India new fast bowler for 2027 World Cup : भारतीय क्रिकेट में जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) वो नाम हैं जिन्होंने तेज़ गेंदबाज़ी की परिभाषा ही बदल दी। उनकी सटीक यॉर्कर, नियंत्रण और आक्रामकता ने भारत को कई यादगार जीतें दिलाईं।
लेकिन हर महान खिलाड़ी के बाद एक नई पीढ़ी आती है जो उनकी विरासत को आगे बढ़ाती है। अब एक नया चेहरा उभरा है जो जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) की राह पर चलते हुए भारतीय क्रिकेट का अगला तेज़ सितारा बन सकता है। रणजी ट्रॉफी में उसके प्रदर्शन ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है — उसकी गेंदबाज़ी इतनी सटीक और प्रभावशाली है कि स्टंप्स पलक झपकते ही बिखर जाते हैं।
दक्षिण से उभरी Jasprit Bumrah जैसी नई रफ्तार
दक्षिण भारत की सरजमीं ने भारतीय क्रिकेट को कई तेज़ गेंदबाज़ दिए हैं, और अब उसी लिस्ट में एडेन एप्पल टॉम (Eden Apple Tom) का नाम तेजी से जुड़ रहा है। 20 वर्षीय यह युवा ऑलराउंडर केरल की ओर से खेलता है और हाल ही में रणजी ट्रॉफी फाइनल में खिताब की प्रबल दावेदार विदर्भ के खिलाफ तीन विकेट लेकर सुर्खियों में छा गया।
एडेन की खासियत सिर्फ उनकी स्विंग नहीं, बल्कि उनकी लाइन-लेंथ और रफ्तार का अद्भुत संयोजन है। बल्लेबाज़ों को आखिरी पल तक गेंद की दिशा का अंदाज़ा नहीं होता। कभी बाहर जाती गेंद अचानक अंदर आ जाती है, और कभी अंदर आती गेंद हल्का सा बाहर निकलकर बल्ले का किनारा ले जाती है।
यही अनिश्चितता उन्हें खतरनाक बनाती है। उनकी धारदार गेंदबाज़ी देखकर कई पूर्व क्रिकेटर मानते हैं कि वह जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) की तरह भारत के अगले “पेस लीडर” बन सकते हैं।
दुबई से तिरुवनंतपुरम तक का सफर
एडेन का सफर किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं। दक्षिण केरल के पथानामथिट्टा में जन्मे एडेन बचपन में अपने पिता के साथ दुबई चले गए, जहाँ उनके पिता एयरपोर्ट पर काम करते थे। वहीं उन्होंने पहली बार टेनिस बॉल से खेलना शुरू किया और क्रिकेट का जुनून पाला।
पूर्व केरल ऑलराउंडर सोनी चेरुवथूर, जो उस समय दुबई में एक अकादमी चला रहे थे, ने एडेन की प्रतिभा को पहचाना। वे बताते हैं,
“वो सिर्फ आठ-नौ साल का था, लेकिन गेंदबाज़ी में ग़ज़ब की रफ्तार और जज़्बा था।”
चेरुवथूर के सुझाव पर ही एडेन भारत लौटे ताकि वे पेशेवर क्रिकेट की बारीकियां सीख सकें। इसके बाद उन्होंने लव ऑल स्पोर्ट्स अकादमी, तिरुवनंतपुरम में ट्रेनिंग ली, जहाँ उन्होंने अपनी तकनीक और फिटनेस पर जमकर काम किया।
चोट के बाद शानदार वापसी
हर खिलाड़ी के जीवन में संघर्ष का एक दौर आता है, और एडेन के लिए वह समय तब आया जब उनकी पीठ के निचले हिस्से में स्ट्रेस फ्रैक्चर हो गया। लंबे रिहैब के बाद कई खिलाड़ियों की रफ्तार घट जाती है, लेकिन एडेन ने न सिर्फ वापसी की बल्कि अपनी गति और नियंत्रण दोनों में सुधार किया। 2021-22 की रणजी ट्रॉफी में मेघालय के खिलाफ डेब्यू मैच में उन्होंने छह विकेट लेकर मैच का रुख पलट दिया।
उनकी गेंदबाज़ी में वह “क्लासिक स्विंग” दिखती है जो भारतीय सरज़मीं पर दुर्लभ होती जा रही है — नई गेंद को दोनों दिशाओं में मूव कराने की कला, जिसे देखकर बल्लेबाज़ भ्रमित हो जाते हैं।
एडेन एप्पल टॉम का फर्स्ट-क्लास करियर
एडेन का फर्स्ट-क्लास करियर भले अभी शुरुआती दौर में है, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि वह भविष्य के लिए तैयार हैं। अब तक उन्होंने 3 फर्स्ट-क्लास मैचों में 11 विकेट झटके हैं, जिनमें उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 6/71 रहा है। उनकी गेंदबाज़ी औसत लगभग 28.5 और इकॉनमी 3.8 के आसपास है।
यह आँकड़े छोटे ज़रूर हैं, लेकिन उनका इम्पैक्ट बड़ा है — और यही कारण है कि भारतीय क्रिकेट उन्हें भविष्य के प्रमुख तेज़ गेंदबाज़ के रूप में देख रहा है।
2027 की तैयारी और भविष्य की उम्मीदें
भारत के पास जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah), मोहम्मद सिराज और अर्शदीप सिंह जैसे अनुभवी तेज़ गेंदबाज़ हैं, लेकिन टीम प्रबंधन जानता है कि 2027 वर्ल्ड कप के लिए नई पीढ़ी तैयार करनी होगी। एडेन एप्पल टॉम जैसे युवा उसी विरासत को आगे बढ़ाने की क्षमता रखते हैं। उनकी फिटनेस, अनुशासन और सीखने की भूख उन्हें एक लंबी रेस का खिलाड़ी बनाती है।
केरल के लिए उनके हालिया प्रदर्शन ने यह दिखाया है कि वे दबाव के हालात में भी संयम बनाए रखते हैं। विदर्भ के खिलाफ उन्होंने यश राठौड़ और अक्षय वाडकर जैसे अहम बल्लेबाज़ों को आउट कर यह साबित किया कि वह बड़े मौकों पर प्रदर्शन कर सकते हैं।
अगर उन्होंने अपनी यह लय बनाए रखी, तो 2027 वर्ल्ड कप से पहले एडेन एप्पल टॉम के रूप में भारत को जसप्रीत बुमराह का परफेक्ट उत्तराधिकारी मिल सकता है ।