शराब पीने की गंदी लत से बर्बाद हो गया इस भारतीय बल्लेबाज का करियर, नहीं तो आज होते सचिन से भी ज्यादा रन 1

Sachin Tendulkar: भारतीय क्रिकेट के इतिहास के सबसे महान क्रिकेटरों में से एक सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट का भगवान भी कहते हैं। उन्होंने टीम इंडिया के लिए महज 16 साल की उम्र से ही योगदान दिया। कई सालों की कड़ी मेहनत और लगन ने ही उन्हें यह सम्मान दिलाया। मास्टर ब्लास्टर के नाम क्रिकेट जगत में अनगिनत रिकॉर्ड दर्ज हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं, इस देश में सचिन (Sachin Tendulkar) से भी बड़ा खिलाड़ी पैदा हुआ था। हालांकि शराब पीने की बुरी आदत ने उसका करियर शुरु होते ही खत्म कर दिया। आइए विस्तार से जानें।

Sachin Tendulkar से भी दिग्गज क्रिकेटर

Sachin Tendulkar
Sachin Tendulkar

सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) की गिनती क्रिकेट इतिहास के महानतम बल्लेबाजों में होती है। भारत में उन जैसा दूसरा क्रिकेटर नहीं हुआ। हालांकि एक ऐसा खिलाड़ी था, जिसमें उनसे भी आगे निकलने की काबिलियत थी। दरअसल हम जिस प्लेयर की बात कर रहे हैं वो और कोई नहीं बल्कि सचिन के जिगरी दोस्त विनोद कांबली हैं। दोनों स्कूल के समय से ही साथ क्रिकेट खेलते आए हैं। इस 52 वर्षीय क्रिकेटर के नाम टेस्ट में सचिन के साथ-साथ अन्य क्रिकेटरों से भी बेहतर औसत है। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने 17 टेस्ट में 54.20 की औसत के साथ 1823 रन ठोके। जिसमें 4 शतक और 3 अर्धशतक शामिल है। बता दें कि सचिन का टेस्ट में औसत 53.78 का है।

Advertisment
Advertisment

यह भी पढ़ें: IPL से पहले KKR और CSK को लगा बड़ा झटका, एक साथ चोटिल हुए ये 2 दिग्गज खिलाड़ी, अब आईपीएल से होंगे बाहर

शराब की लत ने खत्म किया क्रिकेट करियर

विनोद कांबली (Vinod Kambli) को लेकर ऐसा कहा जाता था, कि उनके पास सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) से भी अच्छी तकनीक थी। हालांकि उनका करियर विवादों से भरा रहा। शराब की बुरी लत ने उनका क्रिकेटर करियर खराब कर दिया। एक इंटरव्यू के दौरान मुंबई के इस खिलाड़ी ने कहा था कि रणजी ट्रॉफी के एक मैच से एक रात पहले उन्होंने शराब पी थी। अगले दिन जाकर कांबली ने शतक ठोका था। इसके अलावा उनपर वाइफ को पीटने, नवजोत सिंह सिद्धू को गाली देने समेत कई संगीन आरोप लगे।

शानदार रहा उनका फर्स्ट क्लास करियर

टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर विनोद कांबली (Vinod Kambli) ने 1991 में अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में पर्दापण करने के बाद, साल 2009 में संन्यास ले लिया। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने 104 वनडे में 32.59 की औसत से 2477 रन बनाए। जिसमें 2 शतक और 14 अर्धशतक शामिल है। 129 फर्स्ट क्लास मैचों में 59.67 की औसत के साथ कांबली के नाम 9965 रन दर्ज हैं। इसमें उन्होंने 35 शतक और 44 अर्धशतक लगाए।

 

Advertisment
Advertisment

यह भी पढ़ें: IPL से पहले KKR और CSK को लगा बड़ा झटका, एक साथ चोटिल हुए ये 2 दिग्गज खिलाड़ी, अब आईपीएल से होंगे बाहर