रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) को भारतीय क्रिकेट का प्रवेश द्वार कहा जाता है और जो खिलाड़ी इस टूर्नामेंट में बेहतरीन खेल दिखाने में सफल होता है उस खिलाड़ी को भारतीय टीम में जल्द से जल्द मौके दिए जाते हैं। इसका ताजा उदाहरण हमें सरफराज खान, आकाशदीप, ध्रुव जूरेल, अभिमन्यु ईश्वरन जैसे खिलाड़ियों के रूप में देखने को मिलता है। इन खिलाड़ियों ने रणजी क्रिकेट में बेहतरीन खेल दिखाया और इसके बाद भारतीय टीम के चयन के दरवाजे इनके लिए खुल गए।
आने वाले समय में भी रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) में बेहतरीन खेल दिखाने वाले खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट में मौका दिया जाएगा। रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) में खेलते हुए कई टीमों ने बड़े रिकॉर्ड्स बनाए हैं और अन्य टीमें आज भी उन रिकॉर्ड्स के करीब पहुँच नहीं पाई हैं। आज हम आपको बताएंगे कि, आखिरकार रणजी ट्रॉफी में सबसे कम स्कोर पर कौन सी टीम आउट हुई है।
Ranji Trophy में 22 रनों पर सिमटी इस टीम की पारी

रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) में यूं तो अक्सर ही बड़े स्कोर बनते हुए दिखाई देते हैं मगर कई बार इस टूर्नामेंट में बड़े उलटफेर हुए हैं। लेकिन एक शताब्दी पहले रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) में खेलते हुए एक टीम महज 22 रनों के स्कोर पर ऑलआउट हो गई थी। इसके बाद क्रिकेट की दुनिया में टीम की खूब आलोचना हुई थी। कुछ खेल विशेषज्ञ तो इस टीम को हमेशा के लिए बैन करने की मांग कर रहे थे।
हम जिस टीम की बात कर रहे हैं वो टीम है सदर्न पंजाब और देश की आजादी के पहले ये टीम अस्तित्व में थी। रणजी ट्रॉफी 1935 में नॉर्दन इंडिया के खिलाफ अमृतसर के मैदान में खेलते हुए टीम 22 रनों के स्कोर पर ऑल आउट हो गई थी। आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि, ये स्कोर रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) इतिहास का सबसे कम स्कोर है।
इस प्रकार रहा था मुकाबले का हाल
अगर बात करें रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) 1935 में अमृतसर के मैदान में खेले गए सदर्न पंजाब और नॉर्दन इंडिया के बीच मैच की तो इस मैच में नॉर्दन इंडिया की टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। पहले बल्लेबाजी करते हुए नॉर्दन इंडिया की पूरी पारी 142 रनों पर सिमट गई। इसके बाद बल्लेबाजी करने उतरी सदर्न पंजाब की टीम ने 135 रन बनाए।
मैच की तीसरी पारी में 7 रनों की बढ़त लेकर जब नॉर्दन इंडिया की टीम बल्लेबाजी के लिए आई तो टीम ने सभी विकेट खोकर 106 रन बनाए। मुकाबले को जीतने के लिए सदर्न पंजाब की टीम को 114 रनों की जरूरत थी लेकिन टीम का बल्लेबाजी ऑर्डर ताश के पत्तों की तरह बुरी तरह से धराशायी हो गया। पूरी टीम महज 22 रनों के स्कोर पर ऑलआउट हो गई और मुकाबले में टीम को 91 रनों से हार का सामना करना पड़ा।