जब भी भारतीय क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों का जिक्र किया जाएगा तो उसमें दिग्गज भारतीय स्पिनर रहे अनिल कुंबले (Anil Kumble) का जिक्र जरूर किया जाएगा। अनिल कुंबले किसी भी पल मैच बदलने का माद्दा रखते थे और इन्होंने कई मैच अपने दम पर टीम को जीत दिलाया था। जब ये रिटायर हुए थे उस वक्त कहा जा रहा था कि, अब शायद ही कभी देश को अनिल कुंबले (Anil Kumble) जैसे गेंदबाज मिले। लेकिन कुछ सालों के संन्यास के बाद ऐसी उम्मीद लग रही थी कि, अब भारतीय टीम को कुंबले का रिप्लेसमेंट मिल चुका है, लेकिन मैनेजमेंट के द्वारा इन्हें अब भारतीय टीम में मौका नहीं दिया जा रहा है।
Anil Kumble का रिप्लेसमेंट था यह गेंदबाज
दिग्गज लेग स्पिनर अनिल कुंबले के संन्यास के बाद यह लग रहा था कि, अब लेग स्पिनर शायद ही भारतीय टीम को मिल पाए। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और महज कुछ ही सालों के अंदर एक खिलाड़ी की भारतीय टीम में वापसी होती है, वह खिलाड़ी और कोई नही बल्कि युजवेन्द्र चहल थे। युजवेन्द्र चहल कि फिरकी को देखने के बाद इनकी तुलना कई मर्तबा अनिल कुंबले के साथ हुई। मगर मैनेजमेंट के द्वारा इन्हें भारतीय टीम से दरकिनार कर दिया गया।
डोमेस्टिक में भी बीसीसीआई कर रही है नजरअंदाज
युवा गेंदबाज युजवेन्द्र चहल को बीसीसीआई की मैनेजमेंट के द्वारा पूरी तरह से नजरअंदाज किया जा रहा है और ये अब डोमेस्टिक सर्किट में भी खेलते हुए नहीं दिखाई देते हैं। बीसीसीआई की चयनसमिति के द्वारा हाल ही में दलीप ट्रॉफी के लिए टीम का ऐलान किया गया था और इस मर्तबा इन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। इसके बाद अब ये ईरानी कप के लिए रेस्ट ऑफ इंडिया की टीम से भी बाहर हो गए हैं।
बेहद ही शानदार है युजवेन्द्र चहल का करियर
अगर बात करें युजवेन्द्र चहल के क्रिकेट करियर की तो इनका करियर बेहद ही शानदार रहा है। इन्होंने भारतीय टीम के लिए ओडीआई और टी20 में डेब्यू कर रखा है मगर टेस्ट में इन्हें मौका नहीं दिया गया है। इन्होंने अपने ओडीआई करियर में खेले गए कुल 72 मैचों की 69 पारियों में 5.26 की इकॉनमी रेट से 121 विकेट अपने नाम किए हैं। जबकि टी20 की बात करें तो इन्होंने 80 मैचों में 96 विकेट अपने नाम किए हैं।
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