Suresh Raina – कहते है कुछ ख़बर सालों तक ज़िंदा रहती है, और ही कुछ वर्ल्ड कप 2011 के साथ भी हो रहा है, क्यूंकि क्रिकेट की दुनिया में 2011 वर्ल्ड कप की जीत को लेकर बहस आज भी थमी नहीं है। बता दे कभी धोनी के आखिरी छक्के को जीत का असली कारण बताया जाता है, तो कभी गौतम गंभीर की 97 रन की शानदार पारी को टीम इंडिया की सफलता की नींव कहा जाता है।
लेकिन अब इसी बहस के बीच अब सुरेश रैना (Suresh Raina) भी सामने आए हैं और उन्होंने अपने स्पष्ट शब्दों में बता दिया है कि कौन सही है और कौन गलत। तो आइये विस्तार से इस बारे में जानते है।
सुरेश रैना ने दिया साफ जवाब
दरअसल, हाल ही में एक पॉडकास्ट में जब रैना (Suresh Raina) से पूछा गया कि क्या गौतम गंभीर का यह दावा सही है कि “भारत सिर्फ धोनी के छक्के से वर्ल्ड कप नहीं जीता,” तो रैना ने बिना झिझके कहा: “छक्के ने तो जिताया है, सबको पता है वो।” ऐसे में रैना (Suresh Raina) का यह बयान इस बहस को और गर्म कर देता है। साथ ही उनका मानना है कि धोनी का वह छक्का सिर्फ एक शॉट नहीं था, बल्कि वर्ल्ड कप 2011 का निर्णायक पल था जिसने पूरी टीम और देश को जश्न में डूबो दिया।
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टीम इंडिया की जीत सामूहिक प्रयास थी
हालांकि रैना (Suresh Raina) ने यह भी साफ किया कि वर्ल्ड कप 2011 जीत केवल धोनी या गंभीर (Dhoni – Gambhir) की वजह से नहीं आई। यह पूरी टीम इंडिया (Team India), सपोर्ट स्टाफ, कोचिंग टीम और उन सभी लोगों की मेहनत का नतीजा था जिन्होंने वर्षों तक तैयारी की। रैना (Suresh Raina) ने कहा: “वर्ल्ड कप टीम इंडिया ने जीता था। यह खिलाड़ियों, कोचों, डॉक्टरों, ट्रेनरों और उन सभी के लिए था जिन्होंने हमारे लिए प्रार्थना की। यह सचिन तेंदुलकर के लिए भी था, जिन्होंने छह वर्ल्ड कप खेले लेकिन पहली बार ट्रॉफी उठाई।”
युवराज सिंह को बताया असली हीरो
साथ ही रैना (Suresh Raina) ने खासतौर पर युवराज सिंह की तारीफ की और उन्हें टूर्नामेंट का असली हीरो बताया। दरअसल, उनके मुताबिक, युवराज की बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग ने पूरे टूर्नामेंट में टीम इंडिया को जीत की ओर धकेला। रैना (Suresh Raina) ने कहा: “हम वर्ल्ड कप युवराज की बदौलत जीते। जिस तरह उन्होंने कैंसर से जूझते हुए प्रदर्शन किया, वो अद्भुत था। उन्हें असली सलाम बनता है।”
धोनी बनाम गंभीर – कौन सही?
साथ ही गंभीर का मानना है कि भारत ने वर्ल्ड कप केवल धोनी के छक्के से नहीं बल्कि पूरी टीम की मेहनत से जीता। दूसरी ओर, रैना (Suresh Raina) का कहना है कि वह छक्का ही जीत की असली तस्वीर है, क्योंकि उसने मैच का अंत कर दिया और भारत को ट्रॉफी दिलाई। यानी, रैना (Suresh Raina) के हिसाब से गंभीर का दावा अधूरा है और धोनी का आखिरी शॉट ही इतिहास का सबसे बड़ा पल है।
एशिया कप और टीम इंडिया का आत्मविश्वास
असल में दिलचस्प बात यह है कि जिस तरह 2011 वर्ल्ड कप की जीत ने टीम इंडिया को आत्मविश्वास दिया, उसी तरह अब आने वाले एशिया कप को लेकर भी खिलाड़ियों पर जिम्मेदारी होगी। रैना (Suresh Raina) का यह बयान याद दिलाता है कि चाहे वर्ल्ड कप 2011 हो या एशिया कप, जीत सिर्फ किसी एक खिलाड़ी की वजह से नहीं आती, बल्कि पूरी टीम के सामूहिक प्रयास से मिलती है।