिक पारी खेलकर उन्होंने जो रिकॉर्ड बनाया था, उसे अब तक कोई तोड़ नहीं पाया।
लेकिन अब क्रिकेट जगत में एक नया नाम गूंज रहा है—एक ऐसा भारतीय मूल का युवा खिलाड़ी जिसने वनडे (ODI Cricket) जैसे सीमित ओवरों के मुकाबले में ट्रिपल सेंचुरी ठोककर सबको हैरान कर दिया। इस खिलाड़ी की पारी इतनी विस्फोटक थी कि हर गेंदबाज उनके सामने बेबस नजर आया।
ODI Cricket :141 गेंदों पर तूफानी 314 रन
यह कारनामा किया है ऑस्ट्रेलिया के हरजस सिंह ने जिन्होंने न्यू साउथ वेल्स प्रीमियर क्रिकेट टूर्नामेंट में खेला गया यह मुकाबला इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया। वेस्टर्न सबर्ब्स क्लब की ओर से खेलते हुए हरजस सिंह ने 141 गेंदों पर 314 रन की विस्फोटक पारी खेली। उनकी इस पारी में 35 छक्के और 12 चौके शामिल थे — यानी 258 रन तो सिर्फ बॉउंड्री से ही बने!
शुरुआत में हरजस ने संभलकर खेला, लेकिन जब उनकी आंखें जम गईं, तो गेंदबाजों पर कहर टूट पड़ा। पहले 50 रन उन्होंने 33 गेंदों में पूरे किए, जबकि पहला शतक 74 गेंदों में आया। इसके बाद उन्होंने दूसरा शतक सिर्फ 29 गेंदों में ठोक दिया। जब तक पारी खत्म हुई, स्कोरबोर्ड पर उनका नाम 314 रनों के साथ चमक रहा था। उनकी पारी के दम पर टीम ने 483 रनों का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया।
ग्रेड क्रिकेट में बना अनोखा इतिहास
हरजस सिंह की यह पारी ग्रेड क्रिकेट इतिहास की सबसे धमाकेदार पारियों में से एक बन गई है। वह ग्रेड-लेवल क्रिकेट के सीमित ओवरों के प्रारूप में तिहरा शतक लगाने वाले पहले खिलाड़ी बन गए हैं। इससे पहले कोई भी बल्लेबाज इस फॉर्मेट में 300 रन के पार नहीं पहुंच पाया था।
इतना ही नहीं, हरजस न्यू साउथ वेल्स प्रीमियर फर्स्ट ग्रेड क्रिकेट के इतिहास में तिहरा शतक लगाने वाले तीसरे खिलाड़ी भी बन गए हैं। इससे पहले केवल दो दिग्गज — फिल जैक्स (321 रन) और विक्टर ट्रम्पर (335 रन) — ही इस खास क्लब में शामिल थे। अब हरजस ने इन दिग्गजों की सूची में जगह बनाकर ऑस्ट्रेलियाई घरेलू क्रिकेट में अपना नाम सुनहरे अक्षरों में लिखवा लिया है।
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यह मेरे जीवन की सबसे खास पारी थी — हरजस
रिकॉर्ड तोड़ पारी के बाद हरजस सिंह ने फॉक्स क्रिकेट से बातचीत में अपनी भावनाएं साझा कीं। उन्होंने कहा,
“यह मेरे जीवन की अब तक की सबसे बेहतरीन पारी थी। मैं तो बस शतक से खुश था, क्योंकि मैंने अपनी मां से कहा था कि अगर मैं इस मैच में शतक लगाऊंगा तो क्या आप मुझे अपनी कार चलाने दोगी। लेकिन आज का दिन कुछ अलग था।”
उन्होंने आगे कहा,
“पिछले एक-दो सीज़न में मैं मैदान के बाहर की चीज़ों में ज्यादा उलझ गया था, लेकिन अब मैंने खुद को सिर्फ क्रिकेट पर केंद्रित करना शुरू किया है। मैंने ऑफ-सीजन में अपनी पावर हिटिंग पर बहुत मेहनत की थी और आज उसका नतीजा मिला। यह मेरे लिए बहुत खास दिन है।”
हरजस सिंह की यह रिकॉर्डतोड़ पारी अब ऑस्ट्रेलियाई चयनकर्ताओं की नजरों में उन्हें एक बड़े दावेदार के रूप में स्थापित कर चुकी है। उनके साथी खिलाड़ी जैसे सैम कॉन्स्टास, ह्यूग वेबजेन, माहली बियर्डमैन और ओलिवर पीक पहले ही राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुके हैं। अब हरजस की यह तिहरी शतकीय पारी इस बात का संकेत है कि ऑस्ट्रेलिया के पास भविष्य का एक और सुपरस्टार तैयार हो चुका है — और इस बार उसकी जड़ें भारत से जुड़ी हैं।
भारतीय जड़ें, ऑस्ट्रेलिया में चमकता सितारा
हरजस सिंह भले ही ऑस्ट्रेलिया में जन्मे हों, लेकिन उनकी जड़ें भारत से जुड़ी हैं। उनके माता-पिता चंडीगढ़, भारत से हैं, जो साल 2000 में सिडनी जाकर बस गए थे। बचपन से ही हरजस के अंदर क्रिकेट के लिए जुनून था — स्कूल टूर्नामेंट से लेकर जूनियर क्रिकेट तक, उन्होंने अपनी बल्लेबाजी से सबका ध्यान खींचा।
हरजस ने 2024 के अंडर-19 वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया का प्रतिनिधित्व किया था। उस टूर्नामेंट के फाइनल में उन्होंने भारत के खिलाफ 64 गेंदों पर 55 रन की अहम पारी खेली थी। वह उस मैच में ऑस्ट्रेलिया की तरफ से सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी थे। उनकी इस पारी की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने खिताब जीता था। अब यह ट्रिपल सेंचुरी उनके करियर का सबसे बड़ा माइलस्टोन बन गई है।
FAQs
हरजस सिंह ने किस टूर्नामेंट में 300 से अधिक रन बनाए?
ODI क्रिकेट इतिहास में सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर किसके नाम है?
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