Gautam Gambhir: बीसीसीआई (BCCI) के सचिव जय शाह (Jay Shah) ने हाल ही में टीम इंडिया के नए हेड कोच के रूप में गौतम गंभीर के नाम का औपचारिक तौर पर ऐलान कर दिया है. गौतम गंभीर को राहुल द्रविड़ के बाद कोचिंग कार्यकाल समाप्त होने के बाद अगले 30 महीनों के लिए भारतीय टीम की हेड कोच की जिम्मेदारी सँभालने का मौका मिला है.
गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) के नाम का हेड कोच के रूप में ऐलान करने के बाद से सोशल मीडिया पर कुछ क्रिकेट समर्थक गंभीर के हेड कोच बनने की बात का समर्थक करते हुए नज़र आए तो वहीं कुछ क्रिकेट समर्थक इसका विरोध करते हुए नज़र आए. आज हम आपको 3 ऐसे कारण से अवगत कराने वाले है जो आपको इस विचार तक पहुंचाने में सफल रहेंगे कि क्यों जय शाह (Jay Shah) ने गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) को ही टीम इंडिया के अगले हेड कोच के रूप में जिम्मेदारी प्रदान की.
जय शाह ने इन 3 कारणों की वजह से गौतम गंभीर को चुना टीम इंडिया का हेड कोच
It is with immense pleasure that I welcome Mr @GautamGambhir as the new Head Coach of the Indian Cricket Team. Modern-day cricket has evolved rapidly, and Gautam has witnessed this changing landscape up close. Having endured the grind and excelled in various roles throughout his… pic.twitter.com/bvXyP47kqJ
— Jay Shah (@JayShah) July 9, 2024
ट्रांजीशन के दौर से गुजरने में सहायक हो सकते है गंभीर
टीम इंडिया (Team India) मौजूदा समय में विराट कोहली, रोहित शर्मा, रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा यह कुछ सीनियर खिलाड़ी है जो अगले 12 से 18 महीनों में इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कहते हुए नज़र आ सकते है. ऐसे में भारतीय टीम इस समय टी20 फॉर्मेट ट्रांजीशन के दौर से गुज़र रहा है और उसके बाद कुछ महीनों में टीम वनडे और टेस्ट क्रिकेट में भी इसी दौर से गुज़र सकती है.
ऐसे में गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) जैसे सख्त किस्म के कोच भारतीय टीम के युवा खिलाड़ियों से बेहतर प्रदर्शन निकलवा सकते है. यह सबसे अहम कारण है जिस वजह से बीसीसीआई (BCCI) के सचिव जय शाह ने टीम इंडिया के हेड कोच के रूप में गौतम गंभीर को नियुक्त किया.
सीनियर और जूनियर खिलाड़ी में नहीं करते है भेदभाव
गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) बीते कुछ वर्षों में आईपीएल क्रिकेट में जितनी कोचिंग करते हुए देखा है. उससे यह साफ़ है कि गौतम गंभीर की फिलॉसफी के अनुसार टीम के सीनियर और जूनियर मेंबर के बीच में कोई फ़र्क़ नहीं है. ऐसे में गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) टीम में खेलने वाले सीनियर खिलाड़ी और जूनियर खिलाड़ी को एक जैसे ही ट्रीट करते है.
ऐसी मानसिकता टीम के खिलाड़ियों के अंदर से ईगो और उनके खुद के प्रदर्शन से अधिक टीम के बेहतर प्रदर्शन करने की सोच को बढ़ा सकती है. जो किसी भी टीम को चैंपियन टीम में तब्दील करने के लिए बेहद ही जरूरी होता है.
बड़े मैचों में टीम इंडिया से करा सकते है बेहतर प्रदर्शन
टीम इंडिया (Team India) के लिए पिछले एक दशक में सबसे बड़ी समस्या यह रही है कि भारतीय टीम के खिलाड़ी बड़े मुक़ाबले में अक्सर फेल हो जाते है. जिस वजह से टीम इंडिया को चैंपियंस ट्रॉफी 2013 (Champions Trophy 2013) का ख़िताब जीतने के बाद अपना अगला आईसीसी इवेंट जीतने के लिए 11 साल का लंबा इंतज़ार करना पड़ा. ऐसे में गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) के हेड कोच बनने से टीम इंडिया के खिलाड़ियों की बड़े मुक़ाबले में उतरने से पहले मानसिकता में बड़ा फ़र्क़ आ सकता है.
ऐसा इसलिए है क्योंकि टीम इंडिया (Team India) के लिए गौतम गंभीर ने साल 2007 के टी20 वर्ल्ड कप फाइनल और साल 2011 के वर्ल्ड कप फाइनल में शानदार बल्लेबाज़ी का प्रदर्शन करके भारतीय टीम को दोनों ही आईसीसी (ICC) इवेंट में चैंपियन बनाया था.