Cricketer: दुनिया में ऐसी बहुत सी कहानियां होती हैं जोकि रोचक होने के साथ ही आश्चर्यजनक भी होती है। वह कहानियां जिंदगी को जिने के नए मायने सिखाती हैं और कई बार आपको अधूरे सपने को पूरे करने के लिए प्रेरित भी करती हैं। यह कहानियां कभी भी अपने अंजाम से नहीं बल्कि कोशिश के कारण प्रसिद्ध होती हैं।
आज हम आपको एक ऐसी ही बेहत रोचक और आश्चर्यजनक कहानी के बारे में बताने वाले हैं। एक ऐसा क्रिकेटर (Cricketer) जिसने अपनी मौत के 15 साल बाद इंग्लैंड क्रिकेट टीम (England Cricket Team) के लिए डेब्यू किया था। इस घटना क्रिकेटर के साथी खिलाड़ियों के होश ही उड़ा दिए थे। तो आइए जानते हैं उस आश्चर्यजनक घटना के बारे में।
कौन थे मौत के 15 साल बाद डेब्यू करने वाले खिलाड़ी
दरअसल यहां पर हम जिस खिलाड़ी की बात कर रहे हैं वह कोई और नहीं बल्कि इंग्लैंड के क्रिकेटर हैरी ली हैं। हैरी ली इंग्लैंड क्रिकेट टीम (England Cricket Team) में अपने एकमात्र मैच के लिए नहीं बल्कि अपने डेब्यू के लिए आज भी याद किए जाते हैं। उनके डेब्यू ने उनके साथी खिलाड़ियों को आश्चर्य में डाल दिया था। दरअसल वह अपनी मौत के 15 साल डेब्यू किया था। बता दें हैरी ली का जन्म साल 1890 में हुआ था।
बचपन से ही बनना चाहते थे Cricketer
आम दौर पर हर बच्चा एक बार क्रिकेटर (Cricketer) बनने का सपना जरूर सजाता है बस उसे पूरा कुछ ही कर पाते हैं। हैरी ली ने भी अपने बचपने में एक सपना देखा था, क्रिकेटर बनने का। वह अपने जीवन में एक बार लॉर्ड्स में खेलना चाहते थे। उन्होंने अपना यह सपना पूरा करने के लिए बहुत कोशिश की।
उनकी कोशिश तब रंग लाई जब उन्होंने 15 साल की उम्र में मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब को एक चिट्ठी लिखी और उनसे लॉर्ड्स के ग्राउंड स्टाफ में नौकरी के लिए सिफारिश की। उनकी इस गुजारिश को स्वीकार कर लिया गया और उन्हें स्टेडियम के स्टैंड्स की सफ़ाई करने और पिच रोल करने का काम मिल गया है।
अंडर- 19 टीम में मिली जगह
ग्राउंड में स्टैंड्स की सफाई के साथ ही उन्होंने अपने खेल पर भी काम किया और उन्हें मिडलसेक्स की अंडर-19 टीम में जगह बना लिया। वहां से हैरी ने अपने क्रिकेटर बनने की ओर एक कदम बढ़ा लिया था। इस सपने को उड़ान भरने का एक मौका मिला और उनका नाम साल 1914 तक मिडलसेक्स के लिए रेग्यूलर खेलने वाले खिलाड़ियों में दर्ज हो गया। लेकिन उसी वक्त उनकी किस्मत ने एक बार फिर से करवट ली और सब कुछ शुरु होने से पहले ही खत्म हो गया।
1914 में शुरु हुई जंग
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि साल 1914 में ही प्रथम विश्व युद्ध का आगाज हो गया था। उस युद्ध ने सबकी जिंदगी तहस-नहस कर दिया। इस युद्ध में देशो के युवा, बड़े-बुढ़े सब शामिल हो रहे थे तो इंग्लैंड के भी नागरिकों ने इसमें हिस्सा लिया जिसमें हैरी ली भी शामिल थे।
