Suresh Raina on India Loss : भारत को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2-0 से मिली करारी टेस्ट सीरीज हार के बाद कई पूर्व क्रिकेटरों ने टीम के प्रदर्शन पर सवाल उठाए हैं। इनमें सुरेश रैना (Suresh Raina) की प्रतिक्रियाएँ सबसे ज्यादा चर्चा में हैं।
सुरेश रैना (Suresh Raina) ने साफ तौर पर कहा कि भारत ने स्पिन खेलने की अपनी पुरानी क्षमता खो दी है, जो पहले टीम की सबसे बड़ी ताकत मानी जाती थी। उन्होंने यह भी मान लिया कि मौजूदा समय में टीम इंडिया के अंदर मिडिल-ऑर्डर की कमी, रेड-बॉल क्रिकेट की अनियमित तैयारी और खिलाड़ियों के कम अनुभव ने टीम को मुश्किल में डाल दिया है।
स्पिन के खिलाफ कमजोर पड़ती बैटिंग, Suresh Raina ने बताया असली फर्क
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सुरेश रैना (Suresh Raina) के अनुसार भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच सबसे बड़ा अंतर स्पिन खेलने की क्षमता का रहा। ईडन गार्डन्स में खेले गए पहले टेस्ट में भारत के 19 में से 12 विकेट स्पिनरों ने झटके।
रैना ने NDTV से बातचीत में कहा कि पहले भारतीय बल्लेबाज दुनिया में सबसे अच्छे तरीके से स्पिन खेलते थे, लेकिन अब टीम इस मूल कला से दूर होती दिख रही है। उन्होंने माना कि प्रोटियाज टीम ने स्पिन का मुकाबला बेहतर तकनीक और धैर्य के साथ किया, जिसका फायदा उन्हें दोनों टेस्ट मैचों में मिला। साइमन हार्मर के आठ विकेट और दूसरे टेस्ट में छह विकेट इसका स्पष्ट उदाहरण रहे।
मिडिल-ऑर्डर की कमज़ोरी और रेड-बॉल क्रिकेट की कमी
रैना ने भारत के मिडिल-ऑर्डर को लेकर भी चिंता जताई। उनके अनुसार टीम के पास कई प्रतिभावान खिलाड़ी हैं, लेकिन लंबे समय से लगातार टेस्ट क्रिकेट न खेलने का असर उनके प्रदर्शन पर साफ दिख रहा है। उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2024-25 बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बाद भारतीय बल्लेबाजों ने रेड-बॉल क्रिकेट बहुत कम खेला।
यही वजह है कि नए हालात, नई गेंदबाजी और स्पिन ट्रैक पर उनकी तैयारी कमजोर दिखाई दे रही है। भारत का हालिया घरेलू प्रदर्शन भी इसे दर्शाता है, क्योंकि न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज में भी टीम स्पिन के खिलाफ संघर्ष करती दिखी थी।
गंभीर की जिम्मेदारी स्वीकार, लेकिन समस्या कहीं और
गौतम गंभीर की कोचिंग को लेकर उठ रहे सवालों पर रैना ने अधिक संतुलित दृष्टिकोण पेश किया। उन्होंने कहा कि गंभीर मेहनत कर रहे हैं और व्हाइट-बॉल फॉर्मेट में टीम का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है। उनके अनुसार समस्या केवल कोचिंग में नहीं बल्कि सिस्टम और तैयारी से जुड़ी है। रैना ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट में सेशन-दर-सेशन स्ट्रैटेजी बेहद जरूरी है और भारत को मैदान पर मजबूत योजना के साथ उतरना होगा।
उन्होंने माना कि खिलाड़ियों को लगातार घरेलू क्रिकेट खेलना चाहिए ताकि उनकी तकनीक और मानसिकता दोनों मजबूत बनी रहें। उन्होंने यह भी कहा कि कोच का काम केवल सलाह देना है, वास्तविक जिम्मेदारी खिलाड़ियों पर होती है और उन्हें ही रन बनाकर टीम को मुश्किल परिस्थितियों से बाहर निकालना होगा।
बदलते शेड्यूल और टीम के तालमेल पर सवाल
रैना (Suresh Raina) ने भारत के व्यस्त शेड्यूल को भी एक बड़ी समस्या बताया। उन्होंने कहा कि टीम को अक्सर व्हाइट-बॉल से रेड-बॉल क्रिकेट में तेज़ी से बदलाव करना पड़ता है, जिससे खिलाड़ियों के पास तैयारी का पर्याप्त समय नहीं बचता। ऐसे में किसी भी फॉर्मेट में निरंतरता बनाए रखना मुश्किल हो जाता है।
उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि रोहित शर्मा और विराट कोहली की वापसी के बाद टीम इंडिया का माहौल बदलेगा और स्थिरता आएगी। रैना के अनुसार अनुभवी खिलाड़ियों की मौजूदगी से टीम का आत्मविश्वास बढ़ता है और युवा खिलाड़ियों को भी दिशा मिलती है।