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रोहित शर्मा से भी ज्यादा फिट है वर्ल्ड कप जिताने वाला खिलाड़ी, लेकिन 36 साल की उम्र में ही किया संन्यास का ऐलान

Rohit Sharma
भारतीय क्रिकेट टीम के इंग्लैंड दौरे से पहले जहां रोहित शर्मा(Rohit Sharma) और विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेकर सभी को हैरान कर दिया था, वहीं अब एक और भारतीय क्रिकेट ने संन्यास का ऐलान कर दिया है। 36 वर्षीय भारतीय खिलाड़ी ने अपने संन्यास की खबर से रोहित शर्मा (Rohit Sharma)और विराट कोहली की तरह ही फैंस को चौंका दिया है। चलिए जानते हैं कौन है वो खिलाड़ी जिसने संन्यास का ऐलान किया है।

36 वर्षीय इस खिलाड़ी ने लिया संन्यास

Rohit Sharma

 36 वर्षीय भारतीय लेग स्पिनर पीयूष चावला ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा कर दी है। करीब दो दशक लंबे करियर के बाद उन्होंने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए इस फैसले की जानकारी दी। इसके बाद उन्होंने अपने इस फैसले के बारे में बात भी बात है। पीयूष चावला ने इंस्टाग्राम पर लिखा, “दो दशक से ज्यादा समय तक मैदान पर रहने के बाद अब समय आ गया है कि मैं इस खूबसूरत खेल को अलविदा कहूं।” उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व करने, 2007 टी20 वर्ल्ड कप और 2011 वनडे वर्ल्ड कप की विजेता टीम का हिस्सा बनने को अपने जीवन का सबसे आशीर्वाद बताया और लिखा कि ये यादें हमेशा उनके दिल में बसी रहेंगी।

संन्यास पर क्या बोले चावला

उन्होंने कहा कि आईपीएल उनके करियर का एक बेहद खास अध्याय रहा है। पीयूष ने कहा, “मैं उन सभी फ्रेंचाइजियों का दिल से धन्यवाद करता हूं जिन्होंने मुझ पर विश्वास किया। पंजाब किंग्स, कोलकाता नाइट राइडर्स, चेन्नई सुपर किंग्स और मुंबई इंडियंस को मैं धन्यवाद देता हूं। इंडियन प्रीमियर लीग में खेला गया हर एक पल मैंने पूरी तरह जिया है।”
अपने कोचों और परिवार को याद करते हुए चावला ने लिखा, “मैं अपने कोचों (श्री के.के. गौतम और स्वर्गीय श्री पंकज सरस्वत) के प्रति गहरा आभार प्रकट करता हूं, जिन्होंने मुझे संवारकर वो खिलाड़ी बनाया जो मैं बना।” साथ ही उन्होंने अपने परिवार को अपनी ताकत का स्तंभ बताया और अपने दिवंगत पिता को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “उनका मुझ पर विश्वास ही वह रौशनी थी जिसने मुझे राह दिखाई। उनके बिना यह यात्रा संभव नहीं हो पाती।”
चावला ने अपने करियर को याद करते हुए कहा, “मैंने लगभग 20 साल क्रिकेट को दिए हैं। यह एक लंबा और यादगार सफर रहा है। ऊपर वाले की कृपा रही कि मैं इतने लंबे वक्त तक क्रिकेट खेल सका। यह सफर कभी बेहद चुनौतीपूर्ण रहा, तो कभी बेहद सुकून देने वाला। लेकिन इसके हर पल ने मुझे बहुत कुछ सिखाया और बहुत कुछ दिया। ये वो यादें हैं जो ताउम्र मेरे साथ रहेंगी।”
अपने संन्यास के फैसले को लेकर उन्होंने आगे कहा, “मुझे हमेशा से लगता रहा है कि हर चीज का एक सही समय होता है। और आज वही पल है, जब मुझे लगा कि अब यह फैसला लेना चाहिए।” पीयूष चावला ने भारत के लिए 3 टेस्ट, 25 वनडे और 7 टी20 मुकाबले खेले। उन्होंने कुल 43 विकेट चटकाए। वह 2011 में विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा भी थे, जो उनके करियर की सबसे बड़ी उपलब्धियों में शुमार है। भारत के लिए उनका आखिरी अंतर्राष्ट्रीय मैच 2012 में इंग्लैंड के खिलाफ एक टी20 मुकाबले के रूप में दर्ज है।

पीयूष चावला का क्रिकेट करियर

उन्होंने 3 टेस्ट मैच (2006-2012) खेले, जिसमें 7 विकेट लिए। वह 17 साल और 75 दिन की उम्र में टेस्ट डेब्यू करने वाले सचिन तेंदुलकर के बाद दूसरे सबसे युवा खिलाड़ी थे। 25 वनडे मैच (2007-2011) खेले, जिसमें 32 विकेट लिए। 7 टी20I मैच (2010-2012) खेले, जिसमें 4 विकेट लिए। वह 2007 के टी20 वर्ल्ड कप और 2011 के वनडे वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे, हालांकि उन्हें दोनों टूर्नामेंटों में ज्यादा मैच खेलने का मौका नहीं मिला। 2011 वर्ल्ड कप में उन्होंने 3 मैच खेले और 4 विकेट लिए।

घरेलू क्रिकेट करियर

137 प्रथम श्रेणी मैचों में 446 विकेट झटके। बल्ले से भी शानदार प्रदर्शन करते हुए छह शतकों की मदद से 5486 रन बनाए। उन्होंने नवंबर 2024 में उत्तर प्रदेश के लिए सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में अपना आखिरी टूर्नामेंट खेला था, जिसमें वानखेड़े स्टेडियम में 4/12 का शानदार प्रदर्शन किया।
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