भारतीय टीम के हेड कोच गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) को यह जिम्मेदारी संभालते हुए एक साल हो चुका है। टी20 वर्ल्ड कप 2024 के दौरान राहुल द्रविड़ टीम के कोच थे और उसी टूर्नामेंट में भारत ने खिताब जीता था।
इसके तुरंत बाद द्रविड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने आईपीएल 2024 में बतौर मेंटर कोलकाता नाइट राइडर्स को तीसरा आईपीएल खिताब दिलाया और इसके बाद उन्हें भारतीय टीम का हेड कोच नियुक्त किया गया।
गंभीर की कोचिंग में भारतीय टीम का सफर उतार–चढ़ाव भरा रहा है। उनकी कोचिंग के दौरान भारत को 27 साल बाद श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज में हार झेलनी पड़ी, वहीं 12 साल में पहली बार न्यूजीलैंड ने भारत को घरेलू जमीन पर 3-0 से हराया। इसके अलावा टीम इंडिया को 10 साल बाद बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलिया से हार का सामना भी करना पड़ा।
हालाँकि, इन चुनौतियों के बीच गंभीर के मार्गदर्शन में टीम इंडिया ने बड़ी सफलताएँ भी हासिल कीं। भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी 2025 और एशिया कप 2025 का खिताब अपने नाम किया।
अब बात करते हैं उन तीन खिलाड़ियों की, जिन्हें गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) की कोचिंग में लगातार मौके मिल रहे हैं। आइए जानते हैं, कौन–कौन से खिलाड़ी इस सूची में शामिल हैं।
गौतम गंभीर की कोचिंग में जिस युवा खिलाड़ी को सबसे अधिक निरंतर मौके मिले हैं, उनमें हर्षित राणा का नाम प्रमुख है। केकेआर के दौरान गंभीर ने उनकी तेज गति, उछाल पैदा करने की क्षमता और आक्रामक स्वभाव पर भरोसा जताया था। इसी प्रदर्शन के आधार पर राणा को भारतीय टीम में जगह मिली और वे धीरे–धीरे तीनों फॉर्मेट में शामिल होने वाले खिलाड़ियों में गिने जाने लगे।
हालाँकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राणा का प्रदर्शन फिलहाल तीनों फॉर्मेट में औसत रहा है, फिर भी उन्हें लगातार मौके मिल रहे हैं। इस फैसले को लेकर भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों और कई विशेषज्ञों ने हेड कोच गौतम गंभीर की आलोचना भी की है। इसके बावजूद गंभीर का राणा पर भरोसा कायम है। गंभीर का मानना है कि राणा युवा गेंदबाज हैं और उनका रवैया बेहद फाइटिंग है, जो उन्हें अलग बनाता है।
टीम मैनेजमेंट का मानना है कि उनकी लाइन और लेंथ में लगातार सुधार हो रहा है और वे तेजी से सीखने वाले गेंदबाज हैं। यही वजह है कि उन्हें मौके दिए जा रहे हैं। टीम का विश्वास है कि आने वाले समय में हर्षित राणा भारतीय तेज गेंदबाजी यूनिट का अहम हिस्सा बन सकते हैं।
2. नितीश कुमार रेड्डी
भारतीय टीम के युवा ऑलराउंडर नितीश कुमार रेड्डी को गौतम गंभीर का लगातार समर्थन मिलता रहा है, और इसी भरोसे के कारण उन्हें तीनों फॉर्मेट में भारतीय टीम से खेलने का अवसर मिला है। आईपीएल 2024 में दमदार प्रदर्शन के बाद उन्होंने उसी वर्ष भारत की ओर से अपना अंतरराष्ट्रीय पदार्पण किया था। शुरुआत में उन्होंने कुछ मैचों में असरदार बल्लेबाजी और उपयोगी गेंदबाजी से अपनी क्षमता दिखाई, जिससे टीम को बैलेंस मिलने में मदद मिली।
रेड्डी मिडिल ऑर्डर में आक्रामक बल्लेबाजी करने के साथ तेज गेंदबाजी का विकल्प भी देते हैं, जो किसी भी टीम कॉम्बिनेशन के लिए बेहद मूल्यवान है। गंभीर हमेशा ऐसे बहुआयामी खिलाड़ियों को प्राथमिकता देते हैं, और इसी सोच के कारण रेड्डी को लगातार मौके मिलते रहे।
हालाँकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्हें खराब फॉर्म और फिटनेस समस्याओं से भी जूझना पड़ा, लेकिन इसके बावजूद गौतम गंभीर ने उन पर भरोसा बनाए रखा।
अनुभवी लेकिन अभी भी युवा वॉशिंगटन सुंदर को गंभीर की कोचिंग में फिर से नियमित मौके मिलने लगे हैं। सुंदर अपनी ऑफ स्पिन, नियंत्रित गेंदबाजी और निचले क्रम में स्थिर बल्लेबाजी के कारण टीम को संतुलन प्रदान करते हैं। गंभीर ऐसे खिलाड़ियों को पसंद करते हैं जो दबाव में संयम बनाए रखें और टीम की जरूरत के अनुसार अपना खेल ढाल सकें।
इसी वजह से सुंदर को कई सीरीज में जगह मिली, चाहे वह स्पिन-फ्रेंडली कंडीशन हों या विदेशी दौरे। मैदान पर शांत स्वभाव और रणनीतिक सोच के कारण वे टीम कॉम्बिनेशन का महत्वपूर्ण हिस्सा बने हुए हैं।
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