जब इंग्लैंड टेस्ट सीरीज के लिए स्क्वाड का ऐलान किया गया था तो उस स्क्वाड में करुण नायर (Karun Nair) को मौका दिया गया था। नायर को 8 सालों के बाद भारतीय टीम का हिस्सा बनाया गया था और इस सीरीज में इनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं था। इस सीरीज में करुण नायर ने खेलते हुए करुण नायर ने 4 मैचों की 8 पारियों में 25.62 की औसत से 205 रन बनाए थे। इस दौरान इन्होंने सिर्फ एक अर्धशतकीय पारी खेली थी।
इंग्लैंड दौरे पर करुण नायर (Karun Nair) की बल्लेबाजी कुछ खास नहीं थी और इनकी बल्लेबाजी को देखने के बाद ही कहा जा रहा था कि, मैनेजमेंट के द्वारा इन्हें अब स्क्वाड से ड्रॉप कर दिया जाएगा। अब जब वेस्टइंडीज के खिलाफ 2 मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए भारतीय स्क्वाड का चयन किया गया तो उसमें करुण का नाम दूर-दूर तक नहीं है। एक्सपर्ट्स की राय यह है कि, इनके लिए भारतीय टीम के दरवाजे बंद हो चुके हैं और इन्हें कभी भी भारतीय टीम में मौका नहीं दिया जाएगा।
इन वजहों से Karun Nair को नहीं मिला टीम इंडिया में मौका

कंसिस्टेंसी बरकरार नहीं रख पाए Karun Nair
करुण नायर (Karun Nair) को बीसीसीआई की सलेक्शन कमेटी के द्वारा घरेलू क्रिकेट में लगातार बेहतरीन खेल दिखाने के बाद इंग्लैंड दौरे के लिए चुना गया था। लेकिन इस दौरे में ये घरेलू क्रिकेट की फॉर्म को जारी नहीं रख पाए और इस दौरान ये कई मौकों पर खराब शॉट खेलकर आउट हुए। नायर की इसी अनियमितिता की वजह से ही मैनेजमेंट के द्वारा इन्हें अब टेस्ट टीम से ड्रॉप कर दिया गया है। अगर इन्होंने इंग्लैंड दौरे में अच्छी बल्लेबाजी की होती तो फिर भारतीय टीम से इन्हें कभी बाहर नहीं निकाला जाएगा।
युवा खिलाड़ियों की ओर ध्यान दे रही है मैनेजमेंट
जब से गौतम गंभीर को भारतीय टीम का कोच नियुक्त किया गया है तब से लगातार युवा खिलाड़ियों को ही हर एक प्रारूप में तरजीह दी जा रही है। अब करुण नायर (Karun Nair) की जगह पर भी भारतीय मैनेजमेंट के द्वारा युवा खिलाड़ियों को स्क्वाड में शामिल किया गया है। इन युवा खिलाड़ियों ने करुण नायर ने बेहतरीन प्रदर्शन प्रथम श्रेणी क्रिकेट में दिखाया है और इसी वजह से करुण ने पहले इन्हें प्राथमिकता दी गई है।
बेहतरीन विकल्प हैं टीम में मौजूद
इस समय भारतीय क्रिकेट में करुण नायर (Karun Nair) से बेहतरीन मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज साई सुदर्शन, देवदत्त पाडिक्कल के रूप में मौजूद हैं। इन दोनों ही खिलाड़ियों का प्रदर्शन बेहद ही शानदार रहा है और जब इन्हें भारतीय टीम के लिए खेलने का मौका दिया गया तो इन्होंने बेहतरीन खेल दिखाया है। बीसीसीआई अब आगामी 10 सालों के बारे में सोच रही है और इसी वजह से इन दोनों ही खिलाड़ियों के ऊपर निवेश कर रही है। वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए भी इन दोनों ही खिलाड़ियों को मौका दिया गया है।