Rinku Singh in Vijay Hazare Trophy : भारतीय घरेलू क्रिकेट में चल रही विजय हजारे ट्रॉफी में शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के कप्तान रिंकू सिंह (Rinku Singh) ने ऐसा प्रदर्शन किया, जिसने पूरे टूर्नामेंट में हलचल मचा दी। राजकोट में खेले गए मुकाबले में चंडीगढ़ के खिलाफ रिंकू ने सिर्फ 56 गेंदों पर शतक जड़ते हुए यह दिखा दिया कि उनका बल्ला इस वक्त किस कदर आग उगल रहा है।
टी20 वर्ल्ड कप 2026 से पहले यह पारी न सिर्फ उत्तर प्रदेश के लिए अहम रही, बल्कि टीम इंडिया के नजरिए से भी इसे बेहद खास माना जा रहा है।
Rinku Singh की कप्तानी पारी में दिखी आक्रामक सोच

इस मुकाबले में उत्तर प्रदेश की टीम पहले से ही मजबूत स्थिति में थी, लेकिन पांचवें नंबर पर बल्लेबाज़ी करने उतरे रिंकू सिंह ने जिम्मेदारी को पूरी तरह अपने कंधों पर ले लिया। शुरुआती कुछ गेंदों में उन्होंने हालात को परखा, इसके बाद उनके शॉट्स में आक्रामकता साफ झलकने लगी।
मैदान के चारों ओर खेले गए शॉट्स ने चंडीगढ़ के गेंदबाज़ों को बैकफुट पर ला दिया। कप्तान के तौर पर रिंकू (Rinku Singh) ने यह दिखाया कि कैसे सेट होने के बाद मैच को पूरी तरह अपनी पकड़ में लिया जाता है।
60 गेंदों में नाबाद 106 रन
रिंकू सिंह ने 60 गेंदों पर नाबाद 106 रन बनाए, जिसमें 11 चौके और 4 छक्के शामिल रहे। उनकी स्ट्राइक रेट 176 से ज्यादा की रही, जो 50 ओवर फॉर्मेट में किसी टी20 इनिंग से कम नहीं लगती।
हर ओवर के साथ उनका आत्मविश्वास बढ़ता गया और गेंदबाज़ों की लाइन-लेंथ पूरी तरह बिगड़ती चली गई। खास बात यह रही कि उन्होंने कोई जल्दबाज़ी नहीं दिखाई, बल्कि सही गेंद का इंतजार करते हुए बड़े शॉट्स लगाए।
उत्तर प्रदेश का विशाल स्कोर
रिंकू की विस्फोटक बल्लेबाज़ी का असर सीधे स्कोरबोर्ड पर दिखा। उत्तर प्रदेश की टीम ने निर्धारित 50 ओवरों में 4 विकेट के नुकसान पर 367 रन बना दिए।
इस बड़े स्कोर की नींव अन्य बल्लेबाज़ों ने रखी, लेकिन अंतिम ओवरों में रिंकू की पावर हिटिंग ने इसे विशाल लक्ष्य में बदल दिया। इस स्कोर के सामने चंडीगढ़ की टीम पर दबाव साफ नजर आया और मुकाबला पूरी तरह उत्तर प्रदेश के पक्ष में झुक गया।
टीम इंडिया के लिए मजबूत संकेत
टी20 वर्ल्ड कप 2026 के लिए भारतीय टीम में चुने जा चुके रिंकू सिंह का यह फॉर्म चयनकर्ताओं और टीम मैनेजमेंट के लिए राहत भरी खबर है। घरेलू क्रिकेट में इस तरह की पारियां यह साबित करती हैं कि वह बड़े मंच पर भी दबाव झेलने में सक्षम हैं।
फिनिशर की भूमिका में उनकी निरंतरता और आत्मविश्वास आने वाले समय में टीम इंडिया के लिए बेहद अहम साबित हो सकता है। विजय हजारे ट्रॉफी में यह शतक रिंकू के करियर का एक और मजबूत अध्याय जोड़ता नजर आ रहा है।
FAQS
रिंकू सिंह किस टीम की कप्तानी कर रहे हैं ?
रिंकू सिंह ने कितनी गेंदों में शतक पूरा किया?