Hindu in Pakistan: पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर दानिश कनेरिया एक बार फिर सुर्खियों में हैं। सोशल मीडिया पर हमेशा सक्रिय रहने वाले कनेरिया ने हाल ही में एक लंबा पोस्ट लिखकर उन आलोचकों को करारा जवाब दिया है, जो उन पर भारत का पक्ष लेने और भारतीय नागरिकता पाने की इच्छा रखने का आरोप लगाते हैं।
पाकिस्तान (Pakistan) क्रिकेट के इतिहास में केवल दो हिंदू खिलाड़ियों को राष्ट्रीय टीम में खेलने का मौका मिला है, जिनमें से एक हैं दानिश कनेरिया। इससे पहले अनिल दलपत पाकिस्तान से खेलने वाले पहले हिन्दू खिलाड़ी थे।
कनेरिया ने अपने पोस्ट में स्पष्ट कहा कि उन्हें पाकिस्तान की जनता से तो बहुत प्यार मिला, लेकिन अधिकारियों और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) से धार्मिक भेदभाव और जबरन धर्म परिवर्तन के प्रयासों का सामना करना पड़ा।
उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत और पाकिस्तान (Pakistan) के बीच राजनीतिक व क्रिकेट दोनों मोर्चों पर तनाव गहराया हुआ है। इसके बावजूद कनेरिया ने अपने विचार बिना किसी डर या झिझक के सामने रखे हैं।
“मुझे जबरन धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया गया”
दानिश कनेरिया (Danish Kaneria) ने अपने पोस्ट में पाकिस्तान (Pakistan) के अंदर मौजूद धार्मिक असहिष्णुता को लेकर बड़ा खुलासा किया। उन्होंने लिखा कि उन्हें क्रिकेट करियर के दौरान जबरन धर्म परिवर्तन के लिए कहा गया और लगातार भेदभाव का सामना करना पड़ा।
कनेरिया के मुताबिक, “पाकिस्तान और उसके लोगों से मुझे बहुत प्यार मिला, लेकिन उसी के साथ मुझे अधिकारियों और PCB से गहरे भेदभाव का सामना करना पड़ा। कई बार मुझे धर्म बदलने के लिए मजबूर किया गया।”
उनके इस बयान ने पाकिस्तान (Pakistan) क्रिकेट की उस सच्चाई को उजागर कर दिया है, जिसके बारे में वहां कोई खुलकर बात नहीं करता। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान (Pakistan) में हिंदू या अल्पसंख्यक होना आसान नहीं है, और जब कोई अपनी आस्था पर कायम रहता है, तो उसके खिलाफ माहौल बना दिया जाता है।
“भारत मेरी मातृभूमि है, मंदिर के समान”
दानिश कनेरिया ने अपने पोस्ट में भारत के प्रति अपनी भावना का भी जिक्र किया। उन्होंने लिखा, “पाकिस्तान मेरी जन्मभूमि हो सकती है, लेकिन भारत मेरे पूर्वजों की भूमि और मेरी मातृभूमि है। मेरे लिए भारत एक मंदिर के समान है।”
उन्होंने यह भी साफ किया कि उनका फिलहाल भारतीय नागरिकता लेने का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा, “अगर भविष्य में मेरे जैसा कोई ऐसा कदम उठाना चाहे, तो हमारे जैसे लोगों के लिए सीएए (नागरिकता संशोधन अधिनियम) पहले से ही मौजूद है।”
कनेरिया ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत की प्रशंसा करना उनके लिए कोई राजनीतिक रणनीति नहीं, बल्कि भावनात्मक और सांस्कृतिक जुड़ाव का प्रतीक है। वह बार-बार यह कह चुके हैं कि भारत के प्रति उनका प्रेम किसी स्वार्थ से नहीं, बल्कि अपनी जड़ों और धर्म के प्रति समर्पण से प्रेरित है।
“जय श्रीराम” लिखकर दिया जवाब
दानिश कनेरिया ने अपने पोस्ट के अंत में लिखा, “मेरी सुरक्षा के लिए चिंतित लोगों से कहना चाहता हूँ कि प्रभु श्रीराम के आशीर्वाद से मैं अपने परिवार के साथ सुरक्षित और खुश हूँ। मेरा भाग्य भगवान राम के हाथों में है। जय श्रीराम।”
उनका यह वाक्य सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया और लोगों ने उनके साहस की सराहना की। उन्होंने साफ कहा कि वह धर्म और सच्चाई के लिए हमेशा खड़े रहेंगे, चाहे इसके लिए उन्हें कितनी भी आलोचना क्यों न झेलनी पड़े।
कनेरिया ने उन लोगों पर भी निशाना साधा जो समाज में नफरत फैलाते हैं या खुद को धर्मनिरपेक्ष कहकर दूसरों की आस्था का मज़ाक उड़ाते हैं। उन्होंने कहा कि वह ऐसे “छद्म धर्मनिरपेक्ष” लोगों का पर्दाफाश करते रहेंगे, जो देश और समाज को बांटने की कोशिश करते हैं।
Lately, I have seen many people questioning me, asking why I do not speak about Pakistan, why I comment on Bharat’s internal matters, and some even alleging that I do all this for Bharatiya citizenship. I feel it is important to set the record straight.
From Pakistan and its…
— Danish Kaneria (@DanishKaneria61) October 4, 2025
Pakistan के लिए दानिश कनेरिया का इंटरनेशनल करियर
दानिश कनेरिया पाकिस्तान (Pakistan) क्रिकेट इतिहास के सबसे सफल स्पिन गेंदबाजों में से एक रहे हैं। उन्होंने अपने करियर में पाकिस्तान के लिए 61 टेस्ट मैच और 18 वनडे मुकाबले खेले। टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने 261 विकेट हासिल किए, जो पाकिस्तान (Pakistan) के लिए खेलने वाले किसी भी स्पिनर द्वारा लिए गए तीसरे सबसे अधिक विकेट हैं।
कनेरिया ने 2000 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था और अपने लूप और फ्लाइट से कई दिग्गज बल्लेबाजों को परेशान किया। हालांकि, 2012 में इंग्लैंड काउंटी क्रिकेट में स्पॉट-फिक्सिंग के आरोपों के चलते उन पर आजीवन प्रतिबंध (Life Ban) लगा दिया गया, जिसे वह आज तक अन्यायपूर्ण बताते हैं।
भले ही उनके करियर का अंत विवादों में हुआ, लेकिन दानिश कनेरिया की गेंदबाज़ी और साहस आज भी क्रिकेट जगत में याद किए जाते हैं। उन्होंने साबित किया कि एक खिलाड़ी की पहचान उसके धर्म से नहीं, बल्कि उसके खेल और हिम्मत से होती है।
FAQs
दानिश कनेरिया कौन हैं?
दानिश कनेरिया ने इंटरनेशनल क्रिकेट में कितने विकेट लिए हैं?
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