Virat Kohli : विराट कोहली का नाम जब भी क्रिकेट की बातों में लिया जाता है, तो उनके जज्बे, तकनीक और रन मशीन बनने की कहानी अपने आप सामने आ जाती है। लेकिन आज हम बात कर रहे हैं उस दौर की जब विराट भारतीय टीम के सुपरस्टार नहीं, बल्कि रणजी ट्रॉफी में दिल्ली की ओर से खेलते हुए खुद को साबित करने की कोशिश में थे।
जब रणजी सीजन के एक सीजन में बंगाल के खिलाफ कोहली ने ऐसी पारी खेली थी, जिसने आने वाले वर्षों में उनके करियर की दिशा तय कर दी।
बंगाल के खिलाफ रणजी मुकाबला
यह मुकाबला दिल्ली और बंगाल के बीच 2010-11 रणजी ट्रॉफी सुपर लीग का था। बंगाल ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 473 रनों का बड़ा स्कोर खड़ा किया था। अरिंदम दास ने शानदार 156 रन बनाए, जबकि मनोज तिवारी ने 69 रन जोड़े। बंगाल की इस पारी के सामने दिल्ली के बल्लेबाजों पर दबाव था, लेकिन उस समय युवा विराट कोहली (Virat Kohli) ने क्रीज पर कदम रखते ही खेल की तस्वीर बदल दी।
Virat Kohli की शानदार पारी

दिल्ली की पहली पारी में तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने आए विराट कोहली (Virat Kohli) ने बेहद जिम्मेदारी भरी और दमदार पारी खेली। उन्होंने 267 गेंदों पर 173 रन बनाए। इस दौरान उनके बल्ले से 24 चौके और 1 छक्का निकला। कोहली (Virat Kohli) ने लगभग हर बंगाल गेंदबाज को मैदान के चारों ओर शॉट्स से धूल चटाई। चाहे वह अशोक डिंडा की गति हो या सौरसिश लाहिड़ी की स्पिन, कोहली का बल्ला लगातार रन उगलता रहा। उनकी इस पारी ने दिल्ली को मैच में मजबूती से खड़ा कर दिया।

दिल्ली की पहली पारी का आधार बने विराट
कोहली (Virat Kohli) की यह 173 रनों की पारी उस समय आई जब दिल्ली ने शुरुआती विकेट जल्दी गंवा दिए थे। शिखर धवन (42) और मिथुन मनहास (43) ने कुछ रन जोड़े, लेकिन असली जिम्मेदारी कोहली के कंधों पर थी। उन्होंने शानदार संयम और तकनीक दिखाते हुए अपनी पारी को आगे बढ़ाया। कोहली की इस इनिंग की बदौलत दिल्ली ने 148.1 ओवर में 459 रन बनाए। यह पारी न केवल स्कोरबोर्ड पर दिल्ली को मजबूत स्थिति में ले आई, बल्कि दर्शकों को भी विराट के प्रतिभाशाली भविष्य की झलक दे गई।
इस पारी से उभरा एक भविष्य का लीजेंड
रणजी ट्रॉफी में यह पारी सिर्फ 173 रनों की नहीं थी, बल्कि एक ऐसे खिलाड़ी के आत्मविश्वास की पहचान थी, जो जल्द ही भारतीय क्रिकेट का चेहरा बनने वाला था। उस समय विराट कोहली (Virat Kohli) अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जगह बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे, लेकिन इस मैच ने दिखाया कि उनमें बड़े मंच पर प्रदर्शन करने की क्षमता पहले से ही मौजूद थी। गेंदबाजों पर उनका दबदबा और हर गेंद पर रन बनाने की भूख, आने वाले समय में विश्व क्रिकेट पर उनके राज की भविष्यवाणी कर रही थी।
विराट कोहली (Virat Kohli) की यह पारी आज भी रणजी इतिहास की यादगार पारियों में से एक मानी जाती है। उस दिन उन्होंने न केवल दिल्ली के लिए शानदार पारी खेली, बल्कि यह साबित कर दिया कि उनका नाम आने वाले वर्षों में भारतीय क्रिकेट इतिहास के स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा।
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