Sachin Tendulkar: वर्ल्ड क्रिकेट में भगवान की उपाधि प्राप्त करने वाले सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने इंटरनेशनल लेवल 100 शतक लगाए है. अब तक उनसे अधिक शतक किसी भी बल्लेबाज ने वर्ल्ड क्रिकेट में नहीं लगाए है. ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे दिग्गज खिलाड़ी के बारे में बताने वाले है जिन्होंने अपने इंटरनेशनल करियर की शुरुआत शानदार अंदाज में की थी.
उन्हें कप्तान के तौर पर उस समय सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) के रिप्लेसमेंट के तौर पर भी देखा जा रहा था लेकिन उस खिलाड़ी के नशे की लत ने उनके क्रिकेट करियर को तबाह कर दिया और आज वो खिलाड़ी गुमनामी का जीवन यापन कर रहा है.
विनोद कांबली ने महज 21 वर्ष की उम्र में जड़ा था दोहरा शतक
भारतीय बल्लेबाज विनोद कांबली (Vinod Kambli) ने 19 वर्ष की उम्र में टीम इंडिया (Team India) के लिए इंटरनेशनल लेवल पर खेलना शुरू कर दिया था. 21 वर्ष की उम्र में जब विनोद कांबली को टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू करने का मौका मिला तो उन्होंने कमाल का प्रदर्शन किया. उन्होंने महज 21 वर्ष की उम्र में टेस्ट क्रिकेट में दोहरा शतक जड़ दिया था. जिस कारण से उस समय उन्हें सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) के कप्तानी रिप्लेसमेंट के रूप में माना जा रहा था.
विनोद कांबली के इंटरनेशनल लेवल पर आंकड़े है कुछ इस प्रकार
विनोद कांबली (Vinod Kambli) ने टेस्ट क्रिकेट में17 मुकाबले और 104 वनडे मैच खेले है. 17 टेस्ट मैच में विनोद कांबली ने 54.20 की औसत से बल्लेबाजी करते हुए 1084 रन बनाए है. वहीं वनडे क्रिकेट में उस दौरान उन्होंने 2477 रन बनाए है. टेस्ट क्रिकेट में विनोद कांबली के बल्ले से 4 शतकीय और 3 अर्धशतकीय पारी निकली है वहीं वनडे क्रिकेट में उन्होंने 2 शतकीय और 14 अर्धशतकीय पारी खेली है.
विनोद कांबली ने नशे की लत के कारण खराब किया अपना करियर
साल 1991 में अपना इंटरनेशनल डेब्यू करने के बाद से लेकर विनोद कांबली (Vinod Kambli) ने अपना आखिरी इंटरनेशनल मैच साल 2000 में खेल लिया था. अपने 9 वर्ष लंबे इंटरनेशनल करियर में विनोद कांबली कभी टीम इंडिया में अपनी जगह नहीं बना पाए. उन्हें अक्सर डिसिप्लिन तोड़ने या देर रात तक पार्टी करने की वजह से अक्सर प्लेइंग 11 से बाहर बैठना पड़ता था.
जिस कारण से ऐसा माना जाता है कि अगर विनोद कांबली (Vinod Kambli) नशे की लत में नहीं जाते तो वो अपना इंटरनेशनल करियर काफी बड़ा और लंबा कर सकते थे.