Triple Century in T20 Cricket : क्रिकेट को अनिश्चितताओं और रोमांच का खेल कहा जाता है। यहां हर पल कुछ ऐसा हो सकता है जो दर्शकों को हैरान कर दे। खासतौर पर T20 फॉर्मेट में जहां 20 ओवरों में बल्लेबाजों को सीमित समय में ज्यादा रन बनाने होते हैं, वहां तिहरा शतक ठोकना किसी सपने से कम नहीं।
लेकिन भारत के एक बल्लेबाज ने इस असंभव लगने वाले कारनामे को कर दिखाया। दिल्ली के इस बल्लेबाज़ ने T20 क्रिकेट में मात्र 72 गेंदों पर 300 रन ठोककर ऐसा कीर्तिमान रचा, जिसे सुनकर हर क्रिकेट प्रेमी दंग रह गया।
T20 में इस बल्लेबाज़ ने ठोका तिहरा शतक
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7 फरवरी 2017 को दिल्ली के एक लोकल टूर्नामेंट में मावी इलेवन और फ्रेंड्स इलेवन के बीच मुकाबला खेला जा रहा था। इस मैच में मावी इलेवन की ओर से ओपनिंग करने उतरे युवा बल्लेबाज मोहित अहलावत ने जैसे ही बल्ला थामा, गेंदबाजों की शामत आ गई।
मोहित ने शुरू से ही आक्रामक अंदाज में बल्लेबाजी करते हुए हर ओवर में बाउंड्री और छक्कों की झड़ी लगा दी। उन्होंने इस मैच में मात्र 72 गेंदों में 300 रन बनाकर विश्व क्रिकेट में इतिहास रच दिया। यह T20 क्रिकेट में किसी भी बल्लेबाज द्वारा बनाया गया सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर था।
39 छक्के और 14 चौकों से मचाई तबाही
मोहित अहलावत की इस तूफानी पारी में 39 छक्के और 14 चौके शामिल थे। यानी उनके 300 में से 234 रन सिर्फ छक्कों से आए। मैदान के हर कोने में गेंद उड़ती दिख रही थी और विरोधी टीम के गेंदबाज बेबस होकर बस सिर झुकाकर खड़े रह गए।
अहलावत ने अपनी बल्लेबाजी में इतनी ताकत और टाइमिंग दिखाई कि गेंदबाजों को कहीं भी गेंद डालने की जगह नहीं मिल रही थी। उनकी इस पारी की बदौलत मावी इलेवन ने निर्धारित 20 ओवरों में 416 रन ठोक दिए, जो अपने आप में एक बड़ा स्कोर था। फ्रेंड्स इलेवन को इस मैच में 216 रन से करारी हार झेलनी पड़ी।
रणजी खिलाड़ी से टी20 इतिहास तक का सफर
दिल्ली के विकेटकीपर बल्लेबाज मोहित अहलावत रणजी ट्रॉफी में दिल्ली की ओर से भी खेल चुके हैं। उन्हें ऋषभ पंत से पहले दिल्ली की रणजी टीम में खेलने का मौका मिला था।
मोहित लाल बहादुर शास्त्री क्रिकेट अकादमी के उत्पाद हैं, जहां से गौतम गंभीर और अमित मिश्रा जैसे दिग्गज खिलाड़ियों ने भी अपने करियर की शुरुआत की थी। उस समय मोहित सिर्फ 21 साल के थे और उनके खेल में वह आत्मविश्वास साफ झलक रहा था, जिसने उन्हें इस रिकॉर्ड तक पहुंचाया। यह पारी उनके करियर का वह अध्याय बन गई, जिसने उन्हें क्रिकेट इतिहास में हमेशा के लिए अमर कर दिया।
गुमनामी में खो गया रिकॉर्ड बनाने वाला बल्लेबाज
हालांकि, इस ऐतिहासिक पारी के बाद मोहित अहलावत धीरे-धीरे क्रिकेट की मुख्यधारा से गायब होते गए। आज उनकी उम्र 29 साल से ज्यादा है और वे दिल्ली तथा सर्विसेज के लिए घरेलू क्रिकेट खेलते हैं। उन्होंने 14 फर्स्ट क्लास मैचों में 386 रन बनाए हैं और 31 लिस्ट-ए मैचों में 836 रन जोड़े हैं।
मोहित का घरेलू क्रिकेट में आखिरी मैच जनवरी 2025 में सर्विसेज की ओर से ओडिशा के खिलाफ था, जिसमें वे सिर्फ 1 रन बनाकर आउट हो गए। उनके पिता पवन अहलावत भी क्रिकेट खेल चुके हैं, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण उन्हें खेल छोड़ना पड़ा।
मोहित अहलावत का तिहरा शतक भले ही लोकल टूर्नामेंट में बना हो, लेकिन जिस तरह उन्होंने 72 गेंदों में 300 रन ठोके, उसने साबित कर दिया कि क्रिकेट में कुछ भी असंभव नहीं। उनकी यह पारी भारतीय क्रिकेट इतिहास के उन पलों में से एक है, जो यह याद दिलाती है कि कभी-कभी गुमनाम खिलाड़ी भी अपने दम पर खेल की परिभाषा बदल सकते हैं।
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