क्रिकेट कमेंट्री(Commentary)वह प्रक्रिया है जिसमें क्रिकेट मैच के दौरान मैदान पर होने वाली गतिविधियों का वर्णन और विश्लेषण किया जाता है। यह कमेंट्री(Commentary) रेडियो, टेलीविजन या ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से दर्शकों तक पहुंचाई जाती है। कमेंटेटर गेंद-दर-गेंद और ओवर-दर-ओवर की कार्रवाई का वर्णन करते हैं, जिसमें बल्लेबाज द्वारा लगाए गए शॉट, गेंदबाज द्वारा फेंकी गई गेंदें, फील्डरों की हरकतें और विकेट गिरने जैसी महत्वपूर्ण घटनाएं शामिल हैं।
मौजूदा वक्त कमेंट्री(Commentary) काफी रोचक हो गई है। लेकिन हाल के दिनों में हिंदी कमेंट्री(Commentary) की गुणवत्ता को लेकर कुछ आलोचनाएं ज़रूर हुई हैं। कुछ प्रशंसकों का मानना है कि कुछ कमेंटेटर खेल के विश्लेषण पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय ज़्यादातर मज़ाकिया टिप्पणियां या निजी कहानियाँ सुनाते हैं। कुछ लोगों को यह भी लगता है कि कुछ कमेंटेटर बहुत ज़्यादा भावुक हो जाते हैं या अनावश्यक रूप से तुकबंदी का उपयोग करते हैं। ऐसे में आज हम 2 ऐसे कमेंटेटर के बारे में बात करने जा रहे हैं जिनकी कमेंट्री ने हिंदी के माहौल को खराब कर दिया है।
नवजोत सिंह सिद्धू
नवजोत सिंह सिद्धू की कमेंट्री को लेकर लोगों की मिली-जुली राय है। कुछ लोग उनकी शायरी और मजाकिया टिप्पणियों का आनंद लेते हैं, जबकि अन्य को यह खेल के विश्लेषण से ध्यान भटकाने वाला लगता है। कुछ श्रोताओं को लगता है कि सिद्धू बहुत अधिक शायरी का उपयोग करते हैं, जो खेल के प्रवाह को बाधित कर सकता है। कभी-कभी, सिद्धू खेल से असंबंधित विषयों पर टिप्पणी करते हैं, जिससे कुछ लोगों को निराशा होती है। कुछ लोगों का मानना है कि सिद्धू खेल के तकनीकी पहलुओं पर पर्याप्त ध्यान केंद्रित नहीं करते हैं।
अंबाती रायडू
आईपीएल 2025 के कमेंट्री पैनल का हिस्सा हैं। उनकी कमेंट्री, खासकर एमएस धोनी और चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) के प्रति उनके कथित पक्षपात को लेकर काफी विवाद हो रहा है। कुछ प्रशंसकों को लगता है कि वह एमएस धोनी और सीएसके के प्रति बहुत ज्यादा झुकाव दिखाते हैं। अप्रैल 2025 में सीएसके और पंजाब किंग्स के बीच हुए मैच के दौरान उनकी कुछ टिप्पणियों को लेकर सवाल उठाए गए थे, जहाँ उनकी प्रशंसा बहुत ज़्यादा लग रही थी। रायडू को कमेंट्री पैनल से हटाने की मांग अप्रैल 2025 में सीएसके और पंजाब किंग्स (पीबीकेएस) के बीच हुए एक मैच के दौरान उनकी कमेंट्री के बाद उठी ।
इस मैच के दौरान, रायडू ने एमएस धोनी की जमकर प्रशंसा की, यहाँ तक कि उनकी तुलना एक तलवार लेकर युद्ध लड़ने वाले नायक से कर दी। कई प्रशंसकों और विशेषज्ञों ने इस प्रशंसा को “अत्यधिक भावुक” और रायडू के पक्षपातपूर्ण रवैये का संकेत माना । वीरेंद्र सहवाग ने भी रायडू की इस अत्यधिक प्रशंसा के लिए ऑन-एयर उनकी चुटकी ली । नवजोत सिंह सिद्धू ने भी रायडू की कमेंट्री पर कटाक्ष करते हुए पूछा कि क्या धोनी क्रिकेट खेलने आए हैं या युद्ध लड़ने । इन घटनाओं ने रायडू की कमेंट्री की निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर दिए।
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