Wriddhiman Saha: शुभमन गिल (Shubman Gill) की कप्तानी में टीम इंडिया (Team India) ने 5 अगस्त को इंग्लैंड के साथ इंग्लैंड में हुई पांच टेस्ट मैचों की सीरीज को दो-दो के बराबरी पर खत्म करने में कामयाबी दर्ज की। टीम इंडिया ने ओवल में अंतिम टेस्ट मैच को जीत सीरीज को ड्रॉ कर दिया।
भारत ने जैसे ही सीरीज ड्रॉ किया वैसे ही भारत के पूर्व स्टार विकेटकीपर बल्लेबाज रिद्धिमान साहा (Wriddhiman Saha) को हेड कोच पद की जिम्मेदारी मिल गई। तो आइए जानते हैं कि आखिर सारा माजरा क्या है।
Wriddhiman Saha बने हेड कोच
अपने गजब के विकेटकीपिंग स्किल्स से सभी भारतीय फैंस के दिलों में एक अलग पहचान बनाने वाले रिद्धिमान साहा (Wriddhiman Saha) को अब कोच पद का जिम्मा सौंप दिया गया है। 40 साल के रिद्धिमान साहा अब हमें बंगाल की अंडर 23 टीम की कोचिंग करते दिखाई देने वाले हैं, जिसकी जानकारी उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए दी है।
पोस्ट कर साहा ने दी जानकारी
भारत की ओर से 49 इंटरनेशनल मुकाबलों में हिस्सा लेने वाले रिद्धिमान साहा (Wriddhiman Saha) ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा। एक नए अध्याय में कदम रखते हुए…उन्होंने आगे लिखा बंगाल अंडर-19 टीम के मुख्य कोच के रूप में अपनी यात्रा शुरू करने पर गर्भ है। साहा ने बताया कोचिंग का मतलब सिर्फ निर्देश देना नहीं बल्कि इसका मतलब है आत्मविश्वास पैदा करना, कौशल निखारना और एक ऐसी टीम बनाना, जो एक-दूसरे के लिए खेले।
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने लिखा ईडन गार्डन्स में एक नई भूमिका में वापस आकर, उन प्रतिभाशाली लड़कों के साथ मिलकर काम करना, जिनमें खेल के लिए जुनून और लगन है, बेहद ख़ास लगा। उन्होंने आगे कहा कि वह एक-एक मैच, एक-एक सत्र में मार्गदर्शन करने, सीखने और साथ मिलकर आगे बढ़ने के लिए काफी उत्सुक हैं। अंत में उन्होंने सभी से दर्खावस्त की कि आइए इस सीज़न को मिलकर यादगार बनाएं।
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कुछ ऐसा है रिद्धिमान साहा का क्रिकेट करियर
बताते चलें कि रिद्धिमान साहा (Wriddhiman Saha) ने साल 2007 में प्रोफेशनल क्रिकेट में कदम रखा था। उन्होंने साल 2007 में अपना लिस्ट ए डेब्यू किया था। इसके बाद उन्होंने बंगाल के लिए उसी साल टी20 और फर्स्ट क्लास में भी डेब्यू किया। भारत के लिए वह साल 2010 में डेब्यू करते दिखाई दिए। 2010 में उन्हें टेस्ट और वनडे दोनों में डेब्यू करने का मौका मिला।
हालांकि वह इंडिया के लिए सिर्फ 9 वनडे मैच ही खेल पाए और इसकी पांच पारियों में उनके बल्ले से महज 41 रन निकले। उन्होंने इस दौरान 13.66 की औसत और 73.21 स्ट्राइक रेट से रन बनाए। उनका बेस्ट स्कोर महज 16 रन का रहा। हालांकि टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने 41 मैचों की 56 पारियों में 1353 रन बनाने का कारनामा किया। उन्होंने 29.41 की औसत और 45.50 की स्ट्राइक रेट से रन बनाए। उनके बल्ले से 3 शतक और 6 अर्धशतक निकले। उनका बेस्ट स्कोर 117 रनों का रहा।
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