Ranji Trophy: भारत के घरेलू क्रिकेट में दलीप ट्रॉफी 2024 (Duleep Trophy 2024) के मुकाबले खेले जा रहे थे. जिसमें इंडिया ए ने मयंक अग्रवाल की कप्तानी में दलीप ट्रॉफी का टूर्नामेंट अपने नाम किया. दलीप ट्रॉफी 2024 का संस्करण खत्म होने के बाद अब भारत के घरेलू क्रिकेट में ईरानी कप और उसके बाद रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) के मुकाबले खेले जाएंगे.
रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) का इतिहास काफी स्वर्णिम रहा है. आज हम रणजी ट्रॉफी में एक गुमनाम बल्लेबाज के द्वारा खेली गई 366 रनों की पारी के बारे में बताने वाले है जिसमें उस गुमनाम बल्लेबाज ने अपनी टीम को पहाड़ जैसे टोटल पर पहुंचाया था.
मातुरी श्रीधर ने रणजी में खेली 366 रनों की पारी
रणजी ट्रॉफी 1994 (Ranji Trophy 1994) के सीजन में आंध्र और हैदराबाद की टीम के बीच में एक मुकाबला खेला गया. उस मुकाबले में हैदराबाद की टीम की तरफ़ से खेलते हुए मातुरी श्रीधर ने 366 रनों की पारी खेली. रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) के इतिहास में यह किसी भी एक बल्लेबाज के द्वारा खेली गई तीसरी सबसे बड़ी पारी है. मातुरी श्रीधर (Maturi Sridhar) ने अपनी इस पारी में 37 चौके और 5 छक्के लगाए. मातुरी श्रीधर के द्वारा खेली गई इस पारी के बदौलत हैदराबाद की टीम ने अपनी पहली पारी में 6 विकेट के नुकसान पर 944 रन बनाए.
कुछ ऐसा रहा था मुकाबले का हाल
आंध्र और हैदराबाद के बीच हुए इस रणजी मुकाबले में आंध्र की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 263 रन बनाए. जिसके जवाब में हैदराबाद की टीम ने 211 ओवर की बल्लेबाजी करते हुए 6 विकेट के नुकसान पर 944 रन बनाए. वहीं दूसरी पारी में आंध्र की टीम ने 55 ओवर में बल्लेबाजी करते हुए 7 विकेट के नुकसान पर 180 रन बनाए.
क्रिकेट एडमिनिस्ट्रेशन में काफी बड़े नाम है मातुरी श्रीधर
मातुरी श्रीधर (Maturi Sridhar) को इंटरनेशनल लेवल एक भी मुकाबला खेलने का मौका नहीं मिला लेकिन मातुरी श्रीधर ने क्रिकेट एडमिनिस्ट्रेशन में काफी काम किया है. इंडियन क्रिकेट प्रसार के लिए मातुरी श्रीधर (Maturi Sridhar) को भी काफी योग्यदान दिया जाता है. हैदराबाद के क्रिकेट एसोसिएशन में भी उन्होंने काफी काम किया. जिस कारण से जब साल 2017 में मातुरी श्रीधर की मौत हुई तो इंडियन क्रिकेट को काफी बड़ा झटका लगा था.