BCCI: टीम इंडिया (Team India) के लिए 2000 और 2010 का दशक बहुत ही शानदार रहा है। इस दशक में भारत के पास कई ऐसे खिलाड़ी मिले जो विश्व क्रिकेट में भारत का परचम लहराया है। वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) और जहीर खान (Zaheer Khan) ने भले ही टीम इंडिया के लिए 2000 से पहले डेब्यू कर लिया,लेकिन इनके क्रिकेटिंग करियर का आकार 2000 के दशक में ही बदला।
इस दशक में टीम इंडिया को एक ऐसा कप्तान एमएस धोनी (MS Dhoni) के रुप में मिला, जिसने भारत को तीनों ICC ट़्रॉफी दिलाया। टीम इंडिया (Team India) में इन तीनों की खिलाड़ी के सन्यास लेने के बाद अभी तक इनके रिप्लेसमेंट के रूप में दूसरा खिलाड़ी नहीं मिला है। सहवाग, धोनी और जहीर का रिप्लेसमेंट अगर BCCI ढूंढ लेती है तो यह किसी सपने से कम नहीं होगा।
एमएस धोनी
2004 में बांग्लादेश के खिलाफ भारत के लिए डेब्यू करने वाल लंबे-लंबे बालों वाले एमएस धोनी (MS Dhoni) के बारे में किसी ने भी सोचा नहीं था कि यह आगे चलकर भारत का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टार बनेगा। ICC की सभी ट्रॉफियां अपने नाम करने वाले एमएस धोनी भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक हैं। धोनी ने 2007 में टी20 विश्वकप, 2011 में वनडे विश्वकप के अलावा 2013 में चैंपियन ट्रॉफी भी भारत को अपनी कप्तानी में दिलाया है।
धोनी भारत के लिए सबसे अधिक वनडे मैच जीताने वाले कप्तान भी हैं। धोनी के रिटारमेंट के बाद इनके जैसा खिलाड़ी अभी तक नहीं मिला है। साथ ही धोनी जैसा बहादुर कप्तान भी टीम इंडिया को नहीं मिला है।
वीरेंद्र सहवाग
मुलतान का सुलतान के नाम से मशहूर वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) जैसा खिलाड़ी पूरे विश्व क्रिकेट में नहीं हुआ है। 1999 में पाकिस्तान के खिलाफ डेब्यू करने वाले सहवाग की खासियत थी की कोई भी फॉर्मेट हो कोई भी गेंदबाज हो ज्यादातर मैचों में सहवाग अपना और टीम का खाता चौके या छक्के से ही खोलते थे।
सहवाग इकलौते ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने टेस्ट मैच में दो तिहरा शतक औऱ वनडे में एक दोहरा शतक लगाए हैं। सहवाग जैसा खिलाड़ी BCCI फिर दोबारा ढूंढ पाने में अभी तक विफल साबित हुआ है।
ज़हीर खान
2003 के विश्वकप के फाइनल के पहले ही ओवर में वाइड और नॉ बॉल देकर 19 रन खर्च करने वाले जहीर खान (Zaheer Khan) ने 2011 विश्वकप के फाइनल में शुरू के लगातार तीन ओवर मेडन फेंककर साबित कर दिया किया कि वह भारत के सबसे सफल तेज गेंदबाजों में से एक हैं। जहीर अपनी गेंदबाजी से मैच का रूख पलटने का माद्दा रखते थे, जहीर जैसा मैच वीनर खिलाड़ी दोबार भारतीय टीम को अभी तक नहीं मिल पाया है।