भारतीय क्रिकेट टीम इस वक्त क्रिकेट के हर एक प्रारूप में बेहतरीन खेल दिखा रही है। भारतीय टीम किस कदर प्रदर्शन कर रही है इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि, तीनों ही प्रारूपों के आईसीसी इवेंट के फाइनल में भारतीय टीम थी। भारतीय टीम के सभी खिलाड़ियों ने अपने अथक प्रयासों के बाद टीम को अविजित बनाया है।
क्रिकेट एक्सपर्ट्स की मानें तो भारतीय टीम आज जिस मुकाम पर है उसके पीछे घरेलू क्रिकेट का बहुत बड़ा योगदान है और बिना घरेलू क्रिकेट के भारतीय टीम का कोई अस्तित्व नहीं है। एक ऐसे ही घरेलू बल्लेबाज ने डोमेस्टिक क्रिकेट में ऐसा कारनामा किया था जो सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग जैसे खिलाड़ियों ने भी नहीं किया है।
रणजी क्रिकेट में इस खिलाड़ी ने बनाया था बड़ा कीर्तिमान
रणजी ट्रॉफी की शुरुआत साल 1934-35 में हुई थी और तब से यह टूर्नामेंट हर एक साल आयोजित किया जाता है और इस टूर्नामेंट में देश की कई टीमें हिस्सा लेती हैं। रणजी ट्रॉफी के इतिहास में कई बड़े रिकॉर्ड बने और टूटे हैं और आज भी ये सिलसिला लगातार जारी है। एक ऐसा ही रिकॉर्ड दर्ज है पूर्व भारतीय बल्लेबाज भाऊसाहब निंबालकर के नाम, इन्होंने रणजी ट्रॉफी के एक मैच में 400 रनों से ज्यादा की पारी खेली थी। उनकी यह पारी प्रथम श्रेणी क्रिकेट इतिहास की चौथी सबसे बड़ी पारी है और करीब 76 सालों के बाद भी यह रिकॉर्ड आज भी डोमेस्टिक क्रिकेट में कायम है।
कठियावाड़ के खिलाफ भाऊसाहब निंबालकर ने खेली थी यह पारी
इन दिनों सोशल मीडिया पर जिस पारी का जिक्र किया जा रहा है वह पारी भाऊसाहब निंबालकर ने महाराष्ट्र की तरफ से खेलते हुए काठियावाड़ के खिलाफ खेली थी और इस पारी के बाद क्रिकेट जगत में इनके नाम की सुर्खियां बन गई थी। 1948 रणजी ट्रॉफी में महाराष्ट्र और काठियावाड़ के बीच खेले गए मैच में महाराष्ट्र के बल्लेबाज भाऊसाहब निंबालकर ने 443 रन बनाए थे। इस दौरान इनके बल्ले से 49 चौके और एक छक्का भी निकला था।
शानदार है प्रथम श्रेणी करियर
अगर बात करें भाऊसाहब निंबालकर के फर्स्ट क्लास करियर की तो इनका करियर बेहद ही शानदार रहा है और इन्होंने अपने पूरे करियर में शानदार ऑलराउंड प्रदर्शन किया है। इन्होंने अपने फर्स्ट क्लास करियर में खेलते हुए 80 मैचों में 4841 रन बनाए हैं, वहीं गेंदबाजी की बात करें तो इन्होंने 58 मर्तबा बल्लेबाजों को अपना शिकार बनाया है।
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