Team India: एक होनहार खिलाड़ी, जो टीम इंडिया के साथ इंग्लैंड दौरे पर भी गया था, का करियर अब अचानक खत्म होने की कगार पर है। कभी भविष्य के सितारे माने जाने वाले इस खिलाड़ी (Player) का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफर प्रदर्शन की कमी के बीच धूमिल होता दिख रहा है।
फॉर्म और फिटनेस की चिंताओं ने उनके करियर पर ग्रहण लगा दिया है, ऐसे में चयनकर्ता भी इसे नजरअंदाज करने लग गए हैं। लम्बे इंतजार के बाद इसे टीम इंडिया में वापसी का मौका मिला था लेकिन जब समय ने साथ दिया तो फॉर्म दगा कर गया। अब भारत की जर्सी फिर से पहनने का उनका सपना टूटता लग रहा है। इस प्लेयर (Player) का किस्सा हमें बताता है कि क्रिकेट का खेल कितना अप्रत्याशित हो सकता है।
आठ साल बाद हुई थी Player की वापसी
क्रिकेट (Cricket) को यूं ही अप्रत्याशित गेम नहीं कहते, यहां कुछ भी तय नहीं होता। तभी को एक मैच से क्रिकेट जगत में हीरो बने इस क्रिकेट प्लेयर को फॉर्म के पीक पर रहते हुए टीम से बाहर होना पड़ा। और जब सालों की जद्दोजहद के बाद मौका मिला तो फॉर्म रूठ गया। मसलन नाकामी फिर खाते में दर्ज हो गई। और अब तो लगता है कि टीम इंडिया (Team India) की जर्सी भी उससे दूर भाग रही है। तभी तो ऑस्ट्रेलिया-ए के खिलाफ चुनी गई भारत-ए टीम में भी इसे स्थान नहीं मिला है। आपको स्पष्ट कर दें कि हम यहां बात करुण नायर (Karun Nair) की कर रहे हैं।
करुण नायर का क्रिकेट करियर उम्मीद और जज्बों से भरा है। हालांकि सफलता उम्मीद के मुताबिक नहीं मिली। 2016 में ऐतिहासिक तिहरे शतक से सुर्खियां बटोरने के बाद, उन्होंने हाल ही में इंग्लैंड दौरे के दौरान आठ साल बाद राष्ट्रीय टेस्ट टीम में वापसी की। उन्हें दूसरा मौका मिला तो जरूर लेकिन उनका प्रदर्शन (चार टेस्ट मैचों में 25.62 की औसत से 205 रन) उम्मीदों से काफी कम रहा। हालांकि ओवल में एक दमदार अर्धशतक नायर के बल्ले से जरूर आया लेकिन चयनकर्ताओं का ध्यान आकर्षित करने के लिए पर्याप्त नहीं था।
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Akash Chopra का बेबाक आकलन
पूर्व क्रिकेटर और कमेंटेटर/विश्लेषक आकाश चोपड़ा ने भी करुण नायर के भविष्य का बेबाक आकलन किया है। उन्होंने कहा है कि पूरी तरह से फिट होने के बावजूद, नायर को इंडिया-ए टीम से बाहर कर दिया गया और ऐसा लगता है कि चयनकर्ताओं ने इस Player को नजरअंदाज कर दिया।
आकाश चोपड़ा ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, ‘श्रेयस अय्यर (Shreyash Iyer) को कप्तान क्यों बनाया गया है? ऐसा इसलिए, क्योंकि टेस्ट मैचों में तीसरा और छठा स्थान अब भी खाली है। साई सुदर्शन और ईश्वरन भी टीम में हैं, लेकिन करुण नायर टीम में नहीं हैं।’ उन्होंने कहा, ‘यह एक बड़ा कदम है, क्योंकि करुण ने दूसरा मौका मांगा था।’
पूर्व क्रिकेटर ने कहा, ‘करुण नायर को बैटिंग ऑर्डर में ऊपर-नीचे किया गया, तीसरे और छठे नंबर पर भेजा गया। इसके बावजूद, उन्होंने कुछ रन बनाए। मुझे लगा था कि उन्हें वेस्टइंडीज (West Indies) के भारत दौरे में मौका मिलेगा। दुर्भाग्य से, आप करुण नायर को अब खेलते हुए नहीं देख पाएंगे। वह फिट हैं और फिर चुने नहीं गए। ऐसा लगता है कि चयनकर्ताओं ने करुण नायर को नजरअंदाज` करने का फैसला कर लिया है।’
महत्वाकांक्षाएं धरी रह गईं, चयनकर्ता आगे बढ़े
खेल के उच्च स्तर पर परिणाम अक्सर कठोर सच्चाई के साथ निर्मम नजर आती है। करुण नायर के साथ भी ऐसा ही होता प्रतीत हो रहा है। नायर के लिए इंग्लैंड सीरीज (England Series) एक परीक्षा थी या शायद कहें अंतिम परीक्षा थी। भारत-ए टीम से उनका बाहर होना, जो टेस्ट क्रिकेट में वापसी का एक महत्वपूर्ण रास्ता था, एक व्यापक संदेश देता है कि चयनकर्ता आगे बढ़ने को तैयार हैं। सेलेक्टर्स की नजर अब लुप्त होते खिलाड़ियों की बजाय उभरते या फॉर्म में चल रहे खिलाड़ियों को तरजीह देने पर है।
करुण नायर का उदय, संक्षिप्त वापसी और तेजी से उनका खेल से बाहर होना, कई खेल करियर के अप्रत्याशित उतार-चढ़ाव को दर्शाता है। भारत की टेस्ट टीम में दोबारा जगह बनाने का सपना शायद अब उनकी पहुंच से दूर हो गया है। जैसा कि आकाश चोपड़ा ने संक्षेप में कहा, हालांकि दरवाजा फिर से खुल गया था, लेकिन अब वह पूरी तरह से बंद सा लगता है। यह कहानी क्रिकेट के निर्मम स्वभाव की एक मार्मिक याद दिलाती है—जहां दूसरा मौका क्षणभंगुर हो सकता है, और अंततः Player का फॉर्म ही भाग्य तय करता है।
बतादें कि भारत-ए और ऑस्ट्रेलिया-ए की टीमें 16 से 26 सितंबर के बीच लखनऊ के इकाना स्टेडियम में दो चार दिवसीय मैच खेलेंगी। भारत-ए की कमान श्रेयस अय्यर को सौंपी गई है।