Virat Kohli in Vijay Hazare Trophy : करीब 15 साल बाद विजय हजारे ट्रॉफी में वापसी करने वाले विराट कोहली (Virat Kohli) ने एक बार फिर साबित कर दिया कि उनकी बल्लेबाज़ी में अभी भी वही धार बरकरार है। दिल्ली की ओर से खेलते हुए उन्होंने टूर्नामेंट के पहले ही मैच में शानदार शतक जड़ा और दूसरे मुकाबले में भी अपने आक्रामक अंदाज़ को जारी रखते हुए महज़ 29 गेंदों में अर्धशतक ठोक दिया।
बेंगलुरु स्थित बीसीसीआई के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में गुजरात के खिलाफ खेले गए इस मैच में पहले बल्लेबाज़ी करते हुए कोहली ने एक बार फिर बड़ी पारी की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए दिखा दिया कि वह इस फॉर्मेट में बेहतरीन लय में हैं।
शुरुआती झटके के बीच Virat Kohli का आक्रामक प्रवेश

बेंगलुरु स्थित बीसीसीआई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में गुजरात के खिलाफ खेले गए मुकाबले में दिल्ली की शुरुआत एक बार फिर लड़खड़ा गई। दूसरे ओवर में पहला विकेट गिरते ही विराट कोहली (Virat Kohli) को क्रीज पर आना पड़ा। लेकिन दबाव में आने के बजाय उन्होंने पहली ही गेंदों से आक्रामक तेवर दिखाए।
चौके के साथ खाता खोलने के बाद उन्होंने गेंदबाज़ों पर हावी होना शुरू किया और मैदान के चारों ओर शॉट्स खेले। जहां एक छोर से रन बनाना मुश्किल दिख रहा था, वहीं कोहली ने स्ट्राइक रोटेशन के साथ-साथ बाउंड्री हिटिंग से स्कोरबोर्ड को तेजी से आगे बढ़ाया।
29 गेंदों में अर्धशतक, बाउंड्री से ही बनाए 50 रन
कोहली (Virat Kohli) की पारी का सबसे खास पहलू उनका स्ट्राइक रेट और शॉट सिलेक्शन रहा। उन्होंने सिर्फ 29 गेंदों में अर्धशतक पूरा कर लिया, जो लिस्ट-ए क्रिकेट में उनके अनुभव और आत्मविश्वास का प्रमाण है। दिलचस्प यह रहा कि 53 रन तक पहुंचते-पहुंचते उनके 50 रन सिर्फ बाउंड्री से आए।
इस दौरान उनके बल्ले से चौकों की झड़ी लगी और एक छक्का भी देखने को मिला। यह आक्रामकता पिछले मैच की शतकीय पारी की ही निरंतरता थी, जिसने विपक्षी खेमे में दबाव बना दिया।
गुजरात की रणनीति और विराट का विकेट
कोहली के तूफानी अंदाज़ को देखते हुए गुजरात ने फील्डिंग में बदलाव किए। विकेटकीपर को स्टंप्स के पास बुलाया गया ताकि आगे बढ़कर खेलने के दौरान कोई चूक हो तो मौका मिल सके। कुछ ओवर तक विराट ने इस योजना को भी बेअसर किया और लगातार बाउंड्री जड़ते रहे।
आखिरकार बाएं हाथ के स्पिनर विशाल जायसवाल की गेंद पर विकेटकीपर उर्विल पटेल ने उन्हें स्टंप आउट कर दिया। विराट 61 गेंदों पर 77 रन बनाकर पवेलियन लौटे, लेकिन तब तक वह मैच की दिशा तय कर चुके थे।
घरेलू क्रिकेट में मजबूती, भविष्य के लिए संदेश
विराट कोहली का विजय हजारे ट्रॉफी में यह प्रदर्शन केवल रन बनाने तक सीमित नहीं है। यह उस प्रतिबद्धता का संकेत है, जिसके तहत बीसीसीआई ने सीनियर खिलाड़ियों के लिए घरेलू क्रिकेट खेलना अनिवार्य किया है। लंदन में परिवार के साथ समय बिताने के बावजूद कोहली भारत लौटे और घरेलू मंच पर अपनी फिटनेस व फॉर्म साबित की।
लगातार दो मैचों में शतक और फिर शतक के करीब पहुंचना यह बताता है कि वह बड़े लक्ष्यों के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं। दिल्ली के लिए उनका यह फॉर्म टूर्नामेंट में मजबूती लाता है और भारतीय क्रिकेट के लिए यह भरोसा कि किंग कोहली का बल्ला अभी और गरजने वाला है।
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