ऑनलाइन गेमिंग बिल (Online Gaming Bill): पिछले कुछ सालों में यह देखा गया है कि, ऑनलाइन गेम्स के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है। ऑनलाइन गेम्स अब् सिर्फ मनोरंज का हिस्सा नहीं बल्कि कमाई का भी जरिया बन चुका है। साल 2016 में जब देश में डिजिटल पेमेंट की आंधी आई तो उसके बाद से ऑनलाइन गेम्स में भी तेजी देखने को मिली है। लेकिन 2016 के पहले इन गेम्स को सिर्फ मनोरंजन के लिए खेला जा रहा था। इसके बाद इन गेम्स में बेटिंग करने का भी ऑप्शन आने लगा और लोग इन खेलों में पैसे इन्वेस्ट कर खेलने लगे।
इन बेट्स में कई बार यूजर्स को फायदा होता तो वहीं कई बार उन्हें बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा। पिछले कुछ समय से यह देखा गया है कि, लोगों को लगातार इन गेम्स के माध्यम आर्थिक नुकसान होने लगा और वो कंगाल होते गए। कई बार खुले मंचों से इन गेम्स प्लेटफ़ॉर्म को बैन करने के लिए सरकार से गुहार लगाई गई है। अब खबरें आई हैं कि, ऑनलाइन गेम्स में नकेल कसने के लिए ऑनलाइन गेमिंग बिल (Online Gaming Bill) को संसद में पास किया गया है।
आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि, आखिरकार ऑनलाइन गेमिंग बिल (Online Gaming Bill) क्या है? इस बिल के आने के बाद किसे फायदा और किसे सीधे तौर पर मोटा नुकसान हो रहा है। इसके साथ ही हम बताएंगे कि, आखिरकार सरकार ने किन कारणों की वजह से ऐसा फैसला किया है।
आखिर क्या है Online Gaming Bill?

20 अगस्त को लोकसभा में वोट-चोरी के विवाद के बीच ऑनलाइन गेमिंग बिल (Online Gaming Bill) को पास किया गया है। इस बिल को सांसद में बिना किसी विवाद और बहस के पास किया था। इसके बाद 21 अगस्त को राज्यसभा में भी बिना किसी बहस और विवाद के बिल को पास कर दिया गया। इस बिल को पास करने का मुख्य उद्देश्य ऑनलाइन फ्रॉड, एडिक्शन और मेंटली प्रेशर पर नकेल कसना है।
The Promotion and Regulation of Online Gaming Bill, 2025 is here to boost innovation & protect citizens!
The Bill encourages e-sports & online social games while prohibiting harmful online money gaming services, advertisements & financial transactions related to them.… pic.twitter.com/TyMphGFeIt
— Ministry of Information and Broadcasting (@MIB_India) August 20, 2025
केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना-प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बिल के बारे में बात करते हुए कहा कि, “पिछले कुछ समय से यह देखा गया है कि, ऑनलाइन गेम्स की वजह से लोगों को हर साल 20 हजार करोड़ रुपए इन गेम्स की वजह से गंवाने पड़ते हैं। सरकार का मानना यह है कि, इस बिल के माध्यम से युवाओं को वित्तीय संकट और मानसिक तनाव में कमी आएगी।”
बिल से किसे होगा नुकसान
केन्द्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के द्वारा ऑनलाइन गेमिंग बिल (Online Gaming Bill) दोनों ही संसद भवनों में पास किया गया है। लेकिन अभी तक राष्ट्रपति के द्वारा बिल में साइन नहीं किया गया है। जब राष्ट्रपति इस बिल में हस्ताक्षर करेंगी उसके बाद ही सरकार के द्वारा नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा।