इस लड़ाई में हैरी को साल 1915 की शुरुआत में ही फ्रांस भेजा गया। जहां पर उसकी जांघ में गोली लगी। इस घटना के बाद हैरी जांघ की हड्डी टूट गई। हैरी को तीन दिन बाद जर्मन सैनिकों ने ढूंढ़ा और वैलेंसिएन के एक अस्पताल भर्ती कराया।
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फैली मैत की खबर
एक ओर हैरी अस्पतल में थे वहीं उनके घर पर उनकी मौत की खबर पहुंच गई। सबका यह कहना था कि हैरी की मौत हो गई है, क्योंकि उनकी लाश तक नहीं मिली थी। हैरी का नाम उन मरने वालों सैनिकों की लिस्ट में डाल दिया गया।
वहीं दूसरी ओर हैरी जिस अस्पतान में थे वहीं पर उनके एक साथी कैदी ने कहा कि वह अपनी चोट को और गंभीरता के साथ दिखाए ताकि वह उन्हें वापस लौटा दें। हुआ भी कुछ वैसा ही हैरी ने बिल्कुल वैसा ही किया और उन्हें छोड़ दिया गया। वह 1915 में वापस अपने देश पहुंचे लेकिन उनका पैर खराब हो चुका था। डॉक्टर्स ने उन्हें क्रिकेट से दूर रहने की सलाह दी थी। लेकिन हैरी तो हैरी थे वह अपने सपने के बीच अपने पैर को भी रोड़ नहीं बनने देते।
1919 में की फर्स्ट क्लास में एंट्री
हैरी बहुत मेहनत की और एक बार फिर से क्रिकेट की रुपली दुनिया में दस्तक दी। उन्होंने 1919 मेंफर्स्ट क्लास क्रिकेट में वापसी की, जमकर रन बनाए और मिडलसेक्स टीम के अहम खिलाड़ी बन गए। उनके इस सफर में मिडलसेक्स क्रिकेट क्लब ने उनका खूब साथ दिया।
अंततः मौत के 15 साल बाद मिला इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू का मौका
हैरी मिडलसेक्स टीम के अहम खिलाड़ी बन चुके थे। उन्होंने घरेलू क्रिकेट में खेलना जारी रखा। इस तरह 15 साल बीत गए। अंततः वह मौका आया जिसका हैरी को पता नहीं कब से इंतजार था। 1930 में इंग्लैंड क्रिकेट टीम की ओर से हैरी के लिए बुलावा आया। दरअसल टीम के साउथ अफ्रीका के खिलाफ सीरीज खेलना था और टीम का मुख्य सदस्य चोटिल था। ऐसे में टीम को एक ऐसे अनुभवी खिलाड़ी की जरूरत थी जोकि तनाव में परिस्थिती को संभाल सके। उस समय हैरी 40 साल के थे।
उनकी मौत की खबरे के 15 साल उनका डेब्यू करना सबको चकित कर रहा था। उन्होंने 1931 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया। हालांकि वह उनका पहला और आखिरी मैच भी था।
हैरी ली का क्रिकेट करियर
इंग्लैंड के इस खिलाड़ी के क्रिकेट करियर पर नजर डाले तो उन्होंने इंटनेशनल में केवल एक ही टेस्ट मैच खेला था। जिसमें उन्होंने केवल 18 रन ही बनाए थे। भले ही उन्होंने इंटनेशनल क्रिकेट में एक ही मैच खेला हो लेकिन उन्होंने फर्स्ट क्लास मैच में अपने बल्ले से खूब धमाल मचाया है। हैरी ली ने फर्स्ट क्लास में 437 मैच खेले हैं जिनकी 722 पारियों में उन्होंने 29.95 की औसत से 20158 रन बनाए हैं। इसके अलावा उन्होंने 401 विकेट चटकाने का भी कारनामा किया है।
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