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ऋषभ पंत और ईशान किशन दोनों के वनडे आंकड़े हैं कुछ ऐसे, किसे होना चाहिए न्यूज़ीलैंड वनडे सीरीज का हिस्सा?

Rishabh Pant

Rishabh Pant vs Ishan Kishan ODI comparison : भारत और न्यूजीलैंड के बीच 11 जनवरी से शुरू होने वाली तीन मैचों की वनडे सीरीज से पहले टीम इंडिया के चयन को लेकर बहस तेज हो गई है। खासतौर पर विकेटकीपर-बल्लेबाज के विकल्प पर चर्चाएं जोरों पर हैं।

एक तरफ ऋषभ पंत (Rishabh Pant) हैं, जिन्हें लंबे समय तक भारतीय क्रिकेट का भविष्य माना गया, तो दूसरी तरफ ईशान किशन हैं, जो घरेलू क्रिकेट में धमाकेदार प्रदर्शन कर एक बार फिर टीम में वापसी की दहलीज पर खड़े नजर आ रहे हैं। दोनों खिलाड़ियों के आंकड़े और हालिया परिस्थितियां इस मुकाबले को और दिलचस्प बना देती हैं।

Rishabh Pant की वनडे जर्नी और भूमिका

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ऋषभ पंत (Rishabh Pant) ने 2018 में वनडे क्रिकेट में कदम रखा था और शुरुआती दौर में उन्हें बड़े मैचों का खिलाड़ी माना गया। अब तक 31 वनडे मैचों में 871 रन बनाकर उन्होंने अपनी काबिलियत दिखाई है, जिसमें एक शतक और पांच अर्धशतक शामिल हैं। पंत का औसत 33 से ऊपर रहा है, लेकिन इसके बावजूद वह इस फॉर्मेट में अपनी जगह पक्की नहीं कर पाए।

उनकी सबसे बड़ी पहचान एक फिनिशर के रूप में रही है, लेकिन लगातार मौके न मिलने से उनकी लय प्रभावित हुई। पिछले कुछ सालों में टेस्ट क्रिकेट में व्यस्तता और चोटों के कारण उनका वनडे करियर रुक-रुक कर आगे बढ़ा है।

ईशान किशन का उभार और आक्रामक अंदाज

ईशान किशन ने सीमित मौकों में वनडे क्रिकेट में अपनी अलग पहचान बनाई है। 27 मैचों में 933 रन और 42.40 की औसत उनके प्रभाव को दर्शाती है। इस दौरान उन्होंने एक दोहरा शतक भी जड़ा, जो उन्हें बाकी विकल्पों से अलग करता है।

किशन का खेल पूरी तरह आक्रामक है और वह पावरप्ले से लेकर मध्य ओवरों तक तेजी से रन बनाने की क्षमता रखते हैं। हालिया घरेलू सीजन में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन कर उन्होंने चयनकर्ताओं का ध्यान एक बार फिर अपनी ओर खींचा है।

चयन नीति और मौके की बहस

वनडे टीम में चयन सिर्फ आंकड़ों पर नहीं, बल्कि निरंतरता और मौके देने की नीति पर भी निर्भर करता है। ऋषभ पंत पिछले तीन वर्षों में सिर्फ एक वनडे खेल पाए हैं, जिससे यह सवाल उठता है कि बिना पर्याप्त मौके दिए किसी खिलाड़ी को बाहर करना कितना सही है।

दूसरी ओर ईशान किशन को हालिया फॉर्म का फायदा मिल सकता है, लेकिन यह भी सच है कि वनडे क्रिकेट टी20 से अलग सोच और धैर्य की मांग करता है। चयनकर्ताओं के सामने चुनौती यह है कि वे फॉर्म और अनुभव के बीच सही संतुलन कैसे बनाएं।

न्यूजीलैंड सीरीज के लिहाज से सही विकल्प

न्यूजीलैंड जैसी मजबूत टीम के खिलाफ वनडे सीरीज में भारत को ऐसे खिलाड़ी की जरूरत होगी जो दबाव में सही फैसले ले सके। पंत का अनुभव और बड़े मैचों में खेलने का आत्मविश्वास टीम के लिए अहम हो सकता है, वहीं किशन की आक्रामकता मैच का रुख तेजी से बदलने की क्षमता रखती है।

ऐसे में यह चयन सिर्फ आंकड़ों की लड़ाई नहीं, बल्कि टीम संयोजन, भूमिका और भविष्य की रणनीति से जुड़ा फैसला होगा, जो इस सीरीज को और भी रोचक बना देता है।

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FAQS 

भारत और न्यूजीलैंड के बीच वनडे सीरीज कब शुरू होगी ?

11 जनवरी

IND vs NZ ODI सीरीज में कप्तान कौन हो सकता है?

शुभमन गिल

Vasu Jain

खेल सिर्फ मनोरंजन नहीं, एक कहानी है। मैं एक स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट हूँ, जो 2007 से क्रिकेट...

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