Match Fixing: खेल जगत में मैच फिक्सिंग (Match Fixing) को सबसे पड़े अपराधों में से एक माना जाता है। एक समय था जब क्रिकेट में खूब मैच फिक्सिंग हुआ करती थी और आए दिन आईसीसी और दुनियाभर के क्रिकेट बोर्ड्स के अपने खिलाड़ियों को इससे बचाने के लिए तमाम कोशिश करती थीं और इसके बावजूद कोई न कोई खिलाड़ी इस अपराध में लिप्त पाया जाता था। हालांकि, पिछले कुछ सालों में ऐसी घटनाओं में कमी आई है, जिसकी सबसे बड़ी वजह है भ्रष्टाचार रोधी इकाई को मजबूत करना और खिलाड़ियों पर आजीवन प्रतिबंध लगाना भी शामिल है।
Match Fixing में लिप्त पाए गए थे 5 भारतीय क्रिकेटर
एक समय भारतीय क्रिकेट टीम के चार क्रिकेटर मैच फिक्सिंग में लिप्त पाए गए थे, जिसके बाद इन पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने प्रतिबंध लगा दिया था। इस लिस्ट में टीम इंडिया के तेज गेंदबाज पूर्व तेज गेंदबाज एस श्रीसंत पर बैन लगाया गया था, जब उन्हें 2013 में आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग लिप्त पाया गया था। जिसके बाद उन पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया था।
वहीं, श्रीसंत के अलावा साल 2000 में टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर मनोज प्रभाकर, अजय जडेजा और टीम इंडिया के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन को भी मैच फिक्सिंग में लिप्त पाया गया था। इसके अलावा नयन मोंगिया को भी मैच फिक्सिंग में संलिप्त पाए गए थे, जिसके बाद इन पर बैन लगाया गया था।
इन विदेशी खिलाड़ियों पर भी लगाया गया था बैन
भारतीय क्रिकेट टीम के अलावा दुनियाभर के कई खिलाड़ियों को भी मैच फिक्सिंग में लिप्त पाया गया था, जिसके बाद संबंधित देशों के क्रिकेट बोर्ड्स ने इन पर प्रतिबंध लगाया था। इस लिस्ट हवाई दुर्घटना में मारे गए साउथ अफ्रीका पूर्व क्रिकेटर हैंसी क्रोनिए, पाक क्रिकेट टीम के सलमान बट पर पांच साल का बैन, अफगानिस्तान के शफीकुल्लाह शफाक को 2020 में बांग्लादेश प्रीमियर लीग में मैच फिक्सिंग के लिए बैन किया गया। इसके साथ पाक के दानिश कनेरिया और तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर पर भी फिक्सिंग के लिए बैन लगाया गया था।
क्यों होती थी इतनी मैच फिक्सिंग?
पहले के समय में क्रिकेट बोर्ड्स और आईसीसी के इतनी सूचना सूत्र और संसाधन नहीं होते थे और साथ ही जांच करने वाले अधिकारियों में अनुभव और कौशल की कमी थी, जिसकी वजह से खिलाड़ी पकड़े नहीं जाते थे और इसके साथ ही इसके लिए कड़े कानून नहीं हुआ करते थे।
हालांकि, बाद में क्रिकेट बोर्ड्स ने रिटायर्ड अधिकारियों की सेवाएं लेना शुरू कर दिया और एंटी करप्शन को मजबूत बनाया गया। इसके साथ ही कई और कड़े नियम बनाए गए। वहीं, खिलाड़ियों पर भी आजीवन प्रतिबंध लगाया गया। इसके साथ ही खिलाड़ियों के जब खेल से ही पैसा आना शुरू हुआ और फिर वें खुद ही इससे दूर हो गए।
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