जय शाह (Jay Shah): टीम इंडिया (Team India) में अगर एक बार खिलाडी के ऊपर बीसीसीआई (BCCI) के प्रेसिडेंट या सेक्रेटरी का हाथ रख जाये तो चाहे वो खिलाड़ी कितना ही ख़राब प्रदर्शन क्यों न कर लें, उसे जल्दी से टीम से बाहर नहीं निकाला जा सकता है.
ये प्रथा आज से नहीं बल्कि बहुत पहले से ये चली आ रही है और आज भी टीम इंडिया में एक ऐसा खिलाडी मौजूद है जो प्रदर्शन न करने के बाद भी टीम में बना हुआ है और उसे कोच और कप्तान मिलकर टीम से बाहर नहीं निकाल सकते है.
विराट कोहली और जय शाह की दोस्ती बेमिसाल
दरअसल यहाँ पर हम विराट कोहली (Virat Kohli) की बात कर रहे है, विराट और जय शाह (Jay Shah) की दोस्ती किसी से छिपी नहीं है. समय समय पर इनका याराना दुनिया को दिख ही जाता है. लेकिन अब विराट कोहली पिछले कई सालों से ख़राब फॉर्म से जूझ रहे है उसके बाद भी उन्हें टीम से बाहर नहीं निकाला गया है और न ही उन्हें टीम से ड्राप करने के संकेत दिए गए है.
विरत कोहली साल 2020 से लगातार ख़राब फॉर्म से जूझ रहे है और वो लगातार रन बनाने के लिए संघर्ष भी कर रहे है. जिसके बाद भी वो प्लेइंग इलेवन में बरक़रार है. टीम इंडिया की बल्लेबाजी के मुख्य स्तम्भों में शामिल चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे को तो ख़राब प्रदर्शन करने के बाद टीम से ड्राप कर दिया गया था लेकिन कोहली के साथ टीम मैनेजमेंट का भरोसा अभी भी कायम है. विराट ने बीच बीच में फॉर्म में वापसी के संकेत दिए है लेकिन वो पहले जैसे निरंतरता के साथ रन नहीं बना पा रहे है.
औसत रहा हैं विराट का प्रदर्शन
वहीँ अगर विराट के पिछले कुछ सालों के आंकड़ें देखें तो उनका प्रदर्शन औसत रहा है और वो विराट कोहली के आंकड़ों को बिल्कुल भी सही साबित नहीं करता है. विराट ने इस साल 6 टेस्ट मैच खेले हैं, जिनकी 12 परियों में 22.72 के औसत के साथ 250 रन बनाये है, जिसमें सिर्फ 1 अर्धशतक शामिल है. जबकि विराट के पिछले 5 साल के टेस्ट रिकॉर्ड ख़राब है. विराट ने पिछले 5 सालों में 34 टेस्ट मैचों की 58 परियों में 1838 रन बनाये है. जिसमें 2 शतक और 9 अर्धशतक शामिल है.