Deadly Bouncer: भारत को “बल्लेबाजों का देश” माना जाता है और माना भी क्यों न जाए। यहां की धरती में एक से बढ़कर एक बल्लेबाज ने जन्म लिया है और उन्होंने अपने बल्ले से दुनिया के बड़े से बड़े गेंदबाजों की धज्जियां उड़ाई है।
कर्नल सीके नायडू, अमरनाथ बंधु, विजय हजारे, पॉली उमरीगर, अजित वाडेकर, लिटिल मास्टर सुनील गावस्कर, गुंडप्पा विश्वनाथ, मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर, कलाई के जादूगर वीवीएस लक्ष्मण, द वॉल राहुल द्रविड़, प्रिंस ऑफ कोलकाता सौरव गांगुली, बेस्ट फिनिशर एमएस धोनी, मॉडर्न मास्टर विराट कोहली और मास्टर ऑफ एलिगेंस रोहित शर्मा और नई पीढ़ी में बेबी गोट शुभमन गिल और यशस्वी जायसवाल जैसे खिलाड़ियों ने भारत के लिए खेला है। इन्होंने अपनी बल्लेबाजी का दीवाना दुनियाभर को बनाया है।
कपिल देव ने दिखाया तेज गेंदबाजों को रास्ता
हालांकि भारत में बल्लेबाज के साथ स्पिन गेंदबाज भी निकलते थे लेकिन तेज गेंदबाज एक ऐसी कड़ी थी जिसमें भारत हमेशा मात खा जाता था। लेकिन कपिल देव के आगमन ने उसके लिए भी दरवाजे खोल दिए और उसके बाद से भारत के पास बहुत से अच्छे तेज गेंदबाज आए है।
पहले भारतीय बल्लेबाजों को बाउंसर का सामना करना पड़ता था लेकिन उनके गेंदबाजों के पास वो रफ्तार नहीं होती थी कि वो उन बाउंसर का जवाब बाउंसर से दे सकें। हालांकि कपिल देव पहले गेंदबाज बने थे जिन्होंने बाउंसर का जवाब उन्हीं की भाषा में देना सिखाया था। उसके बाद से भरिए गेंदबाज कभी दबे नहीं है।
Deadly Bouncer के चलते फिल ह्यूग्स को गंवानी पड़ी थी अपनी जान
बाउंसर क्रिकेट की सबसे घातक गेंदों में से है। इस गेंद को खेलना काफी कठिन होता है और अगर गेंदबाज के पास रफ्तार हो तो वो और भी ज्यादा डेडली हो जाता है। बाउंसर इकलौती ऐसी गेंद है जिससे जान जाने का भी खतरा रहता है और साथ ही गंभीर चोटिल लगने का जोखिम भी रहता है।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी फिल ह्यूग्स को घरेलू क्रिकेट के मैच में खेलते समय सीन एबॉट की बाउंसर गेंद उनके गर्दन के पास लगी थी जिसके बाद वो वहीं जमीन पर गिर गए थे। हालांकि उन्हें हॉस्पिटल ले जाया गया था लेकिन वो बच नहीं सकें थे इससे पता चलता है कि ये गेंद कितनी खतरनाक है।
अब तो भारत के पास भी एक से बढ़कर एक तेज गेंदबाज है जो दुनिया के बल्लेबाजों को अपनी पेसी बाउंसर से तंग कर सकते है। इस आर्टिकल में हम भारतीय तेज गेंदबाजों के द्वारा फेंकी गई उन घातक बाउंसर के बारे में जानेंगे जिसने बल्लेबाजों को चारों खाने चित्त कर दिया था।
Indian Bowler द्वारा फेंकी गई 3 घातक बाउंसर
जवागल श्रीनाथ टू रिकी पोंटिंग– रिकी पोंटिंग को पुल और हुक करने वाला दुनिया का सबसे बेस्ट बल्लेबाज माना जाता है। वो जितनी तेजी से गेंद की लेंथ को परख लेते है वहीं उनको दुनिया में सबसे बेस्ट बनाती है। पोंटिंग ने दुनिया के तेज से तेज गेंदबाज को आसानी से खेला है। भारत की युवा पीढ़ी को जवागल श्रीनाथ द बोलर के बारे में बहुत कम पता होगा। क्योंकि उन्होंने सिर्फ उनको मैच रेफरी के तौर पर देखा है। लेकिन जवागल श्रीनाथ भारत के पहले सबसे तेज गेंदबाज थे जो आसानी से 140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद फेंक लेते थे।
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टीम इंडिया साल 1999/00 में ऑस्ट्रेलिया का दौरा कर रही थी जहां पर उनको ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 3 मैचों की बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी खेलनी थी। ऑस्ट्रेलिया टीम के बल्लेबाज रिकी पोंटिंग सीरीज के दूसरे मैच जो कि बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच था वो मेलबर्न में खेला जा रहा था।
ऑस्ट्रेलिया की टीम उस मैच में इंडिया पर हावी थी और तभी जवागल श्रीनाथ की बैक ऑफ लेंथ बोल पर रिकी पोंटिंग पुल करने का प्रयास करते है लेकिन वो गेंद को रफ़्तार को सही से भाप नहीं पाते है और गेंद उनके बैट से लगकर हेलमेट जाकर लगती है, जवागल श्रीनाथ उसके बाद पोंटिंग का हाल चाल जानने की कोशिश करते है कि सब ठीक है कि नहीं लेकिन पोंटिंग उन्हें स्लेज करते है और उनसे गेंदबाजी करने को कहते है।
हालांकि वो मैच ऑस्ट्रेलियाई टीम आसानी से 180 रनों से जीत जाती है। ऑस्ट्रेलिया ने वो सीरीज 3–0 से अपने नाम की थी।
वरुण एरोन टू स्टुअर्ट ब्रॉड– वरुण एरोन भारत के सबसे तेज गेंदबाजों में से एक थे, लेकिन निरंतरता और चोटों की वजह से वो भारत के लिए लंबे समय तक टेस्ट क्रिकेट नहीं खेल सकें। हालांकि उन्होंने भारत के लिए ज्यादा टेस्ट क्रिकेट न खेलने के बावजूद अपनी छाप छोड़ दी थी। उन्होंने साल 2014 में जब भारतीय टीम इंग्लैंड के दौरे पर थी.
टीम इंडिया 5 मैचों की सीरीज में 2–1 से पीछे चल रही थी और चौथे मैच में भी वो पहली पारी में जल्द आउट हो गई थी। मैनचेस्टर में खेल का रहे चौथे टेस्ट मैच में इंग्लैंड को टीम के 6 विकेट गिर चुके थे और स्टुअर्ट ब्रॉड क्रीज पर थे तभी वरुण एरोन की बाउंसर गेंद को पुल करने के प्रयास में गेंद उनके नाक के पास लगी थी जिसके बाद वो मैदान छोड़कर चले गए थे।
इस गेंद के बाद ब्रॉड कभी वैसी बल्लेबाजी नहीं कर पाए जिसके लिए वो जाने जाते थे। ब्रॉड को नाक की सर्जरी करानी पड़ी थी।।ब्रॉड ने बाद में बताया भी कि उस गेंद ने उनको काफी दिक्कत पहुंचाई थी और उन्होंने कई महीनों तक अपना इलाज कराया था जिसके बाद उन्हें फायदा हुआ था। इंग्लैंड ने वो मैच आसानी से जीत लिया था और वो सीरीज भी अपने नाम को थी।
श्रीसंथ टू जैक कैलिस– साउथ अफ्रीका के दिग्गज ऑलराउंडर जैक कैलिस को भी दुनिया के बेस्ट पुल शॉट खेलने वालों में से माना जाता है। उन्होंने अपने बलबूते पर अपनी टीम को न जाने कितने मैच जिताए है। श्रीसंथ भारत के सबसे तेज गेंदबाजों में से एक थे जिनके पास बेजान सी पिच पर भी जादू दिखाने की कला थी।
हालांकि कुछ कारणों के चलते वो भारत के लिए ज्यादा मैच नहीं खेल पाए थे। लेकिन जब वो लय में होते थे तो उन्हें रोकना बहुत मुश्किल होता था। भारत की टीम साल 2011 के वर्ल्ड कप में पहले साउथ अफ्रीका का दौरा कर रही थी। ये मैच साल 2010 का है जब दूसरे टेस्ट मैच में साउथ अफ्रीका की टीम बल्लेबाजी कर रहे थी और उनको जीतने के लिए 303 रन बनाने थे और अफ्रीका की टीम ने नई गेंद के थ्रेट को आसानी से खत्म कर दिया था।
कैलिस और डिविलियर्स की जोड़ी क्रीज पर मौजूद थी और मैच को भारत से दूर ले जा रही थी तभी श्रीसंथ ने ऐसी बॉल डाली जिसके लिए वो जाने जाते थे। श्रीसंथ ने ओवर द विकेट से बैक ऑफ लेंथ बोल फेंकी थी जो अतिरिक्त बाउंस हुई और कैलिस ने उस गेंद से बचने की पूरी कोशिश की जिसके चक्कर में वो स्क्वायर्ड अप भी हुए लेकिन गेंद उनके ग्लव्स को छूकर हवा में चली गई जहां गली में खड़े सहवाग ने आसान से कैच पकड़ लिया और इंडिया ने ये मैच आसानी से जीत किया।
श्रीसंथ को इस गेंद को सबसे बेस्ट बाउंसर माना जाता है जिसने कैलिस जैसे बल्लेबाजों को चारों खाने चित्त कर दिया था।
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