Manchester Test: 23 जुलाई से मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर इंडिया और इंग्लैंड के बीच 5 मैचों की टेस्ट सीरीज का चौथा मुकाबला खेला जाएगा। बता दे इंडिया टीम पहले ही सीरीज में 1-2 से पीछे है और अगर यह मुकाबला गंवाया, तो सीरीज भी हाथ से निकल जाएगी। हालांकि चौथे टेस्ट से पहले हालात जिस तरह के बने हैं, उन्हें देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि भारत के लिए मैनचेस्टर टेस्ट जीतना बेहद मुश्किल होने वाला है। इस मैच में भारतीय टीम को तीन ऐसी गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जो उसे चौथे टेस्ट में हार की ओर धकेल सकती हैं।
चोटों ने टीम की रीढ़ तोड़ी
बता दे चौथे टेस्ट से पहले भारतीय टीम चोटों से बुरी तरह जूझ रही है। तेज गेंदबाजों की बात करें तो प्रमुख गेंदबाजों में से दो – अर्शदीप सिंह (अनुभवी) और आकाशदीप (युवा) – इस मुकाबले से बाहर हो चुके हैं। दरअसल, इन दोनों की गैरमौजूदगी में भारतीय पेस अटैक का संतुलन पूरी तरह बिगड़ गया है। इसके अलावा एक होनहार ऑलराउंडर नितीश कुमार रेड्डी, जो पिछले मैचों में गेंद और बल्ले दोनों से असरदार रहा था, वह भी चोट के चलते सीरीज से बाहर हो चुका है।
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साथ ही विकेटकीपर की भूमिका को लेकर भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। याद दिला दे पिछले मुकाबले में फील्डिंग के दौरान उंगली में चोट खाने वाले विकेटकीपर ऋषभ पंत अब तक पूरी तरह फिट नहीं हुए हैं। हालांकि ऐसी स्थिति में टीम को ध्रुव जुरेल को बतौर विकेटकीपर आजमाना पड़ सकता है, जो चौथे टेस्ट जैसे दबाव भरे मुकाबले में एक जोखिम भरा फैसला होगा। चोटों के इस सिलसिले ने टीम की स्थिरता और संतुलन को पूरी तरह हिला कर रख दिया है।
यशस्वी – करुण की फॉर्म बनी सिरदर्द
दरअसल, भारतीय बल्लेबाजी की शुरुआत ही लगातार फिसल रही है। सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने लॉर्ड्स टेस्ट में दोनों पारियों में बेहद निराशाजनक प्रदर्शन किया। पहली पारी में जहां उन्होंने 13 रन बनाए, वहीं दूसरी पारी में वह बिना खाता खोले ही लौट गए। दोनों बार उन्हें इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर ने बेहद आसानी से पवेलियन भेज दिया। बता दे यह चिंता का विषय इसलिए भी है क्योंकि ओल्ड ट्रैफर्ड की पिच पर भी तेज गेंदबाजों को भरपूर मदद मिलने की संभावना है।
वहीं मिडिल ऑर्डर में मौजूद अनुभवी बल्लेबाज करुण नायर भी अब तक मिले तीनों मौकों में खुद को साबित करने में नाकाम रहे हैं। याद दिला दे लॉर्ड्स टेस्ट में उन्होंने पहली पारी में 40 रन बनाए, लेकिन दूसरी पारी में 14 रन बनाकर सस्ते में आउट हो गए।
इससे पहले के मैचों में भी उनका प्रदर्शन औसत ही रहा है। इस वजह से दबाव हमेशा निचले क्रम पर आ गया, जो लगातार टीम को नुकसान पहुंचा रहा है। अगर टॉप और मिडिल ऑर्डर इसी तरह फ्लॉप रहा, तो मैनचेस्टर टेस्ट जीतना तो दूर, ड्रॉ कर पाना भी मुश्किल होगा।
इंग्लैंड के अनुकूल पिच, भारत के लिए जाल
वहीं ओल्ड ट्रैफर्ड की पिच हमेशा से तेज गेंदबाजों को मदद देती आई है। उछाल, स्विंग और सीम मूवमेंट यहां के मौसम और पिच का हिस्सा हैं। बता दे इंग्लैंड के पास इस परिस्थिति में खेलने वाले गेंदबाज मौजूद हैं, जो भारतीय बल्लेबाजों को मुश्किल में डाल सकते हैं।
इसके उलट इंडिया के पास अब वो पेस अटैक नहीं बचा है जो इस पिच का फायदा उठा सके। इसके साथ ही भारत की स्पिन जोड़ी इस मैदान पर खास असर नहीं डाल पाएगी, क्योंकि यहां स्पिनर्स को बहुत कम टर्न और ग्रिप मिलता है। यही वजह है कि पिच का मिजाज इंडिया टीम की रणनीति और ताकत के खिलाफ जा रहा है।