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फॉर्म जीरो, लेकिन सपोर्ट 100%, गंभीर की जिद्द से मैनचेस्टर टेस्ट खेलेगा ये फ्लॉप खिलाड़ी

Form zero, but support 100%, this flop player will play Manchester test due to Gambhir's insistence

Manchester test: करुण नायर—एक ऐसा नाम जिसे कभी भारत की टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक लगाने वाले खिलाड़ियों में गिना जाता था, अब उसी करुण नायर के लिए भारतीय टीम में बने रहना एक संघर्ष बन गया है। 8 साल के लंबे इंतजार के बाद जब उन्हें दोबारा इंडियन टेस्ट टीम की जर्सी पहनने का मौका मिला, तब शायद ही किसी ने सोचा होगा कि उनका प्रदर्शन इतना फीका रहेगा। लेकिन इन सबके बावजूद, चयनकर्ता और टीम मैनेजमेंट के बीच सबसे सशक्त आवाज बन चुके गौतम गंभीर की ज़िद्द के चलते करुण नायर को मैनचेस्टर टेस्ट में खेलने का एक और मौका मिल सकता है।

प्रदर्शन शून्य, लेकिन समर्थन भरपूर

फॉर्म जीरो, लेकिन सपोर्ट 100%, गंभीर की जिद्द से मैनचेस्टर टेस्ट खेलेगा ये फ्लॉप खिलाड़ी 1बता दे करुण नायर ने इस इंग्लैंड दौरे की शुरुआत शानदार की थी। याद दिला दे भारत ए के लिए कैंटरबरी में खेले गए मुकाबले में उन्होंने इंग्लैंड लायंस के खिलाफ दोहरा शतक लगाकर सबका ध्यान खींचा था। इसके बाद सबको  ऐसा लगा कि वो इस दौरे पर टेस्ट टीम में खुद को स्थापित कर पाएंगे। लेकिन हेडिंग्ले, एजबेस्टन और लॉर्ड्स में खेले गए 3 टेस्ट मुकाबलों में करुण नायर ने सिर्फ 131 रन बनाए, वो भी 22 से कम की औसत से।

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वहीं इन आंकड़ों के मद्देनज़र करुण नायर की जगह टीम में बनी रहना एक सवाल बन चुका है, खासकर तब जब लीड्स टेस्ट में डेब्यू करने वाले युवा साई सुदर्शन ने अपनी दूसरी पारी में 30 रन बनाकर काफी आत्मविश्वास दिखाया। लेकिन टीम मैनेजमेंट ने करुण नायरपर भरोसा बनाए रखा।

गंभीर का अडिग समर्थन

दरअसल, टीम के मौजूदा नेतृत्वकर्ता गौतम गंभीर, जो खुद भी करियर में आलोचनाओं से लड़ चुके हैं, करुण नायर को एक और मौका देने के पक्षधर में नज़र आ रहे हैं। बता दे गंभीर का मानना है कि ऐसे खिलाड़ी जो घरेलू क्रिकेट में सालों तक रनों का अंबार लगाते हैं, उन्हें सिर्फ कुछ असफल पारियों के बाद नहीं छोड़ा जाना चाहिए। बता दे गंभीर ने नायर को टीम में बनाए रखने के पीछे दो अहम कारण बताए हैं—एक, उनकी तकनीकी दक्षता और दूसरा, अनुभव जो इंग्लैंड की परिस्थितियों में बहुत मायने रखता है।

तकनीकी कमियां, लेकिन सुधार की गुंजाइश

ऐसे में पूर्व चयनकर्ता देवांग गांधी ने नायर के संघर्ष की तकनीकी वजहें भी बताई हैं। उन्होंने कहा कि नायर गेंद पर प्रतिक्रिया देने में देर कर रहे हैं, खासतौर पर जब गेंदबाज डिलीवरी देने वाला होता है, तब उनका अगला पैर हवा में होता है। इससे उनका संतुलन बिगड़ता है और वो तेज गेंदबाजों के खिलाफ परेशानी में आ जाते हैं। हालांकि, गांधी ने यह भी माना कि नायर हर पारी में कम से कम 30 गेंदें खेल रहे हैं, जो इस बात का संकेत है कि वो संघर्ष कर रहे हैं, हार नहीं मान रहे। लेकिन यह मेहनत अभी तक बड़े स्कोर में तब्दील नहीं हो पाई है।

मिलेगा एक और मौका

वहीं टीम मैनेजमेंट इस समय लगातार चोटों और खराब फॉर्म से जूझ रही है। बता दे मैनचेस्टर टेस्ट भारत के लिए निर्णायक है और ऐसे में टीम एक ऐसे अनुभवी बल्लेबाज को हटाने का जोखिम नहीं लेना चाहती जो हाल में टीम से जुड़ा हो और परिस्थितियों से वाकिफ हो। वहीं, युवा खिलाड़ियों के पास भविष्य में कई मौके होंगे, लेकिन नायर के पास शायद ये आखिरी मौका हो सकता है।

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Nitish Kumar

मैं नितीश कुमार, एक समर्पित क्रिकेट कंटेंट राइटर हूँ। मेरा लक्ष्य है मैदान पर...

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