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एजबेस्टन टेस्ट की जीत के बावजूद इन 2 खिलाड़ियों पर फूटा कोच गंभीर का गुस्सा, अब लॉर्ड्स से निकाल रहे बाहर

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Edgbaston Test: एजबेस्टन में भारत ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए इंग्लैंड को करारी शिकस्त दी, तो एक तरफ जहां टीम का आत्मविश्वास आसमान छू रहा है, वहीं दूसरी ओर कुछ खिलाड़ियों के भविष्य पर सवालिया निशान भी लग गए हैं। बता दे तीसरा टेस्ट लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर 10 जुलाई से खेला जाना है, और उससे पहले टीम संयोजन में बदलाव लगभग तय माना जा रहा है। 

जसप्रीत बुमराह की वापसी

एजबेस्टन टेस्ट की जीत के बावजूद इन 2 खिलाड़ियों पर फूटा कोच गंभीर का गुस्सा, अब लॉर्ड्स से निकाल रहे बाहर 1

बता दे जसप्रीत बुमराह की वापसी की पुष्टि हो चुकी है, लेकिन इस वापसी के साथ ही कुछ खिलाड़ियों को बाहर बैठने के लिए भी तैयार रहना होगा। सबसे पहले बात करते हैं तेज गेंदबाजी विभाग की। एजबेस्टन में टीम इंडिया की गेंदबाजी ने जबरदस्त प्रदर्शन किया, खासकर आकाश दीप और मोहम्मद सिराज ने जबरदस्त लय में गेंदबाजी की। लेकिन इस आक्रमण में एक ऐसा नाम भी रहा, जो बार-बार रन लुटाता रहा और विकेट निकालने में विफल रहा। 

प्रसिद्ध कृष्णा हुए फ्लॉप 

बता दे प्रसिद्ध कृष्णा ने अपनी तेज़ गेंदबाज़ ने बर्मिंघम टेस्ट की दोनों पारियों में क्रमशः 0/72 (13 ओवर) और 1/39 (14 ओवर) के आंकड़े दर्ज किए। सिर्फ इतना ही नहीं, तीसरे दिन इंग्लैंड के बल्लेबाज जेमी स्मिथ ने उनके एक ही ओवर में 23 रन जड़ दिए — चार चौके और एक छक्का। ये सिलसिला सिर्फ एजबेस्टन तक सीमित नहीं है। हेडिंग्ले में भी प्रसिद्ध कृष्णा महंगे साबित हुए थे। 

500 गेंदें फेंकने वाले गेंदबाज़ों में सबसे खराब इकॉनमी रेट

इतना ही नहीं, अब सोशल मीडिया पर यह आंकड़ा भी चर्चा में है कि टेस्ट क्रिकेट में (कम से कम 500 गेंदें फेंकने वाले गेंदबाज़ों में) सबसे खराब इकॉनमी रेट भी इसी खिलाड़ी के नाम है — प्रति ओवर पांच से ज्यादा रन खर्च करना टेस्ट में बहुत बड़ा खतरा माना जाता है। इन सब आंकड़ों और प्रदर्शन को देखते हुए यह लगभग तय है कि जसप्रीत बुमराह की वापसी की कीमत प्रसिद्ध कृष्णा को चुकानी पड़ सकती है।

चार की चार पारियों में करुण नायर हुए फ्लॉप 

अब नज़र डालते हैं बल्लेबाज़ी क्रम पर, जहां एक और खिलाड़ी मुश्किल में नजर आ रहे हैं — करुण नायर। बता दे इंग्लैंड दौरे पर करुण नायर को लगातार चार पारियों में मौका दिया गया, लेकिन वे किसी भी पारी में बड़ी पारी खेलने में नाकाम रहे। जबकि लीड्स और बर्मिंघम, दोनों ही मैदानों पर फ्लैट पिचें थीं, जहां कुल मिलाकर आठ पारियों में 3365 रन बने। लेकिन करुण नायर इन सपाट पिचों पर भी महज 77 रन ही बना सके, औसतन सिर्फ 19.25 की। उनका सर्वाधिक स्कोर रहा 32 रन।

लीड्स में करुण नायर को नंबर 3 पर बल्लेबाजी का मौका मिला, लेकिन उन्होंने 0 और 20 का योगदान दिया। वहीं बर्मिंघम की बल्लेबाज़ी के लिए स्वर्ग मानी जाने वाली पिच पर 31 और 26 रन बनाए।

चारों पारियों में वह कैच आउट हुए — दो बार स्लिप में, एक बार शॉर्ट कवर पर और एक बार कैच एंड बोल्ड। ये आंकड़े न केवल आत्मविश्वास की कमी दिखाते हैं, बल्कि यह भी बताते हैं कि वह अपनी तकनीक को इन परिस्थितियों के अनुरूप ढाल नहीं पाए।

तीसरे टेस्ट से पहले यह साफ संकेत

ऐसे में कहना गलत नहीं होगा कि तीसरे टेस्ट से पहले यह साफ संकेत मिल रहे हैं कि भारत एक और संतुलित और मजबूत संयोजन के साथ मैदान में उतरना चाहेगा, जहां फॉर्म और प्रभाव को ही प्राथमिकता दी जाएगी। ऐसे में जिन खिलाड़ियों ने मौकों का फायदा नहीं उठाया, उन्हें बाहर बैठने के लिए तैयार रहना होगा।

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