अगर सरकार ऑनलाइन गेमिंग बिल (Online Gaming Bill) की समीक्षा कराती है और उसमें उसे किसी पॉलिसी में कोई गलती दिखाई देती है तो फिर इन प्लेटफॉर्म्स को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। अगर ये प्लेटफॉर्म्स प्रतिबंधित होते हैं तो फिर इसका नुकसान इन प्लेटफॉर्म्स को होगा। इसके साथ ही सरकार को भी नुकसान होगा क्योंकि सरकार मुनाफे का 30 फीसदी हिस्सा सीधे ही यूजर से लेती है। इसके साथ ही प्लेटफॉर्म्स से भी सरकार टैक्स के रूप में पैसा लेती है।
इस बिल से किसे होगा फायदा
अगर सरकार के द्वारा ऑनलाइन गेमिंग बिल (Online Gaming Bill) को प्रतिबंधित किया जाता है तो इसका सीधे फायदा यूजर्स का होगा। आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि, मोटी कमाई के चक्कर में यूजर्स इन प्लेटफ़ॉर्म का इस्तेमाल करते हैं और अपनी कमाई का मोटा हिस्सा गवां देते हैं। आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि, हालिया मिले डेटा के अनुसार, 45 करोड़ भारतीय आबादी इन प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल करती है और सालाना करीब 20 हजार करोड़ रुपयों का घाटा इन यूजर्स को सहना पड़ता है।
ऐसे में अगर सरकार इन प्लेटफ़ॉर्म के ऊपर नकेल कसती है तो फिर इसका फायदा भारतीय यूजर्स को होगा। इसके साथ ही यह भी खबर आई है कि, भारत सरकार अब ई-स्पोर्ट्स को प्रमोट करना चाहती है। जब तक इन प्लेटफ़ॉर्म पर निगरानी नहीं रखी जाएगी तब तक ई-स्पोर्ट की तरफ लोगों का रुझान नहीं आएगा।
तो क्या बंद हो जाएंगे ये प्लेटफॉर्म्स
जब से ऑनलाइन गेमिंग बिल (Online Gaming Bill) संसद में पेश किया गया है तब से यही सवाल आई है कि, अब ऑनलाइन बेटिंग प्लेटफॉर्म्स का क्या होगा। आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि, जब राष्ट्रपति के द्वारा इस बिल को मंजूरी दे दी जाएगी तो ड्रीम-11, माय-11 सर्किल, विंजो, रमी सर्किल जैसे प्लेटफ़ॉर्म सट्टेबाजी के दायरे में आ जाएंगे। चूंकि भारत सरकार सट्टेबाजी को प्रमोट नहीं करती है और ऐसे में इन अप्लीकेशन के ऊपर बैन लग जाएगा। आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि, भारत में सट्टेबाजी करना और उसे प्रमोट करना दोनों ही प्रतिबंधित है।
नियमों का उल्लंघन करने पर लगेगा 50 लाख रुपए का जुर्माना
जब ये ऑनलाइन गेमिंग बिल (Online Gaming Bill) संसद में पास हो जाएगा तो उसके बाद इन बेटिंग प्लेटफॉर्म्स को प्रमोट करने और संचालित करने पर भारी दंड का प्रावधान बनाया गया है। नए नियमों के अनुसार, अगर कोई इंसान इन बेटिंग प्लेटफॉर्म्स को प्रमोट करते हुए या फिर संचालित करते हुए पाया जाता है तो फिर उस शख्स को 2 साल का कारावास और 50 लाख रुपए का दंड भरना पड़ेगा। इसके साथ ही सरकार एक कमेटी का गठन करेगी और वो कमेटी गेमिंग प्लेटफॉर्म्स के ऊपर भी निगरानी रखेगी।
बीसीसीआई भी करती है ड्रीम-11 को प्रमोट
अगर भारत सरकार इन बेटिंग वेबसाइट को बैन करती है तो फिर बीसीसीआई को भी अपने लिए नया स्पॉन्सर ढूंढना पड़ेगा। दरअसल बात यह है कि, इस वक्त भारतीय क्रिकेट टीम के द्वारा का जर्सी स्पॉन्सर ड्रीम-11 है और इसके लिए बीसीसीआई ड्रीम-11 से मोटा पैसा चार्ज करती है। इसके साथ ही भारतीय टीम के कई खिलाड़ी भी इन ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म (Online Gaming Plateforms) को प्रमोट करते हैं।
FAQs
भारतीय क्रिकेट टीम का स्पॉन्सर कौन है?
भारत सरकार का केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना-प्रसारण मंत्री कौन है?
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