BCCI backs Gautam Gambhir till 2027 World Cup : भारत की हालिया टेस्ट परफॉर्मेंस को लेकर चारों तरफ सवाल उठ रहे हैं, लेकिन इन सबके बीच BCCI ने साफ कर दिया है कि हेड कोच गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) की पोज़ीशन पर कोई तात्कालिक एक्शन नहीं लिया जाएगा।
साउथ अफ्रीका के खिलाफ 2-0 की टेस्ट सीरीज़ हार के बाद, गंभीर पर दबाव ज़रूर बढ़ा है, मगर बोर्ड ने आगामी वर्ल्ड कप को ध्यान में रखते हुए स्थिरता बनाए रखने का फैसला किया है। बोर्ड का मानना है कि टीम इस समय बदलाव के दौर से गुज़र रही है, इसलिए किसी बड़े कदम की जल्दबाज़ी नहीं की जाएगी।
टीम इंडिया का ट्रांज़िशन फेज और BCCI का धैर्य
भारत का टेस्ट परफॉर्मेंस पिछले एक साल में तेज़ी से नीचे गया है। घरेलू मैदान पर न्यूज़ीलैंड से 0-3, फिर विदेशी धरती पर ऑस्ट्रेलिया से 1-3 और अब घर में साउथ अफ्रीका के खिलाफ 0-2 की हार ने टीम की क्षमता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इसके बावजूद BCCI का कहना है कि यह समय जल्दबाज़ी में फैसला लेने का नहीं है।
बोर्ड के एक सीनियर अधिकारी के अनुसार, टीम अभी ट्रांज़िशन फेज में है, जहां कई नए खिलाड़ियों को लगातार मौके दिए जा रहे हैं। ऐसे में कोचिंग स्टाफ को बदलना टीम में स्थिरता और कॉन्फिडेंस दोनों को नुकसान पहुंचा सकता है। BCCI चाहता है कि युवा खिलाड़ी और मौजूदा ग्रुप एक साथ बढ़े, और कोचिंग स्टाफ उन्हीं के साथ काम करता रहे।
Gautam Gambhir पर बढ़ती आलोचना और उनकी प्रतिक्रिया

हार का दबाव और लगातार गिरती बल्लेबाज़ी ने गंभीर को आलोचना के केंद्र में ला दिया है। साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट में जिस तरह टीम 95/1 से 120/7 पर पहुंच गई, वह पूरे अभियान का टर्निंग पॉइंट बना। मैच के बाद गंभीर ने साफ कहा कि ड्रेसिंग रूम में हर कोई ज़िम्मेदार है और यह ज़िम्मेदारी सबसे पहले कोच की होती है।
हालांकि उन्होंने यह भी याद दिलाया कि वह वही व्यक्ति हैं जिन्होंने भारत को चैंपियंस ट्रॉफी, एशिया कप और इंग्लैंड में टेस्ट ड्रॉ जैसी उपलब्धियां दिलाई थीं। गंभीर ने टीम के अनुभव की कमी को भी हार की बड़ी वजह बताया और कहा कि यह टीम सीखने की प्रक्रिया में है।
सिलेक्टर्स पर भी सवाल, लेकिन बड़े बदलाव की संभावना कम
सोशल मीडिया और फैंस लगातार चीफ सिलेक्टर अजीत अगरकर पर भी सवाल उठा रहे हैं। टीम कॉम्बिनेशन, पिच चयन और बल्लेबाज़ी क्रम जैसे मुद्दों को लेकर चयन समिति की रणनीति कठघरे में है।
बावजूद इसके, BCCI का रुख साफ है कि सिलेक्टर्स और टीम मैनेजमेंट के साथ बातचीत होगी, लेकिन कोई कड़ा कदम तात्कालिक रूप से नहीं उठाया जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक, आगामी वर्ल्ड कप बेहद करीब है, ऐसे में नए कोच या नई चयन समिति लाने से योजनाओं में अव्यवस्था पैदा हो सकती है।
2027 तक गंभीर पर भरोसा, भविष्य की राह पर नज़र
गंभीर का कॉन्ट्रैक्ट 2027 वर्ल्ड कप तक है और फिलहाल बोर्ड इसे बरकरार रखना चाहता है। गंभीर को भी विश्वास है कि युवा खिलाड़ियों के साथ यह टीम निकट भविष्य में वह निरंतरता दिखा सकती है जिसकी भारतीय क्रिकेट को तलाश है।
बोर्ड का मानना है कि अक्सर आलोचना के बीच सकारात्मक बदलाव दिखने में समय लगता है, और टेस्ट फॉर्मेट में मजबूत वापसी धीरे-धीरे ही संभव है। भारत के सामने अब चुनौती केवल सीरीज़ जीतने की नहीं, बल्कि टेस्ट क्रिकेट में अपने दबदबे को दोबारा स्थापित करने की है।
इन परिस्थितियों में, BCCI का गंभीर को समर्थन देना यह संकेत देता है कि बोर्ड लंबी अवधि की सोच के साथ आगे बढ़ना चाहता है। अब आने वाला समय तय करेगा कि यह भरोसा टीम इंडिया में नई ऊर्जा भरता है या बदलाव की मांग और तेज होगी।