Gautam Gambhir: इस बात से आप पाठक भी सहमत होंगे कि भारतीय क्रिकेट में अक्सर यह चर्चा रहती है कि घरेलू क्रिकेट में धुआंधार प्रदर्शन करने के बाद भी खिलाड़ियों को राष्ट्रीय टीम में मौका क्यों नहीं दिया जाता। और कुछ ऐसा ही मामला इस समय सरफराज खान के साथ हो रहा है। दरअसल, चयन समिति और टीम मैनेजमेंट, जिसमें पूर्व क्रिकेटर गंभीर (Gambhir) भी अपनी राय रखते हैं, शायद इन सभी ने सरफराज को लगातार इग्नोर किया।
ऐसा इसलिए क्यूंकि उन्हें ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भेजा गया था, लेकिन वहां एक भी टेस्ट मैच खेलने का अवसर नहीं मिला। और सिर्फ इतना ही नहीं, इंग्लैंड के खिलाफ 5 मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए भी उनका चयन नहीं किया गया। लेकिन अफ़सोस क्रिकेट का मैदान पर मुंबई के लिए बुचि बाबू ट्रॉफी में सरफराज खान ने शानदार शतक ठोकते हुए अपने आलोचकों और चयनकर्ताओं को करारा जवाब दिया।
सरफराज ने बुची बाबू टूर्नामेंट में ठोके 138 रन
दरअसल, मुंबई और टीएनसीए इलेवन के बीच खेले गए मैच में सरफराज खान ने बल्ले से तूफानी प्रदर्शन किया। आपको बता दे जब टीम का स्कोर 98/3 पर था, तब वह क्रीज पर उतरे। ऐसे मुश्किल हालात में उतरकर उन्होंने गजब की पारी खेलते हुए महज 92 गेंदों में शतक पूरा किया।
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रिकॉर्ड के हिसाब से सरफ़राज़ ने 6 छक्के की मदद से सिर्फ 114 गेंदों पर नाबाद 138 रन बनाकर सभी को चौंका दिया। हालांकि, यह पारी खेलकर वह रिटायर्ड हर्ट हो गए, लेकिन तब तक सरफ़राज़ गंभीर (Gambhir), चयनकर्ताओं और मैनेजमेंट को अपना दम दिखा चुके थे।
फिटनेस और बॉडी ट्रांसफॉर्मेशन पर भी दिखा असर
वहीं सरफराज खान के प्रदर्शन से ज्यादा चर्चा उनकी फिटनेस को लेकर भी हो रही है। याद दिला दे बीते कुछ महीनों में उन्होंने अपने शरीर पर कड़ी मेहनत की और काफी किलो वजन कम किया। ऐसे में उनके इस नए फिट अवतार ने यह साबित कर दिया कि वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
तो वहीं यह बदलाव दिखाता है कि सरफराज ने केवल बल्ले से ही नहीं बल्कि फिटनेस के मामले में भी खुद को साबित करने के लिए कड़ी मेहनत की है।
गंभीर ने किया इग्नोर, अब दिया बल्ले से जवाब
साथ ही गंभीर (Gambhir) और चयनकर्ताओं का मानना था कि सरफराज विदेशी पिचों पर उतनी सहजता से नहीं खेल सकते। शायद यही वजह है कि उन्हें ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसे बड़े दौरों पर मौका नहीं दिया गया। पर घरेलू क्रिकेट में लगातार रन बनाकर सरफराज ने यह साबित कर दिया है कि वह केवल भारतीय पिचों पर ही नहीं बल्कि हर परिस्थिति में भारतीय टीम को मजबूती दे सकते हैं।
इसके अलावा सरफराज की यह पारी इस बात का सबूत है कि अगर गंभीर (Gambhir) उन्हें भारतीय टेस्ट टीम में मौका दे, तो वह नंबर 6 के बल्लेबाज के तौर पर भारत टीम को स्थिरता और मजबूती प्रदान कर सकते हैं।
भारत की टेस्ट टीम में वापसी की राह
हालांकि, यह सच है कि भारतीय टेस्ट टीम में उनकी जगह बनाना आसान नहीं है। क्यूँकि इंडिया के पास पहले से ही मध्यक्रम में कई विकल्प मौजूद हैं। पर अगर कोई खिलाड़ी बार-बार घरेलू क्रिकेट में रन बना रहा है, तो उसे अनदेखा करना भारतीय टीम के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। वहीं सरफराज खान की इस ताबड़तोड़ पारी ने यह संकेत दे दिया है कि वह हार मानने वाले खिलाड़ियों में से नहीं हैं और उनका लक्ष्य सिर्फ और सिर्फ इंडिया के लिए लगातार रन बनाना है।