Ravichandran Ashwin on His Retirement : भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल ऑफ-स्पिनरों में से एक रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) ने अपने संन्यास की असली वजह हाल ही में साझा की, जिसने क्रिकेट फैंस को हैरान कर दिया। लंबे समय तक भारतीय टेस्ट टीम के स्तंभ रहे अश्विन ने हमेशा संयमित अंदाज़ में खेला, लेकिन अपने रिटायरमेंट को लेकर उन्होंने कुछ ऐसा खुलासा किया जिसने सभी को चौंका दिया।
उन्होंने बताया कि उनका यह फैसला किसी दबाव, राजनीति या चयन से जुड़ा नहीं था, बल्कि एक ऐसे वादे से प्रेरित था जो उन्होंने खुद से करीब 12 साल पहले किया था।
एक पुराना वादा जो आखिर निभाना पड़ा : अश्विन

अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर बताया कि 2012 में इंग्लैंड से घरेलू टेस्ट सीरीज़ हारने के बाद उन्होंने खुद से एक वादा किया था। उन्होंने तय किया था कि अगर भारत फिर कभी कोई घरेलू टेस्ट सीरीज़ हारेगा, तो वे उसी समय इंटरनेशनल क्रिकेट छोड़ देंगे।
शुरुआत में यह बात सिर्फ खुद को प्रेरित करने के लिए कही गई थी, लेकिन जैसे-जैसे भारत अगले 12 साल तक घर में कोई सीरीज़ नहीं हारा, उनका यह वादा और पक्का होता गया।
2024 में न्यूजीलैंड के खिलाफ 3-0 की हार ने उन्हें गहरा झटका दिया। यह न सिर्फ टीम के लिए कठिन समय था, बल्कि अश्विन के लिए भी बेहद दर्दनाक साबित हुआ। उन्होंने साफ कहा कि यही हार उनके रिटायरमेंट की सबसे बड़ी वजह बनी।
ऑस्ट्रेलिया दौरे के बीच लिया गया भावनात्मक फैसला
अश्विन (Ravichandran Ashwin) न्यूजीलैंड सीरीज़ के बाद सीधे रिटायर नहीं हुए। वे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का हिस्सा बने, लेकिन मन के भीतर का संघर्ष और निराशा उनसे छिपी नहीं रह सकी। गाबा टेस्ट के दौरान जब कैमरों ने उन्हें ड्रेसिंग रूम में भावुक होते हुए दिखाया, तभी अंदाज़ा हो गया था कि कुछ बड़ा होने वाला है।
एडिलेड टेस्ट खेलने के बाद उन्होंने अचानक रिटायरमेंट की घोषणा कर सबको चौंका दिया। उन्होंने साफ कहा कि यह फैसला पूरी तरह व्यक्तिगत था और टीम मैनेजमेंट, कप्तान या चयनकर्ताओं ने उन पर कोई दबाव नहीं बनाया। रोहित शर्मा, गौतम गंभीर जैसे दिग्गजों ने उन्हें रिटायरमेंट पर दोबारा सोचने को कहा, लेकिन अश्विन ने दिल से लिया फैसला नहीं बदला।
वही खिलाड़ी जिसने घरेलू क्रिकेट में बनाई थी अजेय दीवार
अश्विन भारत की उस टीम का अहम हिस्सा थे जिसने 2013 से 2023 तक एक भी घरेलू टेस्ट सीरीज़ नहीं हारी। रवींद्र जडेजा के साथ उनकी स्पिन जोड़ी ने बल्लेबाजों को खूब परेशान किया।
भारत की घरेलू जीतों की रीढ़ वे खुद रहे, लेकिन जब वही दीवार न्यूजीलैंड के खिलाफ टूट गई, तो अश्विन को लगा कि उनका वादा पूरा करने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक व्यक्तिगत भावना नहीं थी, बल्कि एक खिलाड़ी के रूप में उनकी अपनी सीमाओं और जिम्मेदारियों को समझने का हिस्सा भी था।
Ravichandran Ashwin का शानदार टेस्ट करियर
अश्विन ने अपने करियर में भारत के लिए जो योगदान दिया, वह आंकड़ों में भी साफ दिखाई देता है। घरेलू टेस्ट में उनके नाम 383 विकेट दर्ज हैं, वह भी 21.57 की शानदार औसत के साथ। 127 इनिंग्स में 29 बार उन्होंने पांच विकेट झटके, और भारतीय पिचों पर उनके कौशल को हमेशा सर्वश्रेष्ठ माना गया। न सिर्फ गेंद से, बल्कि बैटिंग में भी उन्होंने कई अहम पारियां खेलीं। कुल मिलाकर, उनका टेस्ट करियर भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे सफल अध्यायों में से एक है।
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