Sanju Samson: केरल में जन्मे टीम इंडिया के होनहार क्रिकेटर संजू सैमसन पिछले दिनों जिम्बाब्वे दौरे पर नजर आए थे। हालांकि पहले दो टी20 मैच उन्होंने मिस किया और वह तीसरे टी20 से भारतीय स्क्वॉड का हिस्सा बने। आखिरी मुकाबले में संजू (Sanju Samson) के बल्ले से 58 रनों की पारी निकली।
इसके बावजूद यह निश्चित नहीं है कि इस 29 वर्षीय खिलाड़ी को आगामी श्रीलंका दौरे पर टीम इंडिया में मौका मिलेगा। दरअसल उनके अंतरराष्ट्रीय करियर की यही कहानी रही है। संजू सैमसन अक्सर टीम से अंदर-बाहर होते रहते हैं। हालांकि उनके टैलेंट में कोई कमी नहीं है और ये वो कई बार साबित कर चुके हैं। उसी का एक नमूना है, जब दाएं हाथ के इस बैटर ने विजय हजारे ट्रॉफी में दोहरा शतक जड़ा था।
Sanju Samson के बल्ले से निकला था दोहरा शतक

12 अक्टूबर, 2019 को विजय हजारे ट्रॉफी में दो एलीट टीमें केरल व गोवा के बीच मुकाबला खेला जा रहा था। केरल ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी चुनी। हालांकि उनकी शुरुआत अच्छी नहीं रही। दरअसल एक समय ये टीम 31 के स्कोर पर दो विकेट गंवाकर थोड़ी मुश्किलों में घिरी हुई थी।
इसके बाद बल्लेबाजी के लिए उतरे संजू सैमसन (Sanju Samson) विपक्षी गेंदबाजों पर कहर बनकर टूटे। उन्होंने न केवल इस टीम को संभाला, बल्कि बड़े स्कोर का भी आधार रखा। दाएं हाथ के बल्लेबाज ने 129 गेंदों पर 212 रन ठोके। इसमें 21 चौके और 10 छक्के शामिल थे। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 164.34 का रहा। केरल ने 50 ओवर में 377 रनों का स्कोर खड़ा किया। 104 रनों से गोवा ये मैच हार गई।
उतार-चढ़ाव से भरा रहा है इंटरनेशनल करियर
जिम्बाब्वे के खिलाफ 19 जुलाई, 2015 को हुए टी20 मैच के जरिए संजू सैमसन (Sanju Samson) ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखा था। वहीं करीब 6 साल बाद उन्होंने एकदिवसीय क्रिकेट में अपना डेब्यू किया। हालांकि 9 साल के अपने करियर में संजू ने भारत की ओर से केवल 28 टी20 व 16 वनडे खेले हैं।
टी20 इंटरनेशनल में 29 वर्षीय बैटर ने दो अर्धशतकीय पारियों की बदौलत 444 रन बनाए हैं। वहीं वनडे में उनके नाम 56.66 की औसत से 510 रन दर्ज हैं, जिसमें एक शतक और 3 अर्धशतक शामिल है।
टी20 विश्व कप विजेता टीम का बने हिस्सा
हाल ही में टीम इंडिया (Team India) ने अमेरिका और वेस्टइंडीज में खेले गए आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप 2024 का खिताब अपने नाम किया। इस टीम में संजू सैमसन (Sanju Samson) भी मौजूद थे। हालांकि उन्हें एक भी मैच खेलने का अवसर नहीं मिला।
यह भी पढ़ें: हेड कोच की गद्दी मिलते ही दादागिरी पर उतरे गौतम गंभीर, जय शाह के खिलाफ जाकर इस खिलाड़ी को बनाया भारत का नया कैप्टन