JioStar give big blow to ICC ahead of T20 World Cup 2026: आईसीसी का अगला बड़ा टूर्नामेंट 2026 टी20 वर्ल्ड कप है, जिसकी उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। इस टूर्नामेंट का आयोजन 7 फरवरी से 8 मार्च तक होना है। इसकी मेजबानी संयुक्त रूप से भारत और श्रीलंका के पास है। इस टी20 वर्ल्ड कप के धमकदार होने की उम्मीद है लेकिन उससे पहले आईसीसी को बड़ा झटका लगा है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के नियंत्रण वाली JioStar ने आईसीसी को औपचारिक रूप से बता दिया है कि वह भारी वित्तीय घाटे के कारण अपने चार साल के भारत मीडिया-राइट्स डील के शेष दो साल नहीं पूरे कर सकता। ऐसे में आईसीसी के सामने टी20 वर्ल्ड कप से पहले ब्राडकास्टिंग को बड़ी चुनौती सामने आ गई है।
JioStar ने T20 World Cup से पहले घाटे का हवाले का देकर किया पीछे हटने का फैसला

आईसीसी और JioStar के बीच 2024 से लेकर 2027 तक के लिए 3 अरब डॉलर की डील हुई थी, क्योंकि इसमें हर साल एक आईसीसी टूर्नामेंट शामिल था। 2024 में टी20 वर्ल्ड कप हुआ और 2025 में चैंपियंस ट्रॉफी और डब्ल्यूटीसी फाइनल खेला गया। वहीं, अब 2026 में टी20 वर्ल्ड कप खेला जाएगा, जबकि 2027 में डब्ल्यूटीसी फाइनल और वनडे वर्ल्ड कप का आयोजन होगा। ऐसे में इन सब टूर्नामेंट के ब्राडकास्टिंग का अधिकार जियोस्टार के पास था लेकिन अब उसने अपनी डील से पीछे हटने का फैसला किया है।
इकनोमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ICC ने 2026-29 के लिए भारत के मीडिया अधिकारों की नई बिक्री प्रक्रिया शुरू कर दी है और लगभग 2.4 अरब डॉलर की मांग कर रहा है। 2024-27 चक्र के लिए ICC के मीडिया अधिकारों का मूल्य 3 अरब डॉलर आंका गया था, जिसमें हर साल एक प्रमुख मेंस इवेंट शामिल था।
ICC ने कई बड़े प्लेटफॉर्म से किया संपर्क
जियोस्टार के अचानक से डील से पीछे हटने के कारण अब आईसीसी के सामने टी20 वर्ल्ड कप से पहले किसी नए ब्राडकास्टिंग प्लेटफॉर्म को खोजने की चुनौती सामने आ गई है। हालांकि, आईसीसी भी हार नहीं मान रहा है और उसने कई बड़े प्लेटफॉर्म से संपर्क किया है। रिपोर्ट के मुताबिक आईसीसी ने सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया (एसपीएनआई), नेटफ्लिक्स और अमेज़न प्राइम वीडियो से अधिकार लेने के लिए संपर्क किया है। हालांकि, अभी तक किसी ने भी दिलचस्पी नहीं दिखाई है, क्योंकि डील की कीमत काफी ज्यादा है।
JioStar को मजबूरी में करनी पड़ सकती है डील पूरी
आईसीसी ने JioStar के पीछे हटने की जानकारी मिलते ही नए ब्रॉडकास्टर्स की तलाश शुरू कर दी है लेकिन अगर उन्हें कोई नहीं मिलता है तो फिर मजबूरी में जियोस्टार को घाटे के बावजूद 2027 तक आईसीसी टूर्नामेंट का ब्रॉडकास्ट करना पड़ सकता है। जियोस्टार पर तकनीकी रूप से कॉन्ट्रैक्ट को पूरा करने का दबाव बनेगा, क्योंकि आईसीसी को बिना किसी ब्रॉडकास्टर के ऐसे ही नहीं छोड़ सकता है।
हालाँकि, JioStar द्वारा ICC मीडिया राइट्स से पीछे हटना सिर्फ एक व्यावसायिक फैसला नहीं, बल्कि पूरे क्रिकेट-मीडिया उद्योग के लिए एक चेतावनी है। यह घटना बताती है कि क्रिकेट की लोकप्रियता भले ही अटूट है, लेकिन प्रसारण का आर्थिक मॉडल टिकाऊ नहीं रहा।
ICC के सामने अब चुनौती है कि वह जल्दी से नया मजबूत पार्टनर ढूंढे, ताकि बड़े टूर्नामेंटों का प्रसारण प्रभावित न हो। आने वाले महीनों में इस मामले पर बड़ी हलचल देखने को मिल सकती है।