टीम इंडिया (Team India): क्रिकेट की दुनिया के किंग कहे जाने वाले विराट कोहली (Virat Kohli) अभी बांग्लादेश के साथ खेले जाने वाले 2 टेस्ट मैचों की सीरीज में खेलते हुए नजर आएंगे। विराट कोहली अब 34 साल के हो गए हैं। लेकिन उन्होंने क्रिकेट में जब से कदम रखा। उसके बाद से उनका बल्ला हमेशा आग ही उगला है। जिसके चलते कोहली मॉडर्न क्रिकेट के सबसे महान बल्लेबाज बन गए।
विराट कोहली के नाम अब वनडे में 50 शतक है। जो की वर्ल्ड रिकॉर्ड है। बता दें कि, कोहली ने अपनी करियर में कई बेहतरीन पारियां खेली हैं। लेकिन कोहली ने महज 23 साल ही उम्र में ही टीम इंडिया (Team India) को एक ऐसा मुकाबला जीताया है। जिसमें भारत की जीत नामुमकिन नजर आ रही थी।
कोहली ने जड़ा था तूफानी शतक
बता दें कि, हम बात कर रहें ऑस्ट्रेलिया में खेले गए साल 2012 में कोम्मोंवेल्थ बैंक श्रृंखला की जिसमें टीम इंडिया (Team India) के अलावा श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया टीम शामिल थी। इस टूर्नामेंट में भारत और श्रीलंका का मुकाबला होबार्ट के मैदान पर खेला गया था।
जिसमें उस दौरान 23 वर्षीय बल्लेबाज विराट कोहली ने तूफानी अंदाज में बल्लेबाजी करते हुए शतक लगाया था। कोहली ने महज 86 गेंदों में नाबाद 133 रन बनाए थे। अपनी पारी में किंग कोहली ने 16 चौके और 2 छक्के लगाए थे। कोहली ने इस मुकाबले में 154 की स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी की थी।
मलिंगा का बनाया था भूत
श्रीलंका टीम के पूर्व दिग्गज तेज गेंदबाज लासिथ मलिंगा की गेंदबाजी के आगे अच्छे से अच्छा बल्लेबाज खौफ खाता है। जबकि साल 2012 में मलिंगा शानदार फॉर्म में भी चल रहे थे। लेकिन विराट कोहली ने होबार्ट के मैदान पर मलिंगा का भूत बना दिया था।
क्योंकि, इस करो या मरो मुकाबले में कोहली ने मलिंगा की जमकर धुनाई की थी। जिसके चलते मलिंगा की गेंदबाजी का खौफ भी खत्म हो गया था। इस मैच में मलिंगा ने 7.4 ओवर में ही 96 रन दिए और उन्हें महज 1 विकेट मिला था।
भारत ने हासिल की थी असंभव जीत
कोम्मोंवेल्थ बैंक सीरीज में इंडिया और श्रीलंका के बीच खेला गया भारत के लिए करो या मरो का मुकाबला था। क्योंकि, टीम इंडिया को फाइनल में जगह बनाने के लिए इस मुकाबले को अच्छे रन रेट से जीतना था। जिसके चलते भारत की राह आसान नहीं थी।
श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में 320 रन बनाए। जबकि भारत को फाइनल में जाने के लिए यह मुकाबला 40 ओवर में जीतना था। कोहली की धमाकेदार पारी के चलते इंडिया ने यह मुकाबला 36.4 ओवर में ही जीत लिया। जिसके चलते इंडिया की फाइनल में जाने की उम्मीद जीवित रही थी।