Manchester Test: इंग्लैंड के खिलाफ 5 टेस्ट मैचों की सीरीज अब निर्णायक मोड़ पर आ चुकी है। जहां इंडिया ने सीरीज में शुरुआती बढ़त बनाई थी, वहीं लॉर्ड्स में खेले गए तीसरे टेस्ट ने कुछ नए सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेष रूप से टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल को लेकर अब चर्चाएं तेज हो गई है।
लॉर्ड्स टेस्ट में यशस्वी का निराशाजनक प्रदर्शन
बता दे यशस्वी जायसवाल ने सीरीज के पहले दो टेस्ट मैचों में बेहतरीन बल्लेबाजी की थी और सभी को उनसे लॉर्ड्स में भी बड़ी उम्मीदें थीं। लेकिन ऐतिहासिक मैदान पर वह अपनी छाप छोड़ने में पूरी तरह नाकाम रहे। पहली पारी में कुछ रन बनाने के बाद, दूसरी पारी में तो उनका खाता भी नहीं खुला।
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दरअसल, जोफ्रा आर्चर की शॉर्ट गेंद को पुल करने के चक्कर में उन्होंने सीधा कैच थमा दिया और पवेलियन लौट गए। दूसरी पारी की इस नाकामी के बाद अब ये चर्चा जोरों पर है कि मैनचेस्टर टेस्ट में उन्हें आराम दिया जा सकता है।
मौके का इंतजार कर रहे अभिमन्यु ईश्वरन
बता दे ऐसे में अभिमन्यु ईश्वरन को मौका मिलने की पूरी संभावना बनती है। बंगाल के इस सलामी बल्लेबाज को लंबे समय से टीम इंडिया के साथ जोड़ा गया है, लेकिन उन्हें अब तक टेस्ट डेब्यू का मौका नहीं मिला है। इंग्लैंड सीरीज से पहले भी वह ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टीम के साथ थे, लेकिन एक भी बार प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं हो पाए।
ईश्वरन के प्रदर्शन की बात करें तो उनका रिकॉर्ड किसी भी सीनियर खिलाड़ी से कम नहीं है। 103 प्रथम श्रेणी मैचों में 7841 रन, 48.70 की औसत, 27 शतक और 31 अर्धशतक – ये आंकड़े खुद बयां करते हैं कि उन्हें आखिर क्यों मौका मिलना चाहिए।
अमीर बाप का बेटा, लेकिन अपनी मेहनत से बना मजबूत खिलाड़ी
बता दे अभिमन्यु ईश्वरन के पिता एक सफल चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं और उन्होंने बेटे के क्रिकेटिंग करियर को लेकर कभी कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने देहरादून में एक निजी क्रिकेट अकादमी भी स्थापित की थी ताकि अभिमन्यु को सर्वश्रेष्ठ ट्रेनिंग मिल सके। लेकिन यह कहना गलत होगा कि वे केवल “अमीर बाप का बेटा” हैं – उन्होंने घरेलू क्रिकेट में सालों की कड़ी मेहनत और दमदार प्रदर्शन के दम पर अपनी जगह बनाई है।
टीम के हित में बदलाव जरूरी
ऐसे में जब खिलाड़ी बार-बार फ्लॉप हो रहा हो, और बेंच पर एक अनुभवी और प्रदर्शन शील खिलाड़ी बैठा हो, तो टीम मैनेजमेंट को कठोर फैसले लेने ही पड़ते हैं। जायसवाल भले ही प्रतिभाशाली हैं, लेकिन इस स्तर पर निरंतरता सबसे अहम होती है। ऐसे में मैनचेस्टर टेस्ट में उन्हें आराम देकर ईश्वरन को डेब्यू का मौका देना न केवल तार्किक है, बल्कि टीम के लिए फायदेमंद भी हो सकता है।
अभिमन्यु ईश्वरन ने अपने प्रदर्शन से यह साबित किया है कि वह इस मंच के लिए तैयार हैं। लॉर्ड्स में फ्लॉप हुए ओपनर की जगह अब टीम को तरोताजा और लय में चल रहे खिलाड़ी की जरूरत है – और वो नाम है अभिमन्यु ईश्वरन।
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