Ranji Trophy

Ranji Trophy: भारत में क्रिकेट केवल एक खेल नहीं है। यहां लोग इसके इतने दिवाने है कि लोग पीढ़ी दर पीढ़ी इसे खेलते हैं। हालांकि कुछ ऐसे क्रिकेट हैं जो कि रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) तो नहीं खेल पाते लेकिन वह केवल और केवल अपने पिता के नाम पर भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा हैं। आईए जानते हैं उन खिलाड़ी के बारे में-

पिता के नाम पर खेल गए ये 2 खिलाड़ी

1983 के बाद से क्रिकेट की लोकप्रियता में  इजाफा हुआ था। उसके बाद से क्रिकेट आगे ही बढ़ा ही है। क्रिकेट में पिता पुत्र की जोड़ियां भी हैं कि केवल पिता के नाम पर बेटे ने भारतीय क्रिकेट टीम में अपनी जगह बनाई है।

उनमें से पहले खिलाड़ी रोजर बिन्नी के बेटे स्टुअर्ट बिन्नी आते हैं। इसका दूसरा नाम 1983 विश्व कप  का हिस्सा रहे श्रीकांत के बेटे श्रीकांत अनिरुद्ध का आता है। वह भी क्रिकेट में केवल और केवल अपने पिता के दम पर हैं।

स्टुअर्ट बिन्नी

भारतीय विश्व विजेता 1983 टीम के खिलाड़ी रोजिन बिन्नी को आज भी याद किया जाता है। उन्होंने 1983 विश्व कप में सबसे ज्यादा विश्व कप लेकर सभी टीमों को हैरान कर दिया था। उनकी इसी लेगेसी को उनके बेटे स्टुअर्ट बिन्नी ने बढ़ाना चाहा लेकिन वो ऐसा कर नहीं पाए और भारतीय क्रिकेट में भी केवल अपने पिता के ही नाम पर खेल पाए।

बता दें बिन्नी ने भारतीय क्रिकेट टीम के लिए ज्यादा नहीं खेला है। उनके पिता हाथ स्टुअर्ट बिन्नी के पिछे नहीं होता तो वह भारतीय टीम में अपनी जगह भी नहीं बना पाते। बता दें स्टुअर्ट बिन्नी ने अपने इंटरनेशनल करियर में केवल 23 मुकाबले खेले हैं।

श्रीकांत अनिरुद्ध

इसी कड़ी में दूसरा नाम श्रीकांत अनिरुद्ध का है इनके पिता भी भारतीय क्रिकेट के अहम हिस्सा रहे हैं। अनिरुद्ध श्रीकांत के पिता के श्रीकांत ने 1983 विश्व कप में सबसे ज्यादा सबसे ज्यादा रन बनाए थे । उनके नाम पर ही उनके बेटे को भी क्रिकेट में खेलने का मौका मिल नहीं तो उन्हे तो घरेलू टीम में भी जगह नहीं मिलती है। अनिरुद्ध ने अपने क्रिकेट करियर में इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू का मौका नहीं मिला। घरेलू क्रिकेट में भी वह अपने पिता के नाम पर खेल गए। टॉप ऑर्डर बल्लेबाज श्रीकांत ने घरेलू क्रिकेट मे कुल 160 मैच खेले हैं।

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