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Virat Kohli से भी ज्यादा टैलेंटड था ये खिलाड़ी, लेकिन BCCI ने “साम, दाम, दंड, भेद” लगाकर करियर किया बर्बाद

Virat Kohli
Virat Kohli

भारतीय क्रिकेट में कई ऐसे खिलाड़ी हुए हैं जिन्होंने युवा स्तर पर चमक बिखेरी, लेकिन सीनियर टीम में पहुंचकर उनका करियर अचानक पटरी से उतर गया। एक ऐसा ही खिलाड़ी था, जो विराट कोहली (Virat Kohli) से भी ज्यादा टैलेंटेड माना जाता था, लेकिन BCCI की कथित रणनीतियों ने उसके सपनों को चकनाचूर कर दिया।

“साम, दाम, दंड, भेद” की नीति अपनाकर BCCI ने उसके करियर को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। सोशल मीडिया पर फैन्स अभी भी इस खिलाड़ी की कहानी को याद कर सवाल उठाते हैं कि आखिर क्यों उसे मौके नहीं दिए गए? आइए, इस रहस्य से पर्दा उठाते हैं और जानते हैं कि कौन था वह खिलाड़ी जिसका टैलेंट विराट कोहली से भी ऊपर था।

उन्मुक्त चंद थे विराट कोहली से ज्यादा टैलेंटेड बल्लेबाज

Unmukt Chand
Unmukt Chand

उन्मुक्त चंद (Unmukt Chand) वह खिलाड़ी हैं जिन्हें कई क्रिकेट विशेषज्ञ विराट कोहली (Virat Kohli) से भी ज्यादा टैलेंटेड मानते थे। 2012 में उन्मुक्त चंद ने भारत को U19 वर्ल्ड कप जिताया, जहां फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 111 रनों की नाबाद पारी खेलकर उन्होंने अपनी क्षमता साबित की। उस समय विराट कोहली (Virat Kohli) भी U19 स्तर पर शानदार थे, लेकिन उन्मुक्त की तकनीक, शॉट सेलेक्शन, और दबाव में खेलने की काबिलियत को कई कोचों ने विराट से बेहतर बताया। दिल्ली के इस बल्लेबाज ने IPL में दिल्ली डेयरडेविल्स (अब दिल्ली कैपिटल्स) के लिए भी डेब्यू किया, जहां उन्होंने 2013 में 59 रन बनाए। लेकिन BCCI की कथित राजनीति ने उनके करियर को आगे नहीं बढ़ने दिया।

BCCI की “साम, दाम, दंड, भेद” नीति और उन्मुक्त का पतन

उन्मुक्त चंद (Unmukt Chand) के करियर में BCCI की भूमिका हमेशा विवादास्पद रही। कई रिपोर्ट्स के मुताबिक, BCCI ने “साम” (समझाने) से लेकर “दंड” (सजा) तक हर तरीका अपनाया। उन्मुक्त को रणजी ट्रॉफी में लगातार अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद सीनियर टीम में मौके नहीं मिले। 2014 में जब वे फॉर्म में थे, तो BCCI ने कथित तौर पर “दाम” (पैसे) और “भेद” (फूट डालने) की नीति अपनाकर उन्हें साइडलाइन कर दिया।

दिल्ली क्रिकेट एसोसिएशन (DDCA) में राजनीति के कारण उन्मुक्त को टीम से बाहर किया गया, और BCCI ने इसमें हस्तक्षेप नहीं किया। विराट कोहली (Virat Kohli) की तरह उन्मुक्त को भी कप्तानी मिली, लेकिन BCCI की केंद्रीय अनुबंध सूची से उन्हें बाहर रखा गया, जिससे उनका मनोबल टूटा। आखिरकार, 2021 में उन्मुक्त चंद ने भारतीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया और अमेरिका में खेलने चले गए।

उन्मुक्त चंद के करियर का दुखद अंत और BCCI पर सवाल

उन्मुक्त चंद (Unmukt Chand) ने घरेलू क्रिकेट में 4500 से ज्यादा रन बनाए, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर केवल IPL और कुछ A टीम मैचों तक सीमित रह गए। BCCI पर आरोप लगे कि उन्होंने युवा खिलाड़ियों की जगह स्थापित सितारों को तरजीह दी, और उन्मुक्त जैसे टैलेंट को दबाया। वहीं उन्मुक्त को मौके ही नहीं मिले। फैन्स का मानना है कि BCCI की राजनीति ने उनका करियर बर्बाद कर दिया।

फैन्स का गुस्सा और भविष्य की सबक

उन्मुक्त चंद (Unmukt Chand) की कहानी ने फैन्स में BCCI के प्रति गुस्सा पैदा किया है। कई पूर्व खिलाड़ी जैसे युवराज सिंह ने भी BCCI की चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। विराट कोहली (Virat Kohli) जैसे सितारों की सफलता के पीछे BCCI का सपोर्ट था, लेकिन उन्मुक्त जैसे खिलाड़ियों को नजरअंदाज करने से क्रिकेट का नुकसान हुआ। सोशल मीडिया पर फैन्स कहते हैं कि अगर उन्मुक्त को मौका मिलता, तो वह विराट कोहली से भी बड़ा स्टार बन सकता था। क्या BCCI अब युवा टैलेंट को संरक्षण देगी? यह सवाल आज भी प्रासंगिक है, और उन्मुक्त चंद की कहानी एक सबक है।

FAQ’s

उन्मुक्त चन्द की कप्तानी में भारत कब अंडर-19 विश्वकप विजेता बना था?
उन्मुक्त चन्द की कप्तानी में भारत 2012 में अंडर-19 विश्वकप विजेता बना था।
उन्मुक्त चन्द अब किस देश के लिए क्रिकेट खेलते हैं?
उन्मुक्त चन्द अब संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए क्रिकेट खेलते हैं।

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