Red Ball Cricket – दरअसल, क्रिकेट के इतिहास में कई धुरंधर बल्लेबाज आए, जिन्होंने अपनी पारियों से रिकॉर्ड तोड़े और नए मापदंड स्थापित भी किए है। लेकिन आपको बता दे 5 साल पहले एक ऐसा कारनामा हुआ जिसने पूरे क्रिकेट जगत को पूरी तरह से हिलाकर रख दिया था।
यह नाम था प्रणव धनावड़े (Pranab Dhanawade) का। असल में मुंबई के इस युवा बल्लेबाज ने स्कूली रेड बॉल क्रिकेट (Red Ball Cricket) में वह करिश्मा किया जो आज तक कोई भी खिलाड़ी नहीं कर सका। आइये विस्तार से इस करिश्मे को जानते है।
15 साल की उम्र में प्रणव ने ठोके 1009 रन
आपको बता दें साल 2016 में रेड बॉल क्रिकेट (Red Ball Cricket) में जब प्रणव (Pranab Dhanawade) सिर्फ 15 साल के थे, उन्होंने केसी गांधी इंग्लिश स्कूल की ओर से खेलते हुए एक ही पारी में 1009 रन ठोक दिए। लिहाज़ा, यह पारी किसी सपने से कम नहीं थी।
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क्यूंकि महज 323 गेंदों में खेली गई इस इनिंग में उन्होंने 59 छक्के और 127 चौके जड़े। मतलब कि कुल 188 बाउंड्री। साथ ही उनका स्ट्राइक रेट लगभग 308 का रहा, जो सीमित ओवर क्रिकेट में भी बड़ा स्कोर बनाने वाले दिग्गज बल्लेबाजों को पीछे छोड़ देता है।
एईजे कोलिंस और पृथ्वी शॉ को छोड़ा पीछे
इसके अलावा रेड बॉल क्रिकेट (Red Ball Cricket) कि इस पारी के साथ प्रणव (Pranab Dhanawade) ने क्रिकेट का 117 साल पुराना रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिया। आकड़ो की बात करें तो साल 1899 में इंग्लैंड के एईजे कोलिंस ने 628 रनों की नाबाद पारी खेली थी, जो उस समय का विश्व रिकॉर्ड था। इतना ही नहीं, उन्होंने भारत के सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) को भी पीछे छोड़ दिया, जिन्होंने 2013 में स्कूली क्रिकेट में 546 रन बनाए थे।
सचिन तेंदुलकर भी हुए प्रभावित
इतना ही नहीं रेड बॉल क्रिकेट (Red Ball Cricket) में इतिहास रचने के बाद प्रणव धनावड़े (Pranab Dhanawade) अचानक सुर्खियों में आ गए। क्यूंकि खुद मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने उन्हें अपने घर बुलाया। सचिन ने प्रणव (Pranab Dhanawade) को एक बैट गिफ्ट किया और उनके टैलेंट की सराहना की। यही नहीं, प्रणव (Pranab Dhanawade) का दोस्ताना संबंध सचिन के बेटे अर्जुन तेंदुलकर से भी है। लिहाज़ा, धनावड़े (Pranab Dhanawade) के लिए यह अनुभव किसी सपने के सच होने से कम नहीं था।
मिली स्कॉलरशिप और सम्मान
और तो और रेड बॉल क्रिकेट (Red Ball Cricket) में इतिहास रचने के बाद मुंबई क्रिकेट संघ (MCA) ने प्रणव को पांच साल तक 10,000 रुपये सालाना स्कॉलरशिप देने का ऐलान किया। इसके अलावा एयर इंडिया की ओर से भी उन्हें आर्थिक मदद और स्कॉलरशिप मिली। दरअसल, एक ऑटो चालक के बेटे होने के बावजूद प्रणव (Pranab Dhanawade) ने यह साबित कर दिया कि टैलेंट किसी हालात का मोहताज नहीं होता।
लेकिन नहीं मिली सीनियर क्रिकेट में जगह
लेकिन अफ़सोस रेड बॉल क्रिकेट (Red Ball Cricket) में इतना बड़ा रिकॉर्ड बनाने के बावजूद प्रणव (Pranab Dhanawade) अपनी फॉर्म और निरंतरता को बरकरार नहीं रख पाए। क्यूंकि स्कूली क्रिकेट में 1009 रन ठोकने वाला यह बल्लेबाज आज भी सीनियर लेवल क्रिकेट खेलने का इंतजार कर रहा है।
साथ ही उनका कहना है कि इतने बड़े रिकॉर्ड के बाद उम्मीदें और दबाव बढ़ गए, जिसकी वजह से खेल पर ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो गया। क्यूंकि कई बार जल्दबाजी में गलत शॉट खेलकर वह आउट हो जाते थे।
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