Kuldeep Yadav : टी20 सीरीज के पहले मुकाबले में कटक में जब कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) को प्लेइंग इलेवन से बाहर पाया गया, तो फैंस और क्रिकेट विशेषज्ञ दोनों ही हैरान रह गए। लिमिटेड ओवर्स क्रिकेट में दुनिया के नंबर-1 स्पिनर होने के बाद भी टीम इंडिया की अंतिम XI में उनकी गैरमौजूदगी ने कई सवाल खड़े कर दिए।
सोशल मीडिया पर चर्चा तेज है कि आखिर गौतम गंभीर उन्हें लगातार मौका क्यों नहीं दे रहे, जबकि हाल के वर्षों में कुलदीप सबसे भरोसेमंद स्ट्राइक बॉलर्स में से एक रहे हैं। इन चर्चाओं के बीच यह समझना जरूरी है कि टीम मैनेजमेंट का फैसला व्यक्तिगत पसंद या किसी तरह के विवाद पर आधारित नहीं है, बल्कि मौजूदा रणनीति और टीम संयोजन पर टिके फैसलों का परिणाम है।
टीम की रणनीति में बढ़ती बैटिंग डेप्थ की जरूरत
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गंभीर और टीम मैनेजमेंट का वर्तमान फोकस एक ऐसी प्लेइंग इलेवन बनाने पर है जो नंबर 8 तक बल्लेबाजी रख सके। आधुनिक टी20 क्रिकेट में लोअर ऑर्डर बल्लेबाजों की उपयोगिता बढ़ गई है, क्योंकि मैच अक्सर आखिरी ओवरों तक खिंचते हैं और वहां एक अतिरिक्त ऑलराउंडर टीम को बढ़त दिला सकता है।
कुलदीप भले ही मैच जिताने वाले गेंदबाज हैं, लेकिन बल्लेबाजी में उनका योगदान सीमित है। ऐसे में टीम मैनेजमेंट उन खिलाड़ियों को तरजीह दे रहा है जो गेंदबाजी के साथ-साथ बल्लेबाजी में भी उपयोगी योगदान दे सकें। यही वजह है कि भारत बैटिंग डेप्थ को बनाए रखने के लिए उनसे ऊपर ऑलराउंडर्स को जगह दे रहा है।
टीम इंडिया का फोकस: मजबूत लोअर ऑर्डर और गहरी बैटिंग
कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) को शुरुआती इलेवन से दूर रखने का मुख्य कारण भारतीय टीम की बदलती प्राथमिकताएँ हैं। मौजूदा टी20 सेटअप में मैनेजमेंट ऐसी टीम उतारना चाहता है जिसकी बल्लेबाजी कम से कम नंबर 8 तक मजबूत रहे। यह स्थान आज के तेज-तर्रार फॉर्मेट में बेहद महत्वपूर्ण हो चुका है, क्योंकि यहां ऐसा खिलाड़ी चाहिए जो तेज रन बनाने के साथ अपनी चार ओवर की गेंदबाजी भी कर सके।
कुलदीप भले ही मैच का रुख बदलने की क्षमता रखने वाले गेंदबाज हैं, लेकिन बल्लेबाजी में उनका योगदान सीमित रहता है। इसके उलट, वॉशिंगटन सुंदर और अक्षर पटेल जैसे खिलाड़ी निचले क्रम में आकर तेजी से रन जोड़ सकते हैं और टीम को अतिरिक्त गहराई देते हैं। यही कारण है कि वर्तमान रणनीति में ऑलराउंड क्षमता रखने वाले खिलाड़ी अधिक उपयोगी साबित हो रहे हैं।
सुंदर और अक्षर जैसे ऑलराउंडर्स का टीम में दबदबा
अक्षर पटेल और वॉशिंगटन सुंदर को इसलिए लगातार मौका मिल रहा है क्योंकि दोनों गेंद और बल्ले से टीम को ज्यादा विकल्प देते हैं। नंबर 8 पर आकर वे जरूरी रन बना सकते हैं और हालात के मुताबिक पारी को संभाल भी लेते हैं, जिसकी टी20 क्रिकेट में काफी अहमियत है।
गेंदबाजी में भी दोनों किफायती हैं और कप्तान को हर ओवर में भरोसा देते हैं। मिड ओवर्स हों या रन रोकने की जरूरत, अक्षर और सुंदर दोनों हालात के हिसाब से बेहतर प्रदर्शन कर पाते हैं। यही संतुलन उन्हें फिलहाल कुलदीप से आगे रखता है। जब तक टीम बैटिंग डेप्थ को ज्यादा महत्व देती रहेगी, कुलदीप जैसे स्पेशलिस्ट स्पिनर को भी जगह बनाने में मुश्किलें आ सकती हैं।
Kuldeep Yadav का टी 20 इंटरनेशनल करियर
कुलदीप यादव अब तक 49 T20 इंटरनेशनल मैच खेल चुके हैं और 88 विकेट ले चुके हैं। टी20 में उनकी इकोनॉमी 6.83 रही है और उनका सर्वश्रेष्ठ T20I प्रदर्शन 5/17 है, जो दिखाता है कि मौका मिलने पर वे मैच का रुख बदल सकते हैं।
इतने मजबूत आंकड़ों के बावजूद उनका बाहर बैठना चर्चा का विषय बनता है, लेकिन उनका रिकॉर्ड बताता है कि वह अब भी भारत के सबसे महत्वपूर्ण टी20 गेंदबाजों में से एक हैं।
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