Team India: भारतीय क्रिकेट टीम (Team India) में खिलाड़ियों के चयन को लेकर अक्सर सवाल उठते रहते हैं। कई बार खराब प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी भी टीम में बने रहते हैं, जबकि लगातार अच्छा प्रदर्शन करने वाले कुछ खिलाड़ियों को नजरअंदाज कर दिया जाता है। कई बार फैंस आरोप लगाते हैं कि भारतीय क्रिकेट (Team India) में जुगाड़ से टीम इंडिया में चयन किया जा रहा है।
Team India में डेब्यू करने के काबिल नहीं ये खिलाड़ी फिर भी मिल सकती है जगह
भारतीय क्रिकेट टीम में इस समय कई सारे ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्हें टीम इंडिया में लंबे समय से जगह मिलती आ रही है। जबकि उनका प्रदर्शन लगातार खराब रहा है। वहीं, कई सारे ऐसे खिलाड़ी हैं , जो घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में लगातार बेहतरीन प्रदर्शन कर ध्यान खींच रहे हैं, फिर भी उन्हें मौका नहीं मिल पा रहा है। कई सारे खिलाड़ी तो ऐसे हैं जिन्होंने मौका मिलते ही शानदार प्रदर्शन किया फिर भी उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया। भारत के घरेलू क्रिकेट सर्किट में कई ऐसे खिलाड़ी जो सिफारिश के दम पर टीम इंडिया मे जगह बना सकते हैं।
सिफारिश की वजह से इन खिलाड़ियों को जगह दे सकते हैं Gambhir
भारतीय क्रिकेट के कुछ दिग्गज खिलाड़ियों के बेटे जैसे कि अर्जुन तेंदुलकर, समित द्रविड़ और आर्यवीर सहवाग अभी तक घरेलू क्रिकेट में कोई बड़ा प्रभाव नहीं डाल पाए हैं। अर्जुन तेंदुलकर ने हालांकि मुंबई और गोवा की ओर से खेलते हुए कुछ अच्छे प्रदर्शन किए हैं, लेकिन उन्हें टीम इंडिया में जगह मिलने के लिए अभी काफी मेहनत करनी होगी। दूसरी ओर, समित द्रविड़ और आर्यवीर सहवाग अभी अपने शुरुआती करियर में हैं और उनके पास भी कोई बड़ा अनुभव नहीं है। इसके बावजूद, यह कहा जा रहा है कि गौतम गंभीर जैसे हेड कोच की सिफारिश पर इन्हें भारतीय टीम में मौका मिल सकता है। हालांकि, बिना प्रदर्शन के टीम में किसी भी खिलाड़ी की जगह बननी मुश्किल है।
इन पूर्व खिलाड़ियों के बेटों ने भी खेला है भारतीय टीम के लिए क्रिकेट
भारतीय क्रिकेट में पूर्व खिलाड़ियों के बेटों के टीम में खेलने के कई उदाहरण मौजूद हैं। सुनील गावस्कर के बेटे रोहन गावस्कर, लाला अमरनाथ के बेटे मोहिंदर अमरनाथ, और रोजर बिन्नी के बेटे स्टुअर्ट बिन्नी भारतीय टीम का हिस्सा रह चुके हैं। हालांकि, यह कहना गलत नहीं होगा कि उनका चयन उनके कौशल के आधार पर हुआ था, लेकिन उनके परिवारिक पृष्ठभूमि ने उन्हें पहचान दिलाने में जरूर मदद की थी। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या अर्जुन, समित, और आर्यवीर भी अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए भारतीय टीम में अपनी जगह बना पाते हैं